BIMSTEC क्या है? – बिम्सटेक का उद्देश्य, महत्व और सिद्धान्त PDF
By BYJU'S Exam Prep
Updated on: September 13th, 2023

BIMSTEC यानी – Bangladesh, India, Myanmar, Sri Lanka and Thailand Economic Cooperation. BIMSTEC बंगाल की खाड़ी के तटवर्ती या उसके समीप देशों का एक अंतरराष्ट्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग संगठन है। इस क्षेत्र को एकत्रित करने की दिशा में मूल रूप से बांग्लादेश, भारत, श्रीलंका और थाईलैंड के साथ 1997 में (बैंकॉक घोषणा) बिम्सटेक की शुरुआत हुई, बाद में म्यांमार, नेपाल और भूटान भी शामिल हो गए, बिम्सटेक दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के बीच सेतु का काम करता है। इसमें दक्षिण एशिया के पांच देश (बांग्लादेश, भारत, श्रीलंका, नेपाल और भूटान) और आसियान के दो देश ( थाईलैंड और म्यांमार) शामिल हैं, इसमें मालदीव, अफगानिस्तान और पाकिस्तान को छोड़कर दक्षिण एशिया के सभी प्रमुख देश शामिल हैं, BIMSTEC का मुख्यालय ढाका, बांग्लादेश में है।
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बिम्सटेक क्या है?
- यह एक क्षेत्रीय बहुपक्षीय संगठन है तथा बंगाल की खाड़ी के तटवर्ती और समीपवर्ती क्षेत्रों में स्थित इसके सदस्य हैं, इस प्रकार यह एक क्षेत्रीय एकता का प्रतीक भी हैं।
- इसके 7 सदस्यों में से 5 दक्षिण एशिया से हैं, जिनमें बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल और श्रीलंका शामिल हैं तथा दो- म्याँमार और थाईलैंड दक्षिण-पूर्व एशिया से हैं।
- बिम्सटेक न सिर्फ दक्षिण और दक्षिण पूर्व-एशिया के बीच संपर्क बनाता है है बल्कि हिमालय तथा बंगाल की खाड़ी की पारिस्थितिकी को भी जोड़ता है, इस प्रकार यह एक सेतु की तरह कार्य करता है।
- इसके मुख्य उद्देश्य तीव्र
- आर्थिक विकास हेतु वातावरण तैयार करना,
- सामाजिक प्रगति में तेज़ी लाना,
- क्षेत्र में सामान्य हित के मामलों पर सहयोग को बढ़ावा देना है।
BIMSTEC का महत्व:
- दुनिया की आबादी का 1/5 भाग (22%) इसके आसपास के सात देशों में रहता है।
- इस क्षेत्र की संयुक्त जीडीपी क़रीब $ 2.7 बिलियन है।
- आर्थिक चुनौतियों के बावजूद, इन सभी 7 देशों का 2012 से 2016 तक औसतन आर्थिक विकास 4% और 7.5% के बीच रही हैं।
- बंगाल की खाड़ी में विशाल अप्रयुक्त (बिना इस्तेमाल हुए) प्राकृतिक संसाधन मौजूद है
- विश्व का एक चौथाई व्यापार बंगाल की खाड़ी के ज़रिए होता है।
- खाड़ी में विशाल अप्रयुक्त प्राकृतिक संसाधन भी हैं, दुनिया का एक चौथाई व्यापार हर साल खाड़ी देशों से होता है।
बिम्सटेक के सिद्धांत:
- यह समान संप्रभुता के सिद्धांत पर कार्य करता है।
- यह क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांत पर कार्य करता है।
- राजनीतिक स्वतंत्रता का पालन करना बिम्सटेक का प्रमुख सिद्धांत है।
- आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करना बिम्सटेक का प्रमुख सिद्धांत है।
- यह शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के सिद्धांत का पालन करता है।
- यह पारस्परिक लाभ के सिद्धांत पर कार्य करता है।
- सदस्य देशों के मध्य अन्य द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय सहयोग को प्रतिस्थापित करने के बजाय अन्य विकल्प प्रदान करना बिम्सटेक का प्रमुख सिद्धांत है।
भारत के लिये बिम्सटेक का महत्त्व:
- इस क्षेत्र की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में, भारत का बहुत कुछ दांव पर लगा है।
- बिम्सटेक न केवल दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया को जोड़ता है, बल्कि महान हिमालय और बंगाल की खाड़ी की पारिस्थितिकी को भी जोड़ता है।
- भारत के लिए, यह नेबरहुड फर्स्ट, और ‘एक्ट ईस्ट’ की हमारी प्रमुख विदेश नीति प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए एक प्राकृतिक मंच है।
- सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण मलक्का जलडमरूमध्य से जुडी बंगाल की खाड़ी, चीन के लिए हिंद महासागर तक पहुँच सुनिश्चित करने में एक प्रमुख आधार बन गया है।
- भारत के लिए इस क्षेत्र में अपनी गतिविधियों को बढ़ाने का मुख्य कारण इस क्षेत्र की की अपार संभावना है, लगभग 300 मिलियन लोग बंगाल की खाड़ी (आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल) से सटे चार तटीय राज्यों में रहते हैं इसके साथ ही लगभग 45 मिलियन लोग पूर्वोत्तर राज्यों में रहते हैं यदि ये दोनों क्षेत्र बंगाल की खाड़ी, म्यांमार और थाईलैंड से जुड़ जाते हैं तो इस क्षेत्र के विकास के लिए संभावना के द्वार खुल जाएंगे।
- बंगाल की खाड़ी के आसपास के देशों में चीन के बेल्ट एवं रोड इनिशिएटिव के विस्तारवादी प्रभावों से भारत को मुकाबला करने का अवसर प्रदान करता है।
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