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भारतीय संविधान की प्रस्तावना | Preamble to the Indian Constitution in Hindi – विवरण, स्रोत, स्वरूप, उद्देश्य

By BYJU'S Exam Prep

Updated on: September 13th, 2023

संविधान की प्रस्तावना: भारतीय संविधान का परिचय पत्र संविधान की प्रस्तावना को कहा जाता है। प्रस्तावना को संविधान में वर्ष 1976 में 42वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा संशोधित कर तीन नए शब्द समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और अखंडता को जोड़ा गया था। प्रस्तावना, भारत के सभी नागरिकों के लिए न्याय, स्वतंत्रता, समानता को सुरक्षित करती है और लोगों के बीच भाई चारे को बढावा देती है। भारतीय संविधान प्रस्तावना से प्रत्येक वर्ष हर सरकारी परीक्षा में विभिन्न प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं|
विस्तार रूप से पढ़े Preamble of the Constitution in Hindi. इस लेख में हम आपको भारतीय संविधान की प्रस्तावना क्या है, प्रस्तावना का महत्व क्या है, भारतीय संविधान की प्रस्तावना में किये गए संशोधन आदि से जुड़ी समस्त जानकारी साझा कर रहे हैं। साथ में हे आप भारतीय संविधान की प्रस्तावना PDF भी डाउनलोड कर पाएंगे|

भारतीय संविधान की प्रस्तावना | Preamble of the Indian Constitution in Hindi

” हम, भारत के लोग,
भारत को एक
सम्पूर्ण प्रभुत्व संपन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य
बनाने के लिए और
उसके समस्त नागरिकों को

सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय,
विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म व उपासना की स्वतंत्रता,
प्रतिष्ठा और अवसर की समता
प्राप्त कराने के लिए तथा
उन सब में व्यक्ति की गरिमा और
राष्ट्र की एकता तथा अखंडता
सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए

दृढ़ संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज दिनांक 26 नवंबर 1949 ई. ( मिति मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी, संवत् दो हजार छह विक्रमी ) को एतद द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं। “

भारत के संविधान की प्रस्तावना क्या है? What is Preamble of the Indian Constitution?

 संविधान सभा द्वारा भारत के संविधान का निर्माण किया गया था। संविधान सभा में 13 दिसंबर 1946 को पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा एक उद्देशिका पेश की गयी थी, जिसमें यह बताया गया था कि किस प्रकार का संविधान तैयार किया जाना है। इसी उद्देशिका से जुड़ा हुआ जो प्रस्ताव था संविधान निर्माण के अंतिम चरण में प्रस्तावना के रूप में संविधान में शामिल किया गया था। संविधान सभा ने इस प्रस्ताव को 22 जनवरी 1947 को स्वीकार किया था । संविधान की प्रस्तावना को उद्देशिका के नाम से भी जाना जाता है।

  1. शब्द ‘प्रस्तावना’ संविधान के परिचय या प्रस्तावना को संदर्भित करता है। यह संविधान का सार है।
  2. अमेरिका का संविधान प्रस्तावना के साथ शुरू होने वाला पहला संविधान था।
  3. एन.ए. पालकीवाला ने प्रस्तावना को ‘संविधान का पहचान पत्र‘ कहा है।
  4. प्रस्तावना कुछ हद तक ‘उद्देश्य संकल्प’ पर आधारित है।
  5. प्रस्तावना में केवल एक बार संशोधन किया गया है, जो 1976 के 42वें संशोधन (42nd Amendment) अधिनियम द्वारा किया गया था। इस संशोधन में तीन शब्द – समाजवादी, धर्म निरपेक्ष और अखंडता को शामिल किया गया।

भारतीय संविधान प्रस्तावना PDF

  1. प्रस्तावना के चार अवयवों या घटकों से पता चलता है:
  2. संविधानकेअधिकारकास्रोत: प्रस्तावना बताती है कि संविधान भारत के लोगों से अपना अधिकार प्राप्त करता है।
  3. भारतीयराज्यकीप्रकृति: यह भारत को एक सार्वभौम, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक और गणतंत्रवादी राज्य के रूप में घोषित करता है।
  4. संविधानकेउद्देश्य: भारत के नागरिकों को न्याय, स्वतंत्रता, समानता और भाई-चारा प्रदान करना है।
  5. संविधान को अपनाने की तिथि: 26 नवंबर, 1949
  6. बरुभाड़ी संघ मामला (1960) – सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रस्तावना संविधान का हिस्सा नहीं है।
  7. केशवानंद भारती मामला (1973) – सर्वोच्च न्यायालय ने पहले की राय को खारिज कर दिया और कहा कि प्रस्तावना संविधान का हिस्सा है।
  8. प्रस्तावना न तो विधानमंडल की शक्ति का स्रोत है और न ही विधायिका के अधिकारों पर प्रतिबंध है। प्रस्तावना के प्रावधान कोर्ट ऑफ लॉ में लागू नहीं होते हैं, अर्थात यह गैर-न्यायसंगत है।

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भारतीय संविधान प्रस्तावना के उद्देश्य Objectives of the Indian Constitution Preamble

  • संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में भारतीय राज्य का विवरण।
  • भारत के सभी नागरिकों के लिए प्रावधान अर्थात,
  • न्याय – सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक।
  • स्वतंत्रता – विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, आस्था और पूजा की।
  • समानता – स्थिति और अवसर की।
  • बंधुत्व – व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता को सुनिश्चित करना

प्रस्तावना के चार घटक इस प्रकार हैं | Four Components of Preamble

1. यह इस बात की ओर इशारा करता है कि संविधान के अधिकार का स्रोत भारत के लोगों के साथ निहित है।

2. यह इस बात की घोषणा करता है कि भारत एक, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक और गणतंत्र राष्ट्र है।

3. यह सभी नागरिकों के लिए न्याय, स्वतंत्रता, समानता को सुरक्षित करता है तथा राष्ट्र की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए भाईचारे को बढ़ावा देता है।

4. इसमें उस तारीख (26 नवंबर 1949) का उल्लेख है जिस दिन संविधान को अपनाया गया था.

भारतीय संविधान की प्रस्तावना में संशोधन

संविधान की प्रस्तावना में अब तक केवल एक ही बार संसोधन हुआ है। 1976 में, 42 वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा प्रस्तावना में संशोधन किया गया था जिसमें तीन नए शब्द- समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और अखंडता को जोड़ा गया था।

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