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भारत की सातवीं आर्थिक जनगणना
By BYJU'S Exam Prep
Updated on: September 25th, 2023
किसी भी देश की आर्थिक जनगणना देश की भौगोलिक सीमाओं के भीतर स्थित सभी प्रतिष्ठानों का संपूर्ण विवरण है। आर्थिक जनगणना देश के सभी प्रतिष्ठानों के विभिन्न संचालनगत एवं संरचनागत परिवर्ती कारकों पर भिन्न-भिन्न प्रकार की सूचनाएँ उपलब्ध कराती है। आर्थिक जनगणना से देश में सभी आर्थिक प्रतिष्ठानों की आर्थिक गतिविधियों के भौगोलिक विस्तार/क्लस्टरों, स्वामित्व पद्धति, जुड़े हुए व्यक्तियों इत्यादि के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी मिलती है। आर्थिक जनगणना से प्राप्त आकड़ों एवं सूचना के माध्यम से राज्य एवं ज़िला स्तरों पर सामाजिक-आर्थिक विकास संबंधी योजना निर्माण में सहायता मिलती है।
सातवीं आर्थिक जनगणना
- देश की सातवीं आर्थिक जनगणना की शुरुआत 13 दिसंबर, 2019 को दिल्ली से की गई थी।
- दिल्ली आर्थिक जनगणना शुरू करने वाला 26वाँ राज्य है , जबकि 20 राज्यों और 5 केंद्रशासित प्रदेशों में आर्थिक जनगणना का कार्य पहले से ही चल रहा है।
- 7वीं आर्थिक जनगणना का संचालन सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (Ministry of Statistics and Programme Implementation-MoSPI) द्वारा किया गया है।
- आर्थिक जनगणना में सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने 7वीं आर्थिक जनगणना के लिये कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत एक स्पेशल पर्पज़ व्हिकल्स, कॉमन सर्विस सेंटर ई-गवर्नेंस सर्विसेज़ इंडिया लिमिटेड (Common Service Center e-Governance Services India Limited) के साथ साझेदारी की है।
- आर्थिक जनगणना में आंकड़े एकत्र करने संबंधी कानून 2008 के प्रावधानों के अंतर्गत प्रत्येक परिवार के घर-घर जाकर और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से आंकड़े एकत्र किए जाते हैं । परिवारों और प्रतिष्ठानों से एकत्र किए गए आंकड़ों को गोपनीय रखा जाता है और उनका इस्तेमाल केवल राज्य/संघ शासित प्रदेशों की सरकारों और केन्द्र सरकार द्वारा केवल विकास संबंधी योजनाओं के लिए किया जाता है।
- 7वीं आर्थिक जनगणना में आँकड़ों के संग्रहण, सत्यापन, रिपोर्ट सृजन एवं प्रसार के लिये एक आईटी आधारित डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग किया गया है।
- 7वीं आर्थिक जनगणना के परिणामों को प्रक्षेत्र कार्य के प्रमाणन एवं सत्यापन के बाद उपलब्ध कराया जाएगा। क्षेत्र कार्य के सत्यापन और प्रमाणीकरण के बाद इसके परिणाम उपलब्ध होंगे।
- आर्थिक जनगणना के तहत गैर-फार्म कृषि एवं गैर-कृषि क्षेत्र में वस्तुओं/सेवाओं (स्वयं के उपभोग के एकमात्र प्रयोजन के अतिरिक्त) के उत्पादन या वितरण में जुड़े घरेलू उद्यमों सहित सभी प्रतिष्ठानों को शामिल किया गया है।
अभी तक आयोजित आर्थिक जनगणनाएँ
अभी तक केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने 6 आर्थिक जनगणनाएँ (Economic censuses) आयोजित की हैं। 2019 की आर्थिक जनगणना सातवीं है।
1.आर्थिक जनगणना, वर्ष 1977 में
2.जनगणना, वर्ष 1980 में
3.जनगणना, वर्ष 1990 में
4.जनगणना, वर्ष 1998 में
5.जनगणना, वर्ष 2005 में
6.जनगणना, वर्ष 2013 में
कॉमन सर्विस सेंटर (CSC)
- कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) भारतीय नागरिकों तक सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं को पहुंचाने का एक जरिया है जिनमें मुख्य रूप से कृषि, स्वास्थ्य, मनोरंजन, शिक्षा, बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं के साथ-साथ उपयोगिता भुगतान के साथ कई सारी योजनाएं भी शामिल की जाती हैं।
- CSC ई-गवर्नेंस सर्विसेज़ इंडिया लिमिटेड को कंपनी अधिनियम, 1956 के अंतर्गत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा स्थापित किया गया है जिसका उद्देश्य CSC योजना के कार्यान्वयन की निगरानी करना है।
सातवीं आर्थिक जनगणना पर स्टडी नोट्स – Download PDF
उम्मीदवार नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके सातवीं आर्थिक जनगणना नोट्स हिंदी में डाउनलोड कर सकते हैं।
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