hamburger

हर्षवर्धन के दरबारी कवि कौन थे?

By BYJU'S Exam Prep

Updated on: September 25th, 2023

हर्षवर्धन या हर्ष (606ई.-647ई.), राज्यवर्धन के बाद लगभग 606 ई. में थानेश्वर के सिंहासन पर बैठा। हर्ष के विषय में हमें बाणभट्ट के हर्षचरित से व्यापक जानकारी मिलती है। हर्ष ने लगभग 41 वर्ष शासन किया। इन वर्षों में हर्ष ने अपने साम्राज्य का विस्तार जालंधर, पंजाब, कश्मीर, नेपाल एवं बल्लभीपुर तक कर लिया। इसने आर्यावर्त को भी अपने अधीन किया। हर्ष को बादामी के चालुक्यवंशी शासक पुलकेशिन द्वितीय से पराजित होना पड़ा। ऐहोल प्रशस्ति (634 ई.) में इसका उल्लेख मिलता है। 647 ई. में हर्षवर्धन की मृत्यु हो गई थी।  

Summary:

हर्षवर्धन के दरबारी कवि कौन थे?

बाणभट्ट राजा हर्षवर्धन के दरबारी कवि थे। बाणभट्ट ने संस्कृत में हर्षवर्धन की जीवनी हर्षचरित लिखी थी। हर्षचरित, कादंबरी बाणभट्ट की रचनाएँ हैं। हर्षवर्धन स्वयं एक नाटककार एवं कवि था। नागानंद, प्रियदर्शिका और रत्नावली हर्षवर्धन की रचनाएँ है। हर्षवर्धन भारत का अंतिम हिन्दू सम्राट था।

Related Link:

Our Apps Playstore
POPULAR EXAMS
SSC and Bank
Other Exams
GradeStack Learning Pvt. Ltd.Windsor IT Park, Tower - A, 2nd Floor, Sector 125, Noida, Uttar Pradesh 201303 help@byjusexamprep.com
Home Practice Test Series Premium