- Home/
- Bihar State Exams (BPSC)/
- Article
Article 25 in Hindi – अनुच्छेद 25 धर्म के आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता
By BYJU'S Exam Prep
Updated on: September 25th, 2023

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 से 28 तक धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का वर्णन किया गया है। अनुच्छेद 25: (अंतःकरण की और धर्म की अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता) इसके तहत भारत में प्रत्येक व्यक्ति को किसी भी धर्म को मानने की, आचरण करने की तथा धर्म का प्रचार करने की स्वतंत्रता है।
Table of content
अनुच्छेद 25: अंतःकरण की और धर्म की अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता
अनुच्छेद 25 में निम्न प्रावधान किये गए हैं:
(1) लोक व्यवस्था, सदाचार और स्वास्नय तथा इस भाग के अन्य उपबंधों के अधीन रहते हुए, सभी व्यक्तियों को अंतःकरण की स्वतंत्रता का और धर्म के अबाध रूप से मानने, आचरण करने और प्रचार करने का समान हक होगा।
(2) इस अनुच्छेद की कोई बात किसी ऐसी विद्यमान विधि के प्रवर्तन पर प्रभाव नहीं डालेगी या राज्य को कोई ऐसी विधि बनाने से निवारित नहीं करेगी जो–
(क) धार्मिक आचरण से संबद्ध किसी आर्थिक, वित्तीय, राजनैतिक या अन्य लौकिक क्रियाकलाप का विनियमन या निर्बन्धन करती है;
(ख) सामाजिक कल्याण और सुधार के लिए या सार्वजनिक प्रकार की हिंदुओं की धार्मिक संस्थाओं को हिंदुओं के सभी वर्गों और अनुभागों के लिए खोलने का उपबंध करती है।
स्पष्टीकरण 1–कृपाण धारण करना और लेकर चलना सिक्ख धर्म के मानने का अंग समझा जाएगा ।
स्पष्टीकरण 2–खंड (2) के उपखंड (ख) में हिंदुओं के प्रति निर्देश का यह अर्थ लगाया जाएगा कि उसके अंतर्गत सिक्ख, जैन या बौद्ध धर्म के मानने वाले व्यक्तियों के प्रति निर्देश है और हिंदुओं की धार्मिक संस्थाओं के प्रति निर्देश का अर्थ तदनुसार लगाया जाएगा।