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भारतीय संविधान अनुच्छेद 352 (Article 352 in Hindi) – आपात की उद्घोषणा
By BYJU'S Exam Prep
Updated on: September 25th, 2023
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भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 (Article 352) में राष्ट्रीय आपातकाल का प्रावधान है। यह राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए युद्ध, बाहरी आक्रमण या हथियारों के विद्रोह के समय राष्ट्रपति द्वारा लगाया जाता है। इसे संविधान द्वारा ‘आपातकाल की उद्घोषणा’ के रूप में दर्शाया गया है।
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अनुच्छेद 352: राष्ट्रीय आपातकाल
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 में राष्ट्रीय आपातकाल का प्रावधान है। यह राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए युद्ध, बाहरी आक्रमण या हथियारों के विद्रोह के समय राष्ट्रपति द्वारा लगाया जाता है। इसे संविधान द्वारा ‘आपातकाल की उद्घोषणा’ के रूप में दर्शाया गया है।
जब युद्ध या बाहरी आक्रमण के आधार पर आपातकाल की घोषणा की जाती है तो इस प्रकार के आपातकाल को ‘बाहरी आपातकाल’ के रूप में जाना जाता है और जब इसे हथियार विद्रोह की स्थिति में घोषित किया जाता है तो इसे ‘आंतरिक आपातकाल’ के रूप में जाना जाता है।
अनुच्छेद 352: स्पष्टीकरण
- 1976 के 42वें संशोधन अधिनियम के अनुसार राष्ट्रपति, राष्ट्रीय आपातकाल को देश के किसी विशिष्ट भाग तक सीमित कर सकते हैं।
- राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा मंत्रिपरिषद से लिखित अनुशंसा प्राप्त करने के बाद ही की जा सकती है।
- आपातकाल की उद्घोषणा को एक महीने के भीतर संसद के दोनों सदनों द्वारा अनुमोदित किया जाना आवश्यक है।
- यह न्यूनतम 6 महीने की अवधि के लिए लगाया जाता है और इसे हर 6 महीने के लिए संसद की मंजूरी से अनिश्चित काल तक बढ़ाया जा सकता है।
- आपातकाल को केवल लोकसभा द्वारा पारित अस्वीकृति के प्रस्ताव द्वारा ही निरस्त किया जा सकता है।
- राष्ट्रीय आपातकाल अब तक तीन बार (1962,1971,1975) घोषित किया जा चुका है।
- जिसमें की सन् 1962 और 1971 में बाहरी आपातकाल लगाया गया था जबकि सन् 1975 में आंतरिक आपातकाल लगाया गया था।
- संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत स्वतंत्रता का अधिकार राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान निलंबित है।