अनुच्छेद 143 (Article 143 In Hindi) सर्वोच्च न्यायालय से परामर्श करने की राष्ट्रपति की शक्ति

By Brajendra|Updated : August 18th, 2022

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 143 (Article 143) के अनुसार, जब कभी राष्ट्रपति को ऐसा लगे कि विधि या तथ्य से संबंधित कोई ऐसा मामला उठा है अथवा उठने की संभावना है, जो सार्वजनिक महत्त्व का है, अथवा जिसकी प्रकृति ऐसी है कि उस पर सर्वोच्च न्यायालय का परामर्श (Advice) लेना उचित होगा तो राष्ट्रपति उस मामले को सर्वोच्च न्यायालय के सम्मुख परामर्श हेतु भेज सकता है।  

अनुच्छेद 143: सर्वोच्च न्यायालय से परामर्श करने की राष्ट्रपति की शक्ति (Advisory Power of the President)

अनुच्छेद 143 के तहत राष्ट्रपति विधि या अन्य मामलों में सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) से सलाह मांग सकता है।

अनुच्छेद 143: वर्णन 

143(1): यदि किसी समय राष्ट्रपति को प्रतीत होता है कि विधि या तथ्य का कोई ऐसा प्रश्न उत्पन्न हुआ है या उत्पन्न होने की संभावना है, जो ऐसी प्रकृति का और ऐसे व्यापक महत्व का है कि उस पर उच्चतम न्यायालय की राय प्राप्त करना है, तो वह उस प्रश्न को विचार करने के लिए उस न्यायालय को निर्देशित कर सकेगा और वह न्यायालय, ऐसी सनवाई के पश्चात् जो वह ठीक समझता है, राष्ट्रपति को उस पर अपनी राय देगा।

143(2): राष्ट्रपति अनुच्छेद 131(1) में वर्णित किसी बात के होते हुए भी, इस प्रकार के विवाद को, जो 2 (उक्त अनुच्छेद) में वर्णित है, राय देने के लिए उच्चतम न्यायालय को निर्देशित कर सकता है, और उच्चतम न्यायालय, ऐसी सुनवाई के पश्चात् जो वह ठीक समझे , राष्ट्रपति को उस पर अपनी राय प्रतिवेदित करेगा।

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