भारत में इलेक्ट्रिक वाहन, इलेक्ट्रिक वाहन के प्रकार और इसकी स्थिति
By BYJU'S Exam Prep
Updated on: September 13th, 2023

बढ़ते प्रदूषण, ग्लोबल वार्मिंग, घटते प्राकृतिक संसाधनों आदि के मुद्दे को संबोधित करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन को वर्तमान पीढ़ी के ऑटोमोबाइल के संभावित प्रतिस्थापन के रूप में देखा जा रहा है। इस आर्टिकल में इलेक्ट्रिक वाहन से सम्बंधित सभी जानकारी प्रदान की गयी।
भारत में इलेक्ट्रिक वाहन
इलेक्ट्रिक वाहन क्या है?
- एक इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) एक आंतरिक-दहन इंजन के बजाय एक इलेक्ट्रिक मोटर पर संचालित होता है जो ईंधन और गैसों के मिश्रण को जलाकर बिजली उत्पन्न करता है।
- इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) प्रौद्योगिकी जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करता है और इसके साथ शून्य कार्बन उत्सर्जन और सतत विकास के वैश्विक लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता प्रदान करता है जिसके कारण आज इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) दुनिया भर में आकर्षण का केंद्र बने हुए है।
इलेक्ट्रिक वाहन के प्रकार:
- हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन (HEV)
- प्लग-इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन (PHEV)
- बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (BEV)
भारत में इलेक्ट्रिक वाहन की आवश्यकता क्यों है?
- भारत अपने GHG उत्सर्जन की तीव्रता को 2005 के स्तर से 2030 तक 33% से 35% तक कम करने के लिए प्रतिबद्ध है ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहन इस लक्ष्य को प्रप्त करने में बहुत मददगार होगा।
- WHO के एक हालिया अध्ययन के अनुसार, भारत में 20 में से 14 दुनिया के सबसे प्रदूषित शहर है । इलेक्ट्रिक वाहन इस समस्या से निपटने में मदद करेगा और प्रदूषण को कम करेगा ।
- भारत अपने 80 प्रतिशत से अधिक परिवहन ईंधन को कवर करने के लिए तेल का आयात करता है ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहन भारत की ईंधन पर निर्भरता को कम करने में मदद करेगा।
- इलेक्ट्रिक वाहन को बढ़ावा देने से इस उभरते क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर खुलेंगे जिससे रोजगार वृद्धि में मदद मिलेगी।
भारत में इलेक्ट्रिक वाहन की स्थिति:
- दिसंबर 2021 में पहली बार ईवी पंजीकरण ने 50,000 इकाइयों को पार किया परन्तु अभी भी यह कुल मोटर वाहनों के पंजीकरण से काफी कम है।
- ई-अमृत पोर्टल के अनुसार, दिसंबर 2021 तक केवल 7,96,000 ईवी पंजीकृत किए गए हैं, जबकि इलेक्ट्रिक वाहन को चार्ज करने के लिए केवल 1,800 सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए गए हैं।
- हालिया सरकारी आंकड़ों के अनुसार इलेक्ट्रिक वाहन की बिक्री में वृद्धि हुई है (वित्त वर्ष 2015 से वित्त वर्ष 2020 तक ईवी की बिक्री में 133 फीसदी की वृद्धि हुई है) ।
- विभिन्न आंकड़ों के अनुसार अभी भी पारंपरिक आईसीई वाहनों की बिक्री की तुलना में, इलेक्ट्रिक वाहन की बिक्री संख्या नगण्य लगती है क्योकि वित्त वर्ष 2021-22 में देश में बिकने वाले कुल वाहनों में से केवल 32% ही इलेक्ट्रिक वाहन थे।
भारत सरकार द्वारा भारत में इलेक्ट्रिक वाहन को प्रोत्साहन देने के लिए उठाये गए महत्वपूर्ण कदम:
- सरकार ने 2030 तक कारों और दोपहिया वाहनों की नई बिक्री में 30% इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण करने का लक्ष्य रखा है।
- NEMMP को राष्ट्रीय ईंधन सुरक्षा प्राप्त करने के उद्देश्य से लॉन्च किया गया था जो देश में हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देगा।
- फेम इंडिया योजना को हाइब्रिड/इलेक्ट्रिक वाहनों के बाजार विकास और विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र का समर्थन करने के उद्देश्य से शुरू किया गया।
- केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने बैटरियों की चार्जिंग को एक सेवा के रूप में वर्गीकृत किया है जिससे चार्जिंग स्टेशनों को बिना लाइसेंस के संचालित करने में मदद मिलेगी।
- स्मार्ट सिटी के लागू होने से इलेक्ट्रिक वाहनों के विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
भारत में इलेक्ट्रिक वाहन के लिए बुनियादी ढांचे की आवश्यकता क्या है?
- इलेक्ट्रिक वाहन की बिक्री बढ़ने से आगे चलकर बिजली के बुनियादी ढांचे का बड़े पैमाने पर विस्तार करना होगा।
- पूरे देश में इलेक्ट्रिक वाहन की चार्जिंग के लिए लगभग 250 चार्जिंग स्टेशन हैं और ये ज्यादातर तिपहिया वाहनों की सेवा करते हैं। ऐसे में इस संक्रमण को व्यवहार्य बनाने के लिए बुनियादी ढांचा एक महत्वपूर्ण कारक है।
भारत में इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के समक्ष चुनौतियां:
- भारत में इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग की रीढ़ बनने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद जैसे बैटरी, अर्धचालक आदि के उत्पादन में तकनीकी रूप से कमी है।
- AC बनाम DC चार्जिंग स्टेशनों पर स्पष्टता की कमी इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के विकास में बाधा डालती है।
- लिथियम आयन बैटरी के आयात के लिए भारत जापान और चीन जैसे देशों पर निर्भर है।
- इलेक्ट्रिक वाहन की सर्विसिंग लागत अधिक होती है और सर्विसिंग के लिए उच्च स्तर के कौशल की आवश्यकता होती है परन्तु भारत में ऐसे कौशल विकास के लिए समर्पित प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों का अभाव है।
कुछ महत्वपूर्ण तथ्यात्मक जानकारी:
- भारत में TATA Tigor EV सबसे लेटेस्ट और देश की सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कार है।
- इलेक्ट्रिक वाहनों में लेड-एसिड बैटरी का प्रयोग किया जाता है जिसकी लाइफ बहुत ज्यादा नहीं होती है ज्यादातर कार की बैटरी 4 से 5 साल के बीच चलती है तथा गर्मी में इसकी लाइफ और कम हो जाती है।
प्लग-इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन:
प्लग-इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन से तात्पर्य एक ऐसे हाइब्रिड इलेक्ट्रिक से वाहन से है, जिसकी बैटरी को बिजली के बाहरी स्रोत के साथ-साथ इसके ऑन-बोर्ड इंजन और जनरेटर में प्लग करके रिचार्ज किया जा सकता है। इन गाड़ियों को पेट्रोल या इलेक्ट्रिक दोनों मोड पर चलाया जा सकता है. सामान्य तौर पर हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों को पेट्रोल या इलेक्ट्रिक दोनों मोड पर चलाया जा सकता है।