अनुच्छेद 14: विधि के समक्ष समानता
राज्य, भारत के राज्यक्षेत्र में किसी व्यक्ति को विधि के समक्ष समता से या विधियों के सामान संरक्षण से वंचित नहीं करेगा।नैसर्गिक न्याय (Natural Justice) और कानून का शासन(Rule Of Law) का सिद्धांत अनुच्छेद 14 से निकलकर आता है। और यह अनुच्छेद ‘आधारभूत ढांचे’ में आता है।
अनुच्छेद 14 का वर्णन
विधि के समक्ष समानता (Equality Before Law)
विधि के समक्ष समानता संकल्पना ब्रिटिश संविधान से ली गई है। जो एक नकारात्मक धारणा है।
विधि के समक्ष समानता से तात्पर्य है:
- किसी भी व्यक्ति को जन्म या मत के आधार पर कोई विशेष अधिकार नहीं होंगे और
- सभी वर्ग समानरूप से सामान्य विधि के अधीन और सामान्य न्यायालयों की अधिकारिता के अंतर्गत होंगे।
- कोई भी व्यक्ति (चाहे अमीर या गरीब, उच्च-नीच, अधिकारी या गैर अधिकारी) कानून से ऊपर नहीं होगा।
उदाहरण: कोई सामान्य व्यक्ति खून करे और सरकारी अधिकारी खून करे दोने के ऊपर समान तरिके से मुकदमा चलेगा और सजा का प्रावधान भी समान होगा मतलब की एक ही कानून दोनों पर समान तरिके से लागू होगा।
विधि का समान संरक्षण (Equal Protection Of Law)
विधि का समान संरक्षण संकल्पना अमेरिकी संविधान से ली गई है। जो एक सकारात्मक धारणा है।
विधि के समान संरक्षण से तात्पर्य है:
(1) समान लोगों में विधि समान होगी और समानरूप से प्रशासित की जाएगी अर्थात समान लोगों के साथ समान व्यवहार होगा
(2) समान परिस्थिति में रहते लोगों के साथ बिना किसी भेदभाव के समान व्यवहार किया जायेगा।
उदाहरण: पैसेदार व्यक्ति कोर्ट में अच्छा वकील रखेगा तो समता के लिए गरीब व्यक्ति को कोर्ट सरकारी वकील की मुफ्त में सुविधा उपलब्ध करवाएगी। अमीर या गरीब दोनों कोर्ट में या सरकारी दफ्तर में समान तरिके से अपना काम करवा सकते है।
Comments
write a comment