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भारतीय संविधान का 73वां संशोधन अधिनियम – महत्त्व और विशेषताएँ
By BYJU'S Exam Prep
Updated on: September 25th, 2023

पंचायत संस्थाओं को मजबूत बनाने और उन्हें संवैधानिक दर्जा दिलाने के उद्देश्य से 73वां संविधान संशोधन अधिनियम 1992 में संसद द्वारा पारित किया गया था। जो 24 अप्रैल 1993 को प्रभाव से लागू हुआ था। इसीलिए प्रत्येक वर्ष 24 अप्रैल को पंचायती राज दिवस मनाया जाता हैं।
Table of content
भारतीय संविधान का 73वां संशोधन (73rd Amendment of the Indian Constitution)
73वां संविधान संशोधन अधिनियम 1992 के तहत पंचायत संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया था। इस संसंशोधन अधिनियम के तहत निम्न प्रावधान किये गए थे :
- संविधान में 73वें संविधान संशोधन अधिनियम (73rd Amendment Act) के तहत भाग IX का शीर्षक पंचायत रखा गया।
- भाग IX में अनुच्छेद 243(A) से 243(O) के प्रावधान सम्मिलित किये गए।
- संविधान में एक नयी 11वीं अनुसूची जोड़ी गई जिसमें 29 कार्यकारी विषय शामिल करके पंचायतों को उन पर कार्य करने की शक्ति प्रदान की गई।
73वें संविधान संशोधन अधिनियम से संबंधित अनुच्छेद
73वें संविधान संशोधन अधिनियम ने भारतीय संविधान में एक नया भाग IX सम्मिलित किया है। इसका उल्लेख पंचायतों के रूप में किया गया था और अनुच्छेद 243 से 243 (ओ) के प्रावधानों को शामिल किया गया जिनका उल्लेख नीचे किया गया है|
अनुच्छेद 243 – परिभाषाएँ
- अनुच्छेद 243 क (A) – ग्रामसभा
- अनुच्छेद 243 ख (B) – ग्राम पंचायतों का गठन
- अनुच्छेद 243 ग (C) – पंचायतों की संरचना
- अनुच्छेद 243 घ (D) – स्थानों का आरक्षण
- अनुच्छेद 243 ङ (E) – पंचायतों की कार्यकाल
- अनुच्छेद 243 च (F) – सदस्यता के लिए अयोग्यताएँ
- अनुच्छेद 243 छ (G) – पंचायतों की शक्तियाँ , प्राधिकार और उत्तरदायित्व
- अनुच्छेद 243 ज (H) – पंचायतों द्वारा कर लगाने की शक्तियाँ और उनकी निधियाँ
- अनुच्छेद 243 झ (I) – वित्तीय स्थिति के पुनर्विलोकन के लिए वित्त आयोग का गठन
- अनुच्छेद 243 ञ (J) – पंचायतों की लेखाओं की संपरीक्षा
- अनुच्छेद 243 ट (K) – पंचायतों के लिए निर्वाचन
- अनुच्छेद 243 ठ (L) – संघ राज्यों क्षेत्रों को लागू होना
- अनुच्छेद 243 ड (M) – इस भाग का कतिपय क्षेत्रों को लागू न होना
- अनुच्छेद 243 ढ (N) – विद्यमान विधियों और पंचायतों का बना रहना
- अनुच्छेद 243 ण (O) – निर्वाचन सम्बन्धी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्णन
11वीं अनुसूची में शामिल विषय
- कृषि (कृषि विस्तार शामिल)।
- भूमि विकास, भूमि सुधार कार्यान्वयन, चकबंदी और भूमि संरक्षण।
- लघु सिंचाई, जल प्रबंधन और जल-विभाजक क्षेत्र का विकास।
- पशुपालन, डेयरी उद्योग और कुक्कुट पालन।
- मत्स्य उद्योग।
- सामाजिक वानिकी और फार्म वानिकी।
- लघु वन उपज।
- लघु उद्योग जिसके अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग भी शामिल हैं।
- खादी, ग्राम उद्योग एवं कुटीर उद्योग।
- ग्रामीण आवासन।
- पेयजल।
- ईंधन और चारा।
- सड़कें, पुलिया, पुल, फेरी, जलमार्ग और अन्य संचार साधन।
- ग्रामीण विद्युतीकरण, जिसके अंतर्गत विद्युत का वितरण शामिल है।
- अपारंपरिक ऊर्जा स्रोत।
- गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम।
- शिक्षा, जिसके अंतर्गत प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय भी हैं।
- तकनीकी प्रशिक्षण और व्यावसायिक शिक्षा।
- प्रौढ़ और अनौपचारिक शिक्षा।
- पुस्तकालय।
- सांस्कृतिक क्रियाकलाप।
- बाज़ार और मेले।
- स्वास्थ्य और स्वच्छता (अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और औषधालय)।
- परिवार कल्याण।
- महिला और बाल विकास।
- समाज कल्याण (दिव्यांग और मानसिक रूप से मंद व्यक्तियों का कल्याण)।
- दुर्बल वर्गों का तथा विशिष्टतया अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का कल्याण।
- सार्वजनिक वितरण प्रणाली।
- सामुदायिक आस्तियों का अनुरक्षण।
भारतीय संविधान के अन्य अनुच्छेद एवं संशोधन |
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