दर निर्धारक पद को समझाइये.
By BYJU'S Exam Prep
Updated on: September 13th, 2023
रासायनिक अभिक्रिया का आशय यह है कि किसी दी हुई रासायनिक अभिक्रिया में किसी अभिकारक की मात्रा कितने धीमे या तेजी से बदल रही है, वही दर निर्धारक पद कहलाते हैं। अभिक्रिया की दर या दर निर्धारक तत्व की परिभाषा किसी खास समय में अभिकारकों की सांद्रता (concentration) में बदलाव ही अभिक्रिया की दर या वेग कहलाती है।
उदाहरण के लिए लोहे में जंग लगने की धीमा रासायनिक प्रक्रिया है और तीव्र रासायनिक क्रिया में लकड़ी का आग में जलना।
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संघट्ट सिद्धांत क्या है?
यदि अणुओं की ऊर्जा (energy) सक्रियण ऊर्जा (Activation Energy) के समान या उससे अधिक नहीं है तो ये संघट्ट उचित नहीं माना जाता है। परिभाषा के अनुसार ऐसे टक्कर वाले क्रिया कराक उत्पाद (Product) में परिवर्तित नहीं हो पाते है। इसलिए क्रिया-कारक का प्रोडक्ट में बदलने के लिए उपयुक्त अभिविन्यास में और सक्रियण ऊर्जा के साथ संघट्ट करना आवश्यक है।
Summary
दर निर्धारक पद को समझाइये।
दर निर्धारक पद: रासायनिक अभिक्रिया के अभिकारक या उत्पाद कितनी तीव्रता से बदल रहे हैं, यही दर निर्धारक तत्व है। इसका एक उदाहरण दूध का दही में परिवर्तित होना। यह अभिक्रिया धीरे-धीरे होती है।
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