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नीति आयोग – NITI Ayog in Hindi
By BYJU'S Exam Prep
Updated on: September 25th, 2023

आजादी के बाद हमारे देश के सामाजिक और आर्थिक विकास हमने तत्कालीन सोवियत संघ के आर्थिक नियोजन मॉडल को अपनाया था , ताकि देश का नियोजित विकास हो। उस समय 15 मार्च 1950 को योजना आयोग की स्थपना की गई थी, जो देश के लिए पंचवर्षीय योजनाओं का प्रारूप तैयार करता था। योजना आयोग कई दशकों तक कार्यरत रहा किन्तु केंद्र में सत्ता परिवर्तन होने के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक संकल्प पारित कर योजना आयोग के स्थान पर 1 जनवरी, 2015 को नीति (NITI) आयोग का गठन किया।
Table of content
नीति आयोग (NITI COMMISSION)
- देश में आर्थिक नियोजन के लिए 65 वर्षों से कार्यरत योजना आयोग अप्रासंगिक हो गया था अतः 2014 में केंद्र में NDA की सरकार बनने के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने योजना आयोग के स्थान पर नई सस्था की स्थापना की ओर इशारा किया था।
- नीति (NITI) आयोग का गठन केंद्रीय मंत्रिमंडल के प्रस्ताव पर 1 जनवरी 2015 को हुआ था।
- नीति (NITI) आयोग एक संविधानेत्तर सलाहकारी संस्था है।
- नीति (NITI) आयोग का पूरा नाम नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (National Institution For Transforming India) है।
नीति आयोग की संरचना:
अध्यक्ष: देश का प्रधानमंत्री
उपाध्यक्ष: प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त
संचालन परिषद: गवर्निंग काउंसिल में राज्यों के मुख्यमंत्री और केन्द्रशासित प्रदेशों (जिन केन्द्रशासित प्रदेशो में विधानसभा है वहां के मुख्यमंत्री) के उपराज्यपाल
क्षेत्रीय परिषद: विशिष्ट क्षेत्रीय मुद्दों को संबोधित करने के लिये प्रधानमंत्री या उसके द्वारा नामित व्यक्ति मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों की बैठक की अध्यक्षता करता है।
अंशकालिक सदस्य: अग्रणी अनुसंधान संस्थानों से बारी-बारी से 2 पदेन सदस्य।
पदेन सदस्यता: प्रधानमंत्री द्वारा नामित केंद्रीय मंत्रिपरिषद के अधिकतम चार सदस्य।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO): भारत सरकार का सचिव जिसे प्रधानमंत्री द्वारा एक निश्चित कार्यकाल के लिए नियुक्त किया जाता है।
विशेष आमंत्रित: प्रधानमंत्री द्वारा नामित विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ।
सचिवालय: आवश्यकता के अनुसार (नई दिल्ली)
नोट: नीति आयोग के पहले उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया थे तथा वर्तमान में सुमन बेरी इसके उपाध्यक्ष हैं और CEO परमेश्वरन अय्यर हैं।
नीति आयोग के दो प्रमुख केंद्र:
1. टीम इंडिया – राज्यों और केंद्र के बीच इंटरफेस का कार्य
2. ज्ञान और नवोन्मेष (Knowledge & Innovation) – नीति आयोग देश में योजना निर्माण के लिए थिंक-टैंक की भाँति कार्य करता है।
नीति आयोग ने तीन दस्तावेज़ जारी किये हैं, जिसमें 3 वर्षीय कार्य एजेंडा, 7 वर्षीय मध्यम अवधि की रणनीति का दस्तावेज़ और 15 वर्षीय लक्ष्य दस्तावेज़ शामिल हैं।
नीति आयोग की प्रमुख पहल:
नीति आयोग ने अपने कार्यान्वयन के साथ कुछ प्रमुख पहलों की शुरुआत की है, जो निम्नलिखित हैं:
- ज़िला अस्पताल सूचकांक
- स्वास्थ्य सूचकांक
- कृषि विपणन और किसान हितैषी सुधार सूचकांक
- भारत नवाचार सूचकांक
