ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2022 - E-Waste (Management) Rules, 2022 in Hindi

By Brajendra|Updated : November 15th, 2022

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के अधीन ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2022 (E-Waste (Management) Rules, 2022) को अधिसूचित किया है। ये नए नियम 1 अप्रैल 2023 से लागू होंगे। ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2022 के तहत केंद्र सरकार ने ई-अपशिष्ट श्रेणी में आने वाली वस्तुओं की संख्या बढाकर 21 से 106 कर दी है।

इस लेख में हम आपको ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2022 (E-Waste (Management) Rules, 2022) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं। उम्मीदवार नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करके ई अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2022 से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी का पीडीएफ़ हिंदी में डाउनलोड कर सकते हैं।

ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2022 ( E-Waste Management Rules, 2022 in Hindi)

  • ई-कचरा (प्रबंधन) नियम, 2022 को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा 2 नवंबर, 2022 को प्रकाशित किया गया था।
  • ई-कचरा (प्रबंधन) नियम, 2022 के तहत जारी नवीन नियम को 1 अप्रैल, 2023 से लागू किया जायेगा।
  • नवीन ई-कचरा (प्रबंधन) नियम, 2022 ई-अपशिष्ट या इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के निर्माण, बिक्री, हस्तांतरण, खरीद, नवीनीकरण, निराकरण, पुनर्चक्रण और प्रसंस्करण में शामिल सभी व्यवसायों और व्यक्तियों पर लागू किये जायेंगे।
  • नए नियमों के तहत, ई-कचरा के रूप में वर्गीकृत वस्तुओं की संख्या 21 से बढ़ाकर 106 कर दी गई है।
  • ई-कचरा (प्रबंधन) नियम, 2022 में सभी विद्युत उपकरण और रेडियोथेरेपी उपकरण, परमाणु चिकित्सा उपकरण और सहायक उपकरण, चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग (एमआरआई), बिजली के खिलौने, एयर कंडीशनर, माइक्रोवेव, टैबलेट, वाशिंग मशीन, रेफ्रिजरेटर, आईपैड और अन्य को शामिल किया गया हैं।

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  • ई-कचरा (प्रबंधन) नियम, 2022 में इलेक्ट्रॉनिक घटक, उपभोग्य वस्तुएं, पुर्जे को भी शामिल किया गया हैं जो इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों को परिचालन में लाते हैं।
  • नए नियम बेकार बैटरियों के लिए लागू नहीं होंगे, जो बैटरी वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स, 2022 के तहत आती हैं।
  • ई-कचरा (प्रबंधन) नियम, 2022 प्लास्टिक की पैकेजिंग के लिए भी लागू नहीं है, जो प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के अंतर्गत आते हैं।
  • ई-कचरा (प्रबंधन) नियम विद्युत और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के निर्माण के लिए खतरनाक पदार्थों के उपयोग को प्रतिबंधित करते हैं।
  • ई-कचरा (प्रबंधन) नियम, 2022 के तहत, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के निर्माताओं के लिए सीसा, पारा, कैडमियम और अन्य के उपयोग को कम करना अनिवार्य है जो मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
  • नए नियमों के तहत, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा खतरनाक पदार्थों के कम उपयोग के अनुपालन की निगरानी और सत्यापन के लिए बाजार में रखे बिजली और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का यादृच्छिक नमूनाकरण किया जायेगा।
  • नवीन अधिनियम के तहत, नए इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के आयात या बिक्री की अनुमति केवल तभी दी जाएगी जब वे सरकारी नियमों का पालन करते हों, यदि उत्पाद नियमों का पालन नहीं करता है, तो निर्माता को बाजार से सभी नमूने वापस लेने होंगे।

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ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2022 FAQs

  • इलेक्ट्रॉनिक अपशिष्ट (e -अपशिष्ट): यह टूटे या अप्रचलित इलेक्ट्रॉनिक घटकों और सामग्रियों के निपटान को संदर्भित करता है प्रौद्योगिकी इतनी तेजी से विकसित हो रही है कि इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जल्द ही अप्रचलित हो जाते हैं, जिससे ई-कचरा पैदा होता है। 

  • भारत में करीब 20 लाख टन सालाना ई-कचरा पैदा होता है। दुनिया में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक कचरा (ई-कचरा) पैदा करने वाले शीर्ष पांच देशों में भारत का नाम भी शुमार है। इसके अलावा इस सूची में चीन, अमेरिका, जापान और जर्मनी है। 

  • ई- कचरे में लेड, मरक्युरी, केडमियम जैसे घातक तत्व भी होते हैं। दरअसल ई-कचरे का निपटान आसान काम नहीं है क्योंकि इसमें प्लास्टिक और कई तरह की धातुओं से लेकर अन्य पदार्थ रहते हैं। इस कचरे को आग में जलाकर इसमें से आवश्यक धातु आदि निकाली जाती है। इसे जलाने से जहरीला धुंआ निकलता है जो काफी घातक होता है।

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