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भारतीय जैविक डेटा केंद्र (Indian Biological Data Center – IBDC in Hindi)
By BYJU'S Exam Prep
Updated on: September 25th, 2023
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने हाल ही में लाइफ साइंस डेटा- ‘इंडियन बायोलॉजिकल डेटा सेंटर’ (Indian Biological Data Center – IBDC) के पहले राष्ट्रीय भंडार कोष राष्ट्र को समर्पित किया है। भारतीय जैविक डेटा केंद्र जीवन विज्ञान डेटा के लिए भारत का पहला राष्ट्रीय भंडार है। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह द्वारा 10 नवंबर को रिपॉजिटरी का उद्घाटन हरियाणा के फरीदाबाद में किया गया है।
बायोटेक-प्राइड के दिशा-निर्देशों के अनुसार भारत में सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित अनुसंधान केन्द्रों से प्राप्त डेटा को आईबीडीसी के तहत कलेक्ट किया जाना अनिवार्य कर दिया गया है।
बायोटेक-प्राइड (डेटा एक्सचेंज के माध्यम से अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देना) गाइडलाइन जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी), विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा जारी किया गया था।
भारतीय जैविक डेटा केंद्र (Indian Biological Data Center – IBDC) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं। उम्मीदवार नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करके भारतीय जैविक डेटा केंद्र से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी का पीडीएफ़ हिंदी में डाउनलोड कर सकते हैं।
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Table of content
भारतीय जैविक डेटा केंद्र (Indian Biological Data Center – IBDC)
- केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेन्द्र सिहं ने हल ही में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) द्वारा विकसित बायोटेक-प्राइड (डेटा आदान-प्रदान के माध्यम से अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहन) दिशानिर्देश जारी कर दिए है। साथ ही मंत्री जी ने भारतीय जैविक डेटा केंद्र, आईबीडीसी (IBDC) की वेबसाइट का भी शुभारंभ किया है।
- डॉ. जितेंद्र सिंह के अनुसार 135 करोड़ से अधिक की बड़ी आबादी और देश की विविधस्थितियों को देखते हुए, भारत को भारतीय अनुसंधान और समाधान के लिए अपने स्वयं के विशिष्ट डेटाबेस की आवश्यकता है। उनके अनुसार देश में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है और स्वदेशी डेटाबेस में भारतीय नागरिकों के लाभ के लिए युवा वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं द्वारा डेटा के आदान-प्रदान और इसके अंगीकरण के लिए यह एक विशाल सक्षम तंत्र होगा।
- डॉ जितेंद्र सिंह के अनुसार पिछले 6-7 वर्षों में, मोदी सरकार ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी और विशेष रूप से अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में व्यापक प्रोत्साहन और प्राथमिकता दी है, और अबविश्व भारत के साथ रचनात्मक सहयोग और मिलकर कार्य करने के प्रति आशान्वित है।
- डॉ जितेंद्र सिंह के अनुसार डीबीटी द्वारा बायोटेक-प्राइड को जारी करना अपनी तरह की प्रथम पहल है। और जैविक डेटाबेस में योगदान देने वाले शीर्ष 20 देशों में भारत चौथे पायदाने पर है।
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क्या है भारतीय जैविक डेटा केंद्र (IBDC)
- भारतीय जैविक डेटा केंद्र जीवन विज्ञान डेटा के लिए भारत का पहला राष्ट्रीय भंडार है।
- यह देश में सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित अनुसंधान से उत्पन्न सभी जीवन विज्ञान डेटा को संग्रहीत करेगा।
- यह जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) की सहायता से संचालित होगा और दीर्घावधि में, IBDC भारत से उत्पन्न होने वाले सभी जीवन विज्ञान डेटा के लिए एक प्रमुख डेटा भंडार बनेगा।
- यह फरीदाबाद, हरियाणा में जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्रीय केंद्र (RCB) में स्थापित किया गया है। IBDC के पास NIC में एक बैकअप डेटा ‘आपदा रिकवरी’ साइट है। जो कि भुवनेश्वर में स्थित है।
- इसकी डेटा स्टोरेज क्षमता लगभग 4 पेटाबाइट्स है। जिसमे डिजीटल डेटा को ‘ब्रह्म’ नामक चार-पेटाबाइट क्षमता वाले सुपरकंप्यूटर पर संग्रहीत किया जाएगा। 1 पेटाबाइट में 10,00,000 गीगाबाइट (GB) होते हैं।
भारतीय जैविक डेटा केंद्र (IBDC) : उद्देश्य
- भारत से उत्पन्न होने वाले जैविक डेटा के संग्रह के लिए आईटी मंच प्रदान करना।
- FAIR (Findable, Accessible, Interoperable and Reusable) सिद्धांत के आधार पर जीवन विज्ञान डेटा के भंडारण और साझा करने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं का विकास करना।
- डेटा की गुणवत्ता नियंत्रण और क्यूरेशन करना, डेटा बैकअप बनाए रखना और डेटा जीवन चक्र का प्रबंधन करना।
- डेटा साझा करने या पुनर्प्राप्ति के लिए वेब-आधारित टूल/एपीआई विकसित करना
- बिग डेटा के विश्लेषण के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना और डेटा साझा करने के लाभों के बारे में जागरूकता पैदा करना।
भारतीय जैविक डेटा केंद्र (IBDC) : कार्य
IBDC को एक मॉड्यूलर फैशन में विकसित किया गया है। इसका मतलब यह है कि अलग-अलग सेक्शन अलग-अलग तरह के डेटा सेट से डील करते हैं। इसलिए, IBDC ने दो अलग-अलग डेटा पोर्टल्स – इंडियन न्यूक्लियोटाइड डेटा आर्काइव (INDA) और इंडियन न्यूक्लियोटाइड डेटा आर्काइव – कंट्रोल्ड एक्सेस (INDA-CA) के माध्यम से न्यूक्लियोटाइड डेटा सबमिशन सेवाओं की शुरुआत की थी।
भारतीय जैविक डेटा केंद्र (IBDC) : महत्त्व
- भारतीय जैविक डेटा केंद्र (IBDC) अमेरिकी और यूरोपीय डेटा बैंकों पर भारतीय शोधकर्त्ताओं की निर्भरता को कम करने में मदद करेगा ।
- IBDC न केवल शोधकर्त्ताओं को अपने डेटा को देश के भीतर सुरक्षित रूप से संग्रहीत करने के लिये एक मंच प्रदान करेगा, बल्कि विश्लेषण के लिये स्वदेशी अनुक्रमों के एक बड़े डेटाबेस तक पहुँच भी प्रदान करेगा।
- इस तरह के डेटाबेस से हमें पारंपरिक बीमारियों के आनुवंशिक आधार को समझने और निर्धारित करने साथ ही टीकों एवं उपचारों के लिये लक्ष्य खोजने में मदद मिली है।
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