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लंपी त्वचा रोग वायरस (LSDV) – लक्षण, कारण और बचाव
By BYJU'S Exam Prep
Updated on: September 25th, 2023

दुधारू पशुओं के बीच लंपी त्वचा रोग (Lumpy Disease in dairy Animals) का कहर तेजी से बढ़ रहा है, जिसकी वजह से अभी तक हजारों पर पशु अपनी जान गवा चुके हैं। लंपी वायरस मुख्य रूप से गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में फैल गया है।
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लंपी त्वचा रोग वायरस (LSDV) – क्या है LSDV, कैसे फैलता है और इसके दुष्प्रभाव
- एलएसडी एक संक्रामक रोग है, जिसमें पशुओं में बुखार और त्वचा पर दाने या गांठ निकलने जैसे लक्षण पनपते हैं। इससे उनकी मौत भी हो सकती है।
- यह बीमारी संक्रमित मच्छरों, मक्खियों, जूं और अन्य कीटों के सीधे संपर्क में आने से फैलती है।
- दूषित भोजन-पानी और हवा के माध्यम से भी यह रोग फैलता है।
- ये बीमारी सबसे पहले साल 1929 में अफ्रीका में पाई गई थी। साल 2015 में तुर्की और ग्रीस और 2016 में रूस में फैली। जुलाई 2019 में इस वायरस का कहर बांग्लादेश में देखा गया। भारत में ये बीमारी 2019 में पश्चिम बंगाल में देखी गई थी।
- भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) के संयुक्त निदेशक के अनुसार एलएसडी जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाला रोग नहीं है।
- ‘संक्रमित पशुओं से प्राप्त होने वाले दूध का सेवन किया जा सकता है।
- यदि पशु को समय पर टीका दिया गया हो तो बीमारी और दूध उत्पादन पर लंपी रोग के असर को कम किया जा सकता है।
- इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए अभी तक राज्यों में ‘गोट पॉक्स’ टीका दिया जा रहा है।
- भारतीय वैज्ञानिकों ने भी लंपी प्रो-वैक-इंड नामक स्वदेशी वैक्सीन (Lumpy Pro-vac-Ind Vaccine) का आविष्कार कर लिया है और इस पर अभी ट्रायल्स चल रहा हैं।
लंपी त्वचा रोग वायरस – Download PDF
उम्मीदवार नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके लंपी त्वचा रोग वायरस (LSDV) नोट्स हिंदी में डाउनलोड कर सकते हैं। इसके अलावा, हमने इसे बेहतर तरीके से समझने के लिए आपकी सुविधा के लिए वीडियो भी उपलब्ध कराया है।
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