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कारगिल विजय दिवस: 26 जुलाई

By BYJU'S Exam Prep

Updated on: September 13th, 2023

कारगिल विजय दिवस: प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य में भारतीय सेना ने 26 जुलाई, 1999 के ही दिन नियंत्रण रेखा से लगी कारगिल की पहाड़ियों पर कब्ज़ा करने आये पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकियों को मार भगाया था। पाकिस्तान के ख़िलाफ़ हुए इस युद्ध में कई भारतीय जवान शहीद और घायल हुए थे। इस लेख में हम आपको कारगिल विजय दिवस की सम्पर्ण जानकारी प्रदान कर रहे हैं ।

कारगिल विजय दिवस

कारगिल युद्ध में अपने देश की रक्षा हेतु लड़ते हुए अपने प्राणों का बलिदान देकर वीरगति को प्राप्त हुए शहीदों की याद में प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई को कारगिल दिवस मनाया जाता है। कारगिल युद्ध में भारतीय सेना द्वारा किये गये ऑपरेशन विजय चलाया गया था जिसकी याद में कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। युद्ध में भारतीय वायुसेना भी सम्मिलित हुई थी और उसने सफ़ेद सागर नाम का ऑपरेशन सम्पन्न किया था।

लगभग 18 हजार फुट की ऊँचाई पर हुए कारगिल युद्ध में 527 से अधिक वीर योद्धा शहीद हुए थे और 1300 से अधिक जवान घायल हुए थे। वहीं युद्ध में 2700 से अधिक पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और लगभग 250 पाकिस्तानी सैनिक जंग छोड़ के भाग गए थे । शहीद भारतीय वीरों की याद में प्रत्येक वर्ष 24 से 26 जुलाई तक विभिन्न समारोह आयोजित किये जाते हैं।

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कारगिल विजय दिवस की पृष्ठभूमि

भारत और पाकिस्तान के मध्य मई और जुलाई 1999 के बीच कश्मीर के करगिल जिले में युद्ध हुआ था जिसे कारगिल युद्ध के नाम से जाना जाता है। पाकिस्तान की सेना और कश्मीरी आंतकवादियों ने ऑपरेशन बद्र के तहत भारत और पाकिस्तान के बीच की नियंत्रण रेखा ‘लाइन ऑफ कंट्रोल’ को पार कर भारत की सीमा पर कब्ज़ा करने की कोशिश की थी। जिसके जवाब में भारतीय सेना ने आतंकवादियों और पाकिस्तानी सेना पर हमला किया था। यह युद्ध दो महीने से अधिक समय तक चला चला था जिसमें भारतीय थलसेना व वायुसेना ने विजय प्राप्त कर भारत को गौरान्वित किया था। 

कारगिल युद्ध की पृष्ठभूमि को निम्न प्रकार से समझ सकते हैं:

  • स्थानीय चरवाहों ने 3 मई 1999 को जम्मू-कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र के बाल्टिस्तान जिले के कारगिल में पाकिस्तानी घुसपैठियों की मौजूदगी की सूचना दी थी।
  • भारतीय सेना ने 5 वें दिन इस क्षेत्र में गश्ती इकाइयों की स्थापना की, उस समय कैप्टन सौरभ कालिया सहित पांच भारतीय गश्त करने वाले सैनिकों को पाकिस्तानी सेना ने पकड़ लिया और बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया।
  • 9 मई को पाकिस्तानियों द्वारा हमला कर भारी गोलाबारी की गयी और द्रास, मुशकोह और काकसर क्षेत्रों में घुसपैठ की ।
  • पाकिस्तानी सेना को जवाब देने के लिए भारतीय सेना कश्मीर घाटी से कारगिल क्षेत्र में प्रवेश करके युद्ध जारी करती है। इस युद्ध में भारतीय वायु सेना भी शामिल थी।
  • वहीं दूसरी ओर जून के प्रारम्भ में भारतीय सेना ने ऐसे दस्तावेज़ जारी किए जो पाकिस्तानी सेना की संलिप्तता की पुष्टि करते थे, जिसके बाद पकिस्तान ने इन दस्तावेजों को खारिज कर कहा कि घुसपैठ कश्मीरी स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा की गई थी।
  • 4 जुलाई को, भारतीय सेना ने 11 घंटे तक चले युद्ध के बाद टाइगर हिल पर कब्जा कर लिया था और 5 जुलाई को भारत ने द्रास को पुनः प्राप्त किया था।
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में रहे इस कारगिल युद्ध के दौरान 5 जुलाई को, नवाज़ शरीफ ने बिल क्लिंटन से मुलाकात के पश्चात् घोषणा की कि वह पाकिस्तान सैनिकों को वापस बुला रहा है। इसके साथ ही 11 जुलाई को पाकिस्तानी सेना द्वारा पीछे हटना शुरू कर दिया था।
  • 26 जुलाई को आधिकारिक तौर पर युद्ध समाप्त हो गया गया था । सभी पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों को भारतीय सीमा से बेदखल कर दिया गया था।

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