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भारत – नेपाल संबंध: अंतरराष्ट्रीय संबंध पर महत्वपूर्ण स्टडी नोट्स PDF

By BYJU'S Exam Prep

Updated on: September 13th, 2023

29 मिलियन लोगों की आबादी के साथ नेपाल दुनिया का 45वां सबसे बड़ा देश है। इस प्रकार, यदि केवल अपने आकार के लिए, नेपाल एक राष्ट्र-राज्य के लिए एक जागीरदार होने के लिए बहुत बड़ा है। देश को अपने इतिहास पर गर्व है कि वह कभी उपनिवेश नहीं रहा और उसकी एक महत्वपूर्ण भू-रणनीतिक स्थिति है, जिसके दोनों ओर भारत और चीन हैं हालांकि, सौहार्दपूर्ण राजनयिक संबंधों की पारंपरिक धारणाओं के विपरीत, नेपाल और भारत के एक-दूसरे को देखने के तरीके में काफी अंतर है।

करेंट अफेयर्स से लगभग सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में कई प्रश्न पूछे जाते हैं। यहां, हम आपको सबसे महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संबंध भारत – नेपाल संबंध, करंट अफेयर्स लेख पर पीडीएफ प्रदान कर रहे हैं, जो आगामी उत्तर प्रदेश राज्य परीक्षाओं जैसे यूपीपीएससी, यूपी लेखपाल आदि में पूछे जा सकते हैं।

भारत-नेपाल संबंधों का इतिहास

  • भारत और नेपाल के बीच संबंध शाक्य वंश और गौतम बुद्ध के शासन के समय के हैं। प्रारंभ में, नेपाल आदिवासी शासन के अधीन था और इसका सामंती युग वास्तव में नेपाल में लिच्छवी शासन के आगमन के साथ शुरू हुआ था।
  • नेपाल, भारत का एक महत्त्वपूर्ण पड़ोसी देश है और दशकों से चले आ रहे भौगोलिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों के कारण नेपाल, भारत की विदेश नीति में विशेष महत्त्व रखता है, 1950 की शांति और मित्रता की भारत-नेपाल संधि भारत और नेपाल के बीच मौजूद विशेष संबंधों का आधार है। और दोनों देश (भारत-नेपाल) दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (सार्क) के भी सदस्य हैं।
  • भारत और नेपाल हिंदू धर्म एवं बौद्ध धर्म के संदर्भ में भी एक आत्मीय संबंध रखते हैं, 750 से 1750 ईस्वी की अवधि में नेपाल में बौद्ध धर्म से हिंदू धर्म में बदलाव देखा गया और व्यापक सांस्कृतिक प्रसार देखा गया, नेपाल की 80 प्रतिशत आबादी हिंदू धर्म का पालन करती है और साथ ही बुद्ध का जन्मस्थान लुंबिनी वर्तमान नेपाल में स्थित है।

भारत और नेपाल के बीच मानचित्र

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भारत और नेपाल के बीच संबंध खराब क्यों हो गए हैं?

वर्तमान में भारत और नेपाल संबंधों में अनेक समस्याएँ विद्यमान है जिनमे से कुछ प्रमुख समस्याएं इस प्रकार हैं जिन्होंने भारत नेपाल सम्बन्ध को काफी हद तक कमजोर किया है-

