E-Bill System (ई-बिल प्रणाली): प्रमुख उद्देश्य, महत्त्व & Study Notes
By BYJU'S Exam Prep
Updated on: September 13th, 2023

भारत में वित्तीय समावेशन अभियान को सुविधाजनक बनाने के लिये प्रौद्योगिकी का उपयोग करने हेतु वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 46वें नागरिक (सिविल) लेखा दिवस के अवसर पर ‘ई-बिल प्रणाली’ का शुभारंभ किया। केंद्र सरकार के मंत्रालयों के लिए बिल जमा करने और बैकएंड प्रोसेसिंग की प्रक्रिया को पूरी तरह से पेपरलेस और पारदर्शी बनाने हेतु ई-बिल प्रणाली का विकास किया जो व्यापक पारदर्शिता और भुगतान की प्रक्रिया में तेज़ी लाने के लिये ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस (ईओडीबी) व डिजिटल इंडिया इको-सिस्टम का हिस्सा है।
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ई-बिल प्रणाली
वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग में लेखा महानियंत्रक के कार्यालय में सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) प्रभाग द्वारा ई-बिल प्रणाली को विकसित किया गया है। शुरू की गई नई ई-बिल प्रणाली के तहत विक्रेता या आपूर्तिकर्त्ता किसी भी समय डिजिटल हस्ताक्षर के माध्यम से अपने घरों या कार्यालयों पर सुविधापूर्वक सहायक दस्तावेज़ो के साथ अपने बिल ऑनलाइन अपलोड कर सकते हैं साथ ही प्राप्त इलेक्ट्रॉनिक बिल को अधिकारियों द्वारा हर चरण में डिजिटल रूप से संसाधित किया जाएगा और अंत में भुगतान को विक्रेता के बैंक खाते में डिजिटल रूप से जमा किया जाएगा।
ई-बिल प्रोसेसिंग सिस्टम के प्रमुख उद्देश्य:
- ई-बिल प्रणाली का प्रमुख उद्देश्य सरकार के सभी विक्रेताओं/आपूर्तिकर्ताओं को अपने बिल/दावे किसी भी समय, कहीं से भी जमा करने की सुविधा प्रदान करना है।
- ई-बिल प्रणाली का उद्देश्य आपूर्तिकर्ताओं और सरकारी अधिकारियों के बीच भौतिक संपर्क को समाप्त करना ।
- ई-बिल प्रणाली का उद्देश्य बिलों/दावों को संसाधित करने में दक्षता बढ़ाना।
- ई-बिल प्रणाली के प्रमुख उद्देश्यों में से एक “फर्स्ट-इन-फर्स्ट-आउट” (फीफो) पद्धति के माध्यम से बिलों के प्रसंस्करण को कम करना है।
ई-बिल प्रोसेसिंग सिस्टम का महत्त्व:
- वर्तमान में, सरकार को विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं के आपूर्तिकर्ताओं को अपने बिलों की भौतिक प्रतियां संबंधित मंत्रालयों को प्रस्तुत करनी होती हैं। इसी तरह सरकारी कर्मचारियों को भी अपने दावों की हार्ड कॉपी जमा करनी होगी, इसके कारण आपूर्तिकर्ताओं को बिल देने के लिए कार्यालयों का चक्कर लगाना पड़ता है। इसके अलावा, वे अपने बिलों के प्रसंस्करण की स्थिति को ट्रैक करने में असमर्थ हैं, लेकिन इस ई-बिल प्रणाली के तहत, विक्रेता / आपूर्तिकर्ता किसी भी समय डिजिटल हस्ताक्षर के माध्यम से अपने बिलों को सहायक दस्तावेजों के साथ ऑनलाइन अपलोड कर सकते हैं। जिनके पास डिजिटल सिग्नेचर नहीं है, उनके लिए आधार का उपयोग करने वाले ई-साइन की सुविधा भी प्रदान की गई है।
- ई-बिल प्रोसेसिंग सिस्टम वास्तविक समय के आधार पर ट्रैक करने की सुविधा प्रदान करता है।
- ई-बिल प्रोसेसिंग सिस्टम पारदर्शिता, दक्षता और फेसलेस-पेपरलेस भुगतान प्रणाली को बढ़ावा देगा।
- ई-बिलिंग का तरीका समय-कुशल, त्वरित और सरल होगा जो भारत को डिजिटल बनाने हेतु सरकार के लिये बेहतर होगा तथा ई-बिल प्रोसेसिंग सिस्टम से त्रुटियाँ भी कम होंगी।
Source: PIB
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