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स्कूल बैग और होमवर्क के लिए सरकार की गाइडलाइंस
By BYJU'S Exam Prep
Updated on: September 25th, 2023
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (New Education Policy 2020) के अनुसार अब पहली से लेकर 10वीं तक के छात्र-छात्राओं के स्कूली बस्ते का भार उनके शारीरिक वजन के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पहली और दूसरी क्लास के विद्यार्थियों को होमवर्क न देने के नए निर्देश जारी किये हैं। और साथ ही दसवीं क्लास तक विद्यार्थियों के स्कूल बैग का वज़न भी तय कर दिया गया है।
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स्कूल बैग और होमवर्क के लिए सरकार की गाइडलाइंस
- बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं और उन पर ही देश का कल निर्भर है, इसी के मद्देनज़र केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पहली और दूसरी क्लास के विद्यार्थियों को होमवर्क न देने के नए निर्देश जारी किये हैं। और साथ ही दसवीं क्लास तक विद्यार्थियों के स्कूल बैग का वज़न भी तय कर दिया है।
- नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुसार जारी गाइडलाइन में पहली से लेकर 10वीं तक के छात्र-छात्राओं के स्कूली बस्ते का वजन उनके शारीरिक वजन के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा।
कितना होगा स्कूल बैग का वजन
पहली – 1.6-2.2 किग्रा तक
दूसरी – 1.6-2.2 किग्रा तक
तीसरी -1.7-2.5 किग्रा तक
चौथी – 1.7-2.5 किग्रा तक
पांचवी – 1.7-2.7 किग्रा तक
छठवी – 2.0-3.0 किग्रा तक
सातवीं – 2.0-3.0 किग्रा तक
आठवीं – 2.5-4.0 किग्रा तक
नौंवी – 2.5-4.5 किग्रा तक
दसवीं – 2.5-4.5 किग्रा तक
केंद्रीय विद्यालय संगठन के 2009 में बने दिशा-निर्देशों के अनुसार, ही केंद्र सरकार ने यह कदम उठाया है ताकि पहली से दसवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को बैग के वजन से रहत मिल सकें।
केंद्र सरकार के दिशा निर्देश:
- विभिन्न विषयों को पढ़ाने और स्कूल बैग के वज़न को कम करने के लिये सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को दिशा-निर्देश तैयार करें ।
- पहली और दूसरी क्लास के विद्यार्थियों को होमवर्क नहीं दिया जाए। साथ ही भाषा (Language) और गणित को छोड़कर कोई अन्य विषय निर्धारित नहीं किया जाए।
- तीसरी से पाँचवीं क्लास तक के विद्यार्थियों के लिये NCERT द्वारा निर्धारित भाषा (Language), EVS और गणित के अलावा कोई अन्य विषय निर्धारित नहीं किया जाए।
- विद्यार्थियों को अतिरिक्त किताबें, अतिरिक्त सामग्री लाने के लिये नहीं कहा जाएऔर स्कूल बैग का वज़न निर्धारित सीमा से अधिक न हो।
यशपाल समिति
- 1992 में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा गठित राष्ट्रीय सलाहकार समिति जिसमे देश भर के आठ शिक्षाविदों को शामिल किया गया था । इस समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर यशपाल थे।
- 1993 में यशपाल समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी जिसमें भी स्कूल बैग का बोझ कम करने के उपाय बताए थे।
- समिति ने अपनी सिफारिशों में कहा था कि पाठ्यपुस्तकों को स्कूल की संपत्ति समझा जाए और बच्चों को स्कूल में ही किताब रखने के लिए लॉकर्स अलॉट किए जाएँ।
- रिपोर्ट में छात्रों के होमवर्क और क्लास वर्क के लिए भी अलग टाइम-टेबल बनाया ताकि बच्चों को रोज़ाना किताबें घर न ले जानी पड़ें।
स्कूल बैग और होमवर्क के लिए सरकार की गाइडलाइंस – Download PDF
उम्मीदवार नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके स्कूल बैग और होमवर्क के लिए सरकार की गाइडलाइंसनोट्स हिंदी में डाउनलोड कर सकते हैं।
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