- SDG इंडिया इंडेक्स
- समग्र जल प्रबंधन सूचकांक
- अटल इनोवेशन मिशन
- साथ परियोजना
- आकांक्षी ज़िला कार्यक्रम
- स्कूल शिक्षा गुणवत्ता सूचकांक
- वुमन ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया अवार्ड्स
- सुशासन सूचकांक
नीति आयोग के उद्देश्य:
नीति आयोग सरकार के थिंक टैंक के रूप में सेवाएँ प्रदान करने और उसे निर्देशात्मक एवं नीतिगत गतिशीलता प्रदान करने का कार्य करता है। नीति आयोग, केन्द्र और राज्य स्तरों पर सरकार को नीति के प्रमुख कारकों के सम्बन्ध में प्रासंगिक महत्वपूर्ण एवं तकनीकी परामर्श उपलब्ध कराने के साथ निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए कार्य करता है:
- राष्ट्रीय उद्देश्यों को दृष्टिगत रखते हुए राज्यों की सक्रिय भागीदारी के साथ राष्ट्रीय विकास प्राथमिकताओं, क्षेत्रों और रणनीतियों का एक साझा दृष्टिकोण विकसित करना।
- नीति आयोग का विजन बल प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों को ‘राष्ट्रीय एजेंडा’ का प्रारूप उपलब्ध कराना है।
- सशक्त राज्य ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण कर सकता है इस तथ्य की महत्ता को स्वीकार करते हुए राज्यों के साथ सतत आधार पर संरचनात्मक सहयोग की पहल और तंत्र के माध्यम से सहयोगपूर्ण संघवाद को बढ़ावा देना।
- ग्राम स्तर पर विश्वसनीय योजना तैयार करने के लिए तंत्र विकसित करना और इसे उत्तरोत्तर उच्च स्तर तक पहुंचना।
- नीति आयोग यह सुनिश्चित करता है कि जो क्षेत्र विशेष रूप से उसे सौंपे गए हैं उनकी आर्थिक कार्य नीति और नीति में राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों को शामिल किया गया है या नहीं ।
- हमारे समाज के उन वर्गों पर विशेष रूप से ध्यान देना जिन तक आर्थिक प्रगति से उचित प्रकार से लाभान्वित ना हो पाने का जोखिम है।
- रणनीतिक और दीर्घावधि के लिए नीति तथा कार्यक्रम का ढ़ांचा तैयार करना और उनकी शुरुआत करना। साथ ही उनकी प्रगति और क्षमता की निगरानी करना।
- महत्वपूर्ण हितधारकों तथा समान विचारधारा वाले राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय थिंक टैंक और साथ ही साथ शैक्षिक और नीति अनुसंधान संस्थानों के बीच भागीदारी को परामर्श और प्रोत्साहन देना।
- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों, प्रैक्टिशनरों तथा अन्य हितधारकों के सहयोगात्मक समुदाय के जरिए ज्ञान, नवाचार, उद्यमशीलता सहायक प्रणाली बनाना।
- विकास के एजेंडे के कार्यान्वयन में तेजी लाने के क्रम में अंतर-क्षेत्रीय और अंतर-विभागीय मुद्दों के समाधान के लिए एक मंच प्रदान करना।
- अत्याधुनिक कला संसाधन केंद्र बनाना जो सुशासन तथा सतत और न्यायसंगत विकास की सर्वश्रेष्ठ कार्यप्रणाली पर अनुसंधान करने के साथ-साथ हितधारकों तक जानकारी पहुंचाने में भी मदद करना।
- आवश्यक संसाधनों की पहचान करने सहित कार्यक्रमों और उपायों के कार्यान्वयन के सक्रिय मूल्यांकन और सक्रिय निगरानी करना। ताकि सेवाएं प्रदान करने में सफलता की संभावनाओं को मजबूत बनाया जा सके।
- कार्यक्रमों और नीतियों के क्रियान्वयन के लिए प्रौद्योगिकी उन्नयन और क्षमता निर्माण पर जोर देना।
- राष्ट्रीय विकास के एजेंडा और उपरोक्त उद्देश्यों की पूर्ति के लिए अन्य आवश्यक गतिविधियां संपन्न करना।
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