भारत-रूस सैन्य संबंध/ India-Russia Military Relations
By BYJU'S Exam Prep
Updated on: September 13th, 2023
रूस के साथ संबंध भारत की विदेश नीति का एक प्रमुख स्तंभ हैं, और रूस भारत का लंबे समय से परीक्षण किया गया भागीदार रहा है, परंपरागत रूप से, भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी पांच प्रमुख घटकों -राजनीति, रक्षा, असैन्य परमाणु ऊर्जा, आतंकवाद विरोधी सहयोग और अंतरिक्ष पर आधारित है।
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भारत-रूस सैन्य संबंध/ India-Russia Military Relations
वर्तमान यूक्रेन-रूस युद्ध ने भारत के सामने एक चुनौती को पैदा किया है जहां भारत को एक तरफ संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के साथ अपने संबंधों को बनाए रखना और दूसरी तरफ रूस के साथ ऐतिहासिक रूप से गहरे एवं रणनीतिक संबंधों को बनाए रखना एक चुनौतीपूर्ण विषय है, हालाँकि रूस-यूक्रेन संघर्ष के दीर्घकालिक निहितार्थ अभी सामने आने शेष हैं।
भारत-रूस रक्षा संबंधों का इतिहास:
- सोवियत संघ और बाद में तत्कालीन रूस के साथ भारत के रक्षा संबंध द्विपक्षीय संबंधों के एक प्रमुख स्तंभ थे, भारत का रक्षा के क्षेत्र में रूस के साथ एक लंबा और व्यापक सहयोग है।
- भारत-रूस सैन्य तकनीकी सहयोग एक क्रेता-विक्रेता ढांचे से विकसित हुआ है जिसमें उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकियों और प्रणालियों के संयुक्त अनुसंधान, विकास और उत्पादन शामिल हैं। ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली के साथ-साथ भारत में Su-30 विमान और T-90 टैंक का लाइसेंस प्राप्त उत्पादन ऐसे प्रमुख सहयोग के उदाहरण हैं।
- इस सहयोग को आगे बढ़ाते हुए, सितंबर 2019 में भारत और रूस द्वारा व्लादिवोस्तोक में 20वें वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के दौरान रूसी/सोवियत सैन्य उपकरणों के लिए स्पेयर पार्ट्स के उत्पादन में सहयोग पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
- 17वें वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान, दोनों पक्षों ने भारत में S-400 वायु रक्षा प्रणालियों की आपूर्ति, परियोजना 6 और Ka-226T हेलीकॉप्टरों के तहत युद्धपोतों के निर्माण के लिए एक संयुक्त उद्यम के गठन पर एक शेयरधारक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
- 3 मार्च 2019 को, अमेठी में, पीएम ने ‘मेक-इन-इंडिया’ कार्यक्रम के तहत आयुध निर्माणी कोरवा में एके सीरीज असॉल्ट राइफल्स के उत्पादन के लिए जेवी – इंडो-रूसी राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड की घोषणा की। दोनों देश सालाना अपने सशस्त्र बलों के बीच आदान-प्रदान और प्रशिक्षण अभ्यास भी करते हैं।
- संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद रूस दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार निर्यातक है।
- हथियारों के हस्तांतरण के मामले में रूस के लिये भारत सबसे बड़ा आयातक है, वर्ष 2000 और वर्ष 2020 के बीच रूस, भारत को हथियारों के आयात के 66.5% हिस्से के लिये उत्तरदायी था।
भारत द्वारा रूस से खरीदे जाने वाले रक्षा उपकरण:
- पनडुब्बी –
- आईएनएस कलवरी इसके साथ ही भारतीय नौसेना के पास कुल 16 पारंपरिक डीज़ल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों में से आठ सोवियत मूल की किलो श्रेणी की हैं।
- युद्धपोत –
- भारत के पास वर्तमान 17 युद्धपोतों में से 6 रूसी तलवार श्रेणी के हैं।
- लड़ाकू विमान –
- 667-विमान फाइटर ग्राउंड अटैक (FGA), Su-30s (सुखोई), MiG-21s, MiG-29s, IL – 78s
- मिसाइल सिस्टम –
- ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल, एस-400 एंटी-मिसाइल सिस्टम
- विमान वाहक –
- आईएनएस विक्रमादित्य
- युद्धक टैंक –
- T-72M1 और T-90S
भारत और रूस अंतर्राष्ट्रीय/बहुपक्षीय संगठन –
- BRICS
- शंघाई सहयोग संगठन
- संयूक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद
- रूस लंबे समय से परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत की सदस्यता का समर्थक रहा है।