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दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन – ASEAN
By BYJU'S Exam Prep
Updated on: September 25th, 2023
आसियान दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का एक क्षेत्रीय संगठन है जो एशिया-प्रशांत के उपनिवेशी राष्ट्रों के बढ़ते तनाव के बीच राजनीतिक और सामाजिक स्थिरता को बढ़ावा देने के लिये स्थापित किया गया था। आसियान (ASEAN) का पूरा नाम Association of Southeast Asian Nations है। आसियान का आदर्श वाक्य ‘वन विजन, वन आइडेंटिटी, वन कम्युनिटी’ है। आसियान का सचिवालय इंडोनेशिया के राजधानी जकार्ता में है।
Table of content
दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन – ASEAN
- आसियान की स्थापना 8 अगस्त, 1967 को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में की गई थी। इसलिए 8 अगस्त को आसियान दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- आसियान के संस्थापक सदस्य देश थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपींस और सिंगापुर थे।
- आसियान में 1984 में ब्रूनेई , 1995 में वियतनाम, 1997 में लाओस और बर्मा और कंबोडिया 1999 में शामिल हुआ।
- वर्तमान में आसियान में 10 सदस्य राष्ट्र हैं जो कि निन्मलिखित है :
1. इंडोनेशिया
2. मलेशिया
3. फिलीपींस
4. सिंगापुर
5. थाईलैंड
6. ब्रुनेई
7. वियतनाम
8. लाओस
9. म्यांमार
10. कंबोडिया - आसियान स्थापना बैंकॉक घोषणापत्र पर संस्थापक राष्ट्रों द्वारा हस्ताक्षर करने के साथ हुई थी।
- 1976 में आसियान की पहली बैठक में बंधुत्व और सहयोग की संधि पर हस्ताक्षर किए गए।
- 1994 में आसियान ने एशियाई क्षेत्रीय फोरम (एशियन रीजनल फोरम- RAF) की स्थापना की , जिसका उद्देश्य सुरक्षा को बढ़ावा देना था। अमेरिका, रूस, भारत, चीन, जापान और उत्तरी कोरिया सहित एआरएफ के 23 सदस्य देश हैं।
- 1995 – दक्षिण पूर्व एशिया को परमाणु मुक्त क्षेत्र बनाने के लिये सदस्यों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किये।
- 1997 – आसियान विजन 2020 को अपनाया गया।
- 2003 – आसियान समुदाय की स्थापना के लिये बाली कॉनकॉर्ड द्वितीय।
- 2007 – सेबू घोषणा, 2015 तक आसियान समुदाय की स्थापना में तेजी लाने के लिये।
- 2008 – आसियान चार्टर लागू हुआ और कानूनी रूप से बाध्यकारी समझौता हुआ।
- 2015 – आसियान समुदाय का शुभारंभ।
- आसियान संगठन में तीन प्रमुख आधार स्तम्भ शामिल हैं:
1. आसियान राजनीतिक-सुरक्षा समुदाय
2. आसियान आर्थिक समुदाय
3. आसियान सामाजिक-सांस्कृतिक समुदाय - वर्ष1976 की आसियान की पहली बैठक में सहयोग संधि (TAC) के चार्टर में ASEAN के निम्नलिखित मूलभूत सिद्धांत सम्मिलित हैं:
1. स्वतंत्रता, संप्रभुता, समानता, क्षेत्रीय अखंडता और सभी देशों की राष्ट्रीय पहचान के लिये पारस्परिक सम्मान।
2. बाहरी हस्तक्षेप या जबरदस्ती से मुक्त अपने राष्ट्रीय अस्तित्व का नेतृत्व करने का प्रत्येक राष्ट्र का अधिकार।
3. एक-दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना।
4. शांतिपूर्ण तरीके से मतभेद या विवादों का निपटारा।
5. शक्ति उपयोग अथवा उपयोग करने की चेतावनी का त्याग।
6. आपस में प्रभावी सहयोग।
आसियान का उद्देश्य:
- दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के समृद्ध और शांतिपूर्ण समुदाय के लिये आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति तथा सांस्कृतिक विकास में तेजी लाने हेतु।
- न्याय और कानून के शासन के लिये सम्मान तथा संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों के पालन के माध्यम से क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को बढ़ावा देना।
- आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, तकनीकी, वैज्ञानिक और प्रशासनिक क्षेत्रों में सामान्य हित के मामलों पर सक्रिय सहयोग और पारस्परिक सहायता को बढ़ावा देना।
- कृषि और उद्योगों के अधिक उपयोग, व्यापार विस्तार, परिवहन और संचार सुविधाओं में सुधार और लोगों के जीवन स्तर सुधार में अधिक प्रभावी ढंग से सहयोग करने के लिये।
- दक्षिण पूर्व एशियाई अध्ययन को बढ़ावा देने के लिये।
- मौज़ूदा अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय संगठनों के साथ घनिष्ठ और लाभप्रद सहयोग बनाए रखने के लिये।
आसियान के शीर्ष संगठन:
1. आसियान क्षेत्रीय मंच (एआरएफ – RAF): वर्ष 1993-94 में शुरू किया गया सत्ताईस सदस्यीय बहुपक्षीय समूह
2. आसियान प्लस थ्री: 1997 में शुरू किया गया परामर्श समूह आसियान के दस सदस्यों, चीन, जापान और दक्षिण कोरिया को एक साथ लाता है।
3. पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस): यह पहली बार वर्ष 2005 में आयोजित हुआ था।शिखर सम्मेलन का उद्देश्य क्षेत्र में सुरक्षा और समृद्धि को बढ़ावा देना है। आमतौर पर आसियान, ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, न्यूजीलैंड, रूस, दक्षिण कोरिया और संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्राध्यक्ष इसमें भाग लेते हैं।आसियान एजेंडा सेटर के रूप में एक केंद्रीय भूमिका निभाता है।
4.आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक (एडीएमएम)-प्लस बैठक: एडीएमएम-प्लस क्षेत्र में शांति, स्थिरता और विकास के लिये सुरक्षा और रक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए आसियान और उसके आठ संवाद भागीदारों के लिये एक मंच है।
आसियान वैश्विक परिदृश्य:
- आसियान एशिया-प्रशांत व्यापार, राजनीतिक और सुरक्षा मुद्दों को अधिक प्रभावित करता है।
- आसियान की जनसंख्या लगभग 655 मिलियन (विश्व जनसंख्या का 8.5%) है।
- आसियान विनिर्माण और व्यापार का प्रमुख वैश्विक केंद्र दुनिया में सबसे तेज़ी से बढ़ते उपभोक्ता बाज़ारों में से एक है।
- दुनिया की 7वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, 2050 तक इसे चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में रैंक करने का अनुमान है।
- भारत आसियान का सदस्य नहीं है, परन्तु इसकी बैठक में पूर्ण वार्ता का भागीदार है।
- आसियान भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
- आसियान के साथ भारत का अनुमानित व्यापार भारत के कुल व्यापार का लगभग 10.6% है।
- भारत के कुल निर्यात का आसियान से निर्यात लगभग 11.28% है।
- भारत और आसियान देशों के निजी क्षेत्र के प्रमुख उद्यमियों को एक मंच पर लाने के लिये वर्ष 2003 में ASEAN India-Business Council (AIBC) की स्थापना की गई थी।
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