स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल कौन थे?

By Sakshi Yadav|Updated : August 25th, 2022

स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल लॉर्ड माउंटबेटन थे। उन्होंने 1947 में भारत के वायसराय के रूप में लॉर्ड वेवेल की जगह ली थी। भारत और पाकिस्तान का विभाजन उनके द्वारा तैयार की गई योजना के तहत किया गया था, जिसे माउंटबेटन योजना के रूप में जाना जाता है। लार्ड माउंटबेटन का मूल नाम लुई फ्रांसिस अल्बर्ट विक्टर निकोलस था। ये बैटनबर्ग के राजकुमार, ब्रिटिश राजनेता, नौसैनिक नेता और भारत के वायसराय थे।

स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल के कार्य

  • लॉर्ड माउंटबेटन के पास मूल रूप से बंगाल में फोर्ट विलियम के प्रेसीडेंसी पर ही अधिकार था। 
  • गवर्नर-जनरल वह व्यक्ति होता है जिसे ब्रिटेन के मुख्य प्रतिनिधि के रूप में एक पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश में भेजा जाता है।
  • ईस्ट इंडिया कंपनी (मद्रास, बॉम्बे और बेनकूलेन) की अनुमति के बिना गवर्नर-जनरल भारतीय राजकुमार के साथ युद्ध की घोषणा नहीं कर सकते है। 

Summary

स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल कौन थे?

लॉर्ड माउंटबेटन स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल थे। मार्च 1947 में, माउंटबेटन को भारत का वायसराय नियुक्त किया गया और उन्होंने जून 1948 तक भारत के पहले गवर्नर-जनरल के रूप में कार्य किया था। लॉर्ड माउंटबेटन ने भारत और पाकिस्तान में ब्रिटिश भारत के विभाजन की देखरेख की थी।

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