भारतीय संसद का ऊपरी सदन को किस रूप में जाना जाता है?

By Raj Vimal|Updated : August 1st, 2022

भारतीय संसद में भारत के लोगों के लिए कानून बनाये जाते हैं। इसके दो सदन होते हैं, जिसे हम निचला सदन और उपरी सदन के नाम से जानते हैं। लोक सभा को निचला सदन तथा राज्यसभा को ऊपरी सदन कहा जाता है। दोनों सदनों को मिलाकर सदस्यों की संख्या 790 होती है, जिनमें 245 सदस्य राज्यसभा के होते हैं (वर्तमान)। दोनों सदनों में बहुत फर्क होता है।

राज्यसभा या ऊपरी सदन क्या होता है?

राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव राज्यों के विधानसभाओं के चुने हुए विधायक करते हैं। जैसा की नाम से ही समझ आता है राज्य सभा का अर्थ राज्यों का परिषद है। इनके सदस्यों का चुनाव जनता नहीं बल्कि जनता के प्रतिनिधि करते हैं। राज्य सभा में 250 प्रतिनिधि चुने जाते हैं, जिनमे 238 को विधायक चुनते हैं वहीँ 12 सदस्यों को राष्ट्रपति मनोनीत करते हैं। इस समय संसद के राज्य सभा में 245 हैं।

यह 12 सदस्य समाज के अलग अलग हिस्सों से आते हैं, जिन्होंने अपने सम्बंधित क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन किया होता है। संसद में चुने गए सदस्यों का कार्यकाल 6 साल का होता है, अर्थात 2022 में बने राज्यसभा सांसद का कार्यकाल 2028 में पूरा होगा।

लोकसभा और राज्यसभा में अंतर

  • लोकसभा को निचला और राज्यसभा को ऊपरी सदन कहा जाता है।
  • लोकसभा सदस्य जनता के द्वारा चुने जाते हैं और राज्यसभा सदस्य राज्य के विधायक चुनते हैं।
  • लोकसभा के सदस्यों का कार्यकाल 5 साल तथा राज्यसभा के सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है।
  • लोकसभा के सदस्यों कि संख्या 545 होती है और राज्यसभा की 250।

Summary

भारतीय संसद का ऊपरी सदन किसे कहा जाता है?

भारत के संसद का उच्च सदन राज्यसभा कहलाता है, जहाँ लोकसभा से पास हुए बिलों पर चर्चा की जाती है। यहाँ सदस्यों कि संख्या 250 तक हो सकती है। 238 राज्यसभा सांसदों को विधायक चुनते हैं वहीँ 12 सदस्य मनोनीत किये जाते हैं।

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भारतीय संसद का ऊपरी सदन को किस रूप में जाना जाता है FAQs

  • राज्य सभा को संसद का ऊपरी सदन कहा जाता है। जिसमें सदस्यों कि संख्या लोकसभा से आधी होती है।

  • 250 सदस्य संसद कि ऊपरी सभा में चुने जा सकते हैं। अभी राज्यसभा सांसदों कि संख्या 245 है।

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