चक्रपाणि शब्द में कौन सा समास है?
By Balaji
Updated on: March 30th, 2023
‘चक्रपाणि’ का समास विग्रह करने पर ‘चक्र है पाणि में जिसके’ होगा। समास वह प्रक्रिया है जिसमें दो शब्दों को आपस में जोड़कर एक नया शब्द बनाया जाता है। समास का अर्थ है ‘संक्षिप्त नाम’। यौगिक के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ व्यक्त किया जाता है।हिंदी व्याकरण में दिए परिभाषा के अनुसार, जो समास के दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी नए शब्द और उसके अर्थ का बोध करवाते हैं, वह बहुव्रिही समास कहलाता है। चक्र है पाणि में जिसके, चक्रपाणि शब्द समास विग्रह है।
Table of content
-
1. चक्रपाणि शब्द का विग्रह
-
2. चक्रपाणि शब्द में कौन सा समास है?
चक्रपाणि शब्द का विग्रह
समास “सम” और “आस” शब्दों का एक संयोजन है, जहां “सम” का अर्थ है “निकट” और “आस” का अर्थ है “बैठना।” अत: विभक्ति चिन्हों को हटाकर या दो या अधिक पदों के साथ प्रयुक्त पदों या समाकलन पदों को हटाकर एक नया पद बनाने की प्रक्रिया को समास कहते हैं। “व्यास” शब्द “समास” के विपरीत है।
समास-विग्रह यौगिक शब्दों के बीच संबंध को स्पष्ट करने की प्रक्रिया है। समस-विग्रह शब्द का प्रयोग तब किया जाता है जब एक पूरे पद के सभी पद अलग हो जाते हैं, जो कि विग्रह के बाद सामसिक शब्दों के गायब होने के बाद होता है। समास में अक्षरों की अपेक्षा पद का अधिक महत्व है। यह एक एकल, पूर्ण शब्द बनाने के लिए उनमें से दो या दो से अधिक शब्दों के बीच के अंतर को समाप्त करता है।
समास-विग्रह अपने सभी विभक्ति चिह्नों, जोड़ने वाले शब्दों, अभिन्न शब्दों या एक दूसरे से संबंधित शब्दों के साथ एक यौगिक शब्द का लेखन है। समास-विग्रह करते समय किसी अन्य समानार्थी शब्द के स्थान पर मूल शब्द का प्रयोग करना चाहिए। समास-विग्रह के उदाहरण,
- वनवास = वन में वास
- हस्तलिखित = हस्त से लिखित
- गोशाला = गायों के लिए शाला
- रसोईघर = रसोई के लिए घर
- रणभूमि = रण के लिए भूमि
- देवालय = देवता के लिए आलय
Summary:
चक्रपाणि शब्द में कौन सा समास है?
‘चक्र है पाणि में जिसके’, ‘चक्रपाणि’ का समास विग्रह करने पर होगा।यहाँ भगवन विष्णु की बात के बारे में बोध करवाया जा रहा है। समास और उसके भेदों की परिभाषा के अनुसार, चक्रपाणि में बहुव्रिही समास है। दो शब्दों को आपस में जोड़कर एक नया शब्द बनाने कि प्रक्रिया को समास कहते है
Related Questions: