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नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 – Citizenship Amendment Act 2019
By BYJU'S Exam Prep
Updated on: September 25th, 2023
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नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 12 दिसंबर, 2019 को अधिसूचित किया गया था और 10 जनवरी, 2020 को लागू हुआ था। नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 के तहत अफगानिस्तान, बांग्लादेश या पाकिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी या ईसाई समुदायों के प्रवासियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है।
Table of content
नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019
- नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा में 10 दिसम्बर 2019 को तथा राज्यसभा में 11 दिसम्बर 2019 को परित हुआ था।
- 12 दिसम्बर को भारत के राष्ट्रपति ने इसे अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी थी।और यह विधेयक एक अधिनियम के रूप में 10 जनवरी 2020 से पूरे भारत वर्ष में लागू हो गया था।
- नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से 31दिसम्बर 2014 के पूर्व भारत आए हुए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी, ईसाई को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है।
- 20 दिसम्बर 2019 को पाकिस्तान से आये 7 शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देकर इस अधिनियम की शुरुआत की गई थी। लेकिन यह अधिनियम 10 जनवरी 2020 से प्रभावी हुआ था।
नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 के प्रावधान
- नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के अनुसार, 31 दिसंबर, 2014 को या उससे पहले अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से भारत आए हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों एवं ईसाइयों को अवैध प्रवासी नहीं माना जाएगा।
- नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के अनुसार, 31 दिसंबर, 2014 को या उससे पहले अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से भारत आए हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों एवं ईसाइयों को अवैध प्रवासी नहीं माना जाएगा। उन्हें अब भारत की नागरिकता प्रदान की जाएगी।
- नागरिकता संसोधन अधिनियम 2019 के तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से भारत में आने वाले हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी धर्म वाले लोगो को नागरिकता दी जाएगी।
- नागरिकता संसोधन अधिनियम 2019 अंतर्गत यह प्रावधान किया गया कि पड़ोसी देशों के अल्संख्यक यदि 5 साल से भारत में रह रहे हैं तो वे अब भारत की नागरिकता प्राप्त कर सकते है। पहले भारत की नागरिकता प्राप्त करने के लिए 11 साल भारत में रहना अनिवार्य था।
- नागरिकता संसोधन अधिनियम 2019 के तहत जो प्रवासी 31 दिसम्बर 2014 से भारत में अवैध रूप से रह रहे है अब भारतीय नागरिकता हेतु आवेदन कर कर सकते है।
भारतीय नागरिकता
किसी भी देश में नागरिकता (citizenship) एक विशेष सामाजिक, राजनैतिक, राष्ट्रीय, या मानव संसाधन समुदाय का एक नागरिक होने की अवस्था है। जो नागरिकों को सम्बंधित देश के प्रति अधिकार और कर्तव्यों का बोध कराती है। भारतीय नागरिकता से सम्बन्धित प्रावधानों का वर्णन भारतीय संविधान के भाग 2 में अनुच्छेद 5 से 11 में दिया गया है।
भारतीय नागरिकता अधिनियम
भारत का संविधान 26 नवम्बर 1949 को संविधान सभा द्वारा स्वीकार किया गया था। उस दिन भारत में जो भी लोग रह रहे थे, वे सभी स्वतः भारत के नागरिक हो गए थे। भारत का संविधान लागु के होने के बाद भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 में पारित किया गया था जिसके अनुसार निम्न 5 शर्तों में से किसी एक शर्त को पूरा कर कोई भी व्यक्ति भारत की नागरिकता प्राप्त कर सकता है।
1. जन्म के आधार पर
2. वंश के आधार पर
3. पंजीयन के आधार पर
4. देशीकरण के आधार पर
5. क्षेत्र अधिग्रहण के आधार पर
जन्म के आधार पर:
26 जनवरी 1950 के दिन या उसके बाद परन्तु 1 जुलाई 1987 से पहले भारत में जन्मा कोई भी व्यक्ति जन्म से ही भारत का नागरिक है। 1 जुलाई 1987 को या इसके बाद भारत में जन्मा कोई भी व्यक्ति भारत का नागरिक है यदि उसके जन्म के समय उसका कोई एक अभिभावक भारत का नागरिक था। 7 जनवरी 2004 के बाद भारत में पैदा हुआ वह कोई भी व्यक्ति भारत का नागरिक माना जाता है, यदि उसके दोनों अभिभावक भारत के नागरिक हों अथवा यदि एक अभिभावक भारतीय हो और दूसरा अभिभावक उसके जन्म के समय पर गैर कानूनी अप्रवासी न हो, तो वह नागरिक भारतीय या विदेशी हो सकता है।
वंश के आधार पर:
26 जनवरी 1950 के दिन या उसके बाद परन्तु 10 दिसम्बर 1992 से पहले भारत के बाहर पैदा हुए व्यक्ति वंश के द्वारा भारत के नागरिक हैं यदि उनके जन्म के समय उनके पिता भारत के नागरिक थे। 10 दिसम्बर 1992 को या इसके बाद भारत में पैदा हुआ व्यक्ति भारत का नागरिक है यदि उसके जन्म के समय माता या पिता में से कोई एक भारत का नागरिक था।
पंजीकरण के आधार पर:
कोई भी व्यक्ति पंजीयन के आधार पर भारत की नागरिकता प्राप्त कर सकता है यदि वह निम्न शर्तों का पालन करता है:
1. पंजीयन के लिए आवेदन करने के 6 माह पहले सम्बंधित देश की नागरिकता त्यागना दी हो।
2. पंजीयन के पूर्व से भारत में रह रहा हो।
3. व्यक्ति जिसने भारत के एक नागरिक से विवाह किया।
देशीयकरण के आधार पर:
कोई भी व्यक्ति देशीकरण के द्वारा भारत की नागरिकता प्राप्त कर सकता है :
1. आवेदन के पूर्व 12 वर्षों से भारत में रह रहा हो
2. सद्चरित्र हो
3. भारत की किसी एक भाषा का ज्ञान रखता हो
4. आवेदन के पूर्व अन्य देश की नागरिकता त्याग दी हो
5. देश के प्रति सकारात्मक आस्था रखता हो
क्षेत्र अधिग्रहण के आधार पर:
यदि भारत के बाहरी क्षेत्र जैसे भारत के किसी भी पड़ोसी देश के भू-भाग को भारत में मिला लिया जाता है तो उस क्षेत्र में रहने वाले लोग भारत के नागरिक होंगे और भारत सरकार द्वारा उन्हें नागरिकता दी जाएगी।
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