बिना निषेचन के फल बनने की क्रिया क्या कहलाती है?

By Raj Vimal|Updated : September 7th, 2022

जब हम अनानास, केला, अंगूर, आदि खाते हैं तो पाते हैं कि ज्यादातर फलों में बीज नहीं होते है। बिना निषेचन फल बनने की क्रिया पार्थेनोकार्पी कहलाती है। उपरोक्त फल, प्रकृति के तरफ से की गयी पार्थेनोकार्पी विधि का एक सटीक उदाहरण है। आसन भाषा में कहें तो अण्डों के निषेचन के बिना फलों का होने वाला विकास ही पार्थेनोकार्पी कही जाती है।

निषेचन की प्रक्रिया

निषेचन की प्रक्रिया मानव, जंतुओं और पेड़ पौधों में होती है। मुख्यत: यह अगली पीढ़ी बढ़ाने की एक कड़ी के तरह काम करता है। वह फल जो अंडाशय के निषेचन के बिना बनता है, पार्थेनोकार्पिक फल कहा जाता है। वे बीज रहित फलों के उपयोगी व्यावसायिक उत्पादन हैं।

Summary

बिना निषेचन के फल बनने की क्रिया क्या कहलाती है?

पार्थेनोकार्पी विधि से फल बिना निषेचन प्रक्रिया के अपने वास्तविक रूप में आ जाते हैं। यह एक वैज्ञानिक क्रिया है, जो यहाँ पर प्रकृति करती है, इन बीज रहित पेड़ों को उगाने के लिए।

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