  • 2015 में भारत और नेपाल के संबंधों में दरार आ गई, जब भारत को पहली बार नेपाल में संविधान के मसौदे में हस्तक्षेप करने के लिए दोषी ठहराया गया।
  • मधेसियों के मुद्दे में अनौपचारिक नाकेबंदी के लिए भारत को भी दोषी ठहराया गया था, इससे देश के खिलाफ व्यापक आक्रोश पैदा हुआ और भारत नेपाल संबंधों में और गिरावट आयी।
  • नेपाल में राजनेताओं ने नेपाली राष्ट्रवाद और भारतीय विरोधीवाद का सफलतापूर्वक शोषण किया।
  • भारत-नेपाल संबंधों में एक और बाधा कालापानी सीमा विवाद से आई है।
  • वर्ष 2019 में नेपाल ने एक नया राजनीतिक मानचित्र जारी करते हुए उत्तराखंड के कालापानी, लिंपियाधुरा एवं लिपुलेख पर और बिहार के पश्चिमी चंपारण ज़िले के सुस्ता क्षेत्र पर अपना दावा जताया जिसने भारत नेपाल सम्बन्ध को और अधिक खराब किया।
  • लिपुलेख दर्रा कालापानी के निकट सबसे पश्चिमी क्षेत्र है जिसके जरिये प्राचीन काल से 1962 तक चीन से भारत का व्यापार समेत कैलाश मानसरोवर यात्रा में इस मार्ग का इस्तेमाल होता रहा है। पुनः1991-92 में में लिपुलेख दर्रे को व्यापारिक मार्ग हेतु खोला गया। लिम्पियाधुरा, कालापानी के सुदूर उत्तर पश्चिम में स्थित एक महत्वपूर्ण इलाका है जहाँ से काली नदी की एक धारा का उद्गम होता है।

भारत के कौन कौन से राज्य करते है नेपाल के साथ सीमा साझा?

नेपाल, भारतीय राज्यों के साथ 1850 किमी से अधिक की सीमा साझा करता है नेपाल जिन भारतीय राज्यो के साथ सीमा साझा करता| नेपाल 5 राज्यों के लिए भारत के साथ अपनी सीमा साझा करता है जैसा कि नीचे सूचीबद्ध है:

  • सिक्किम
  • पश्चिम बंगाल
  • बिहार
  • उत्तर प्रदेश
  • उत्तराखंड

नेपाल की चीन के साथ बढ़ती नजदीकियों के कारण

नेपाल की चीन के साथ बढ़ती नजदीकियों के पीछे कई अहम कारण माने जाते है जिसमे से कुछ महत्वपूर्ण कारण इस प्रकार हैं

  • भारतीय नीतिगत त्रुटियां नेपाल की चीन के साथ बढ़ती नजदीकियों का प्रमुख कारण रही है।
  • भारत नेपाल खुली सीमा हमेशा विवाद का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र रहा है, जिसने लोगो में अविश्वास की भावना उत्पन्न की है।
  • नेपाल ने खुद को भारत पर बहुत अधिक निर्भर पाया है, निर्यात बढ़ाने के लिए तुलनात्मक लाभ प्राप्त नहीं किया है।
  • चीन की तुलना में नेपाल में विभिन्न परियोजनाओं के कार्यान्वयन में भारत की देरी नेपाल की चीन के साथ बढ़ती नजदीकियों का प्रमुख कारण रही है।
  • नेपाल चीनी रेलवे को बुद्ध के जन्मस्थान लुंबिनी में चीनी तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को लाने के अवसर के रूप में देखता है।

दोनों देशों के बीच संबंधों में अभी भी तनाव के कुछ घटक मौजूद हैं, जिनमें से चीन प्रमुख है। भारत को अपनी ‘नेवरहुड फर्स्ट’ नीति के उद्देश्यों की पूर्ति के लिये द्विपक्षीय संवाद, मज़बूत आर्थिक संबंध और नेपाल के लोगों के प्रति अधिक संवेदनशीलता रखने जैसी राहों पर आगे बढ़ना होगा।

भारत और नेपाल संबंधPractice Question 

भारत-नेपाल संबंधों में प्रमुख अड़चनें क्या हैं? तथा उनके नतीजे क्या हैं? विवेचना कीजिये।

भारत – नेपाल संबंध पीडीएफ डाउनलोड

लगभग सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में, कई अंतरराष्ट्रीय संबंध सम्बंधित करंट अफेयर्स प्रश्न पूछे जाते हैं इसलिए आपकी तैयारी को ध्यान में रखते हुए भारत – नेपाल संबंध से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी की पीडीएफ उपलब्ध करायी जा रही है जिसकी सहयता से आप अपनी तैयारी को और बेहतर कर सकते है।

भारत – नेपाल संबंध लेख की पीडीएफ अभी डाउनलोड करें

 

 

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