आप सभी को वर्तमान किसी भी बड़ी घटना की जानकारी के लिए गहराई में समझ की सहायता हेतु हमने हमारी श्रृंखला करंट स्कूप प्रारम्भ कर दी है| आज इस प्रकाशन में, ISRO की नयी उपलब्धियों, GSLV Mk III के प्रक्षेपण पर चर्चा करेंगे| आप वर्तमान जागरूकता के क्षेत्र में अद्यतन हेतु इस श्रृंखला के पूर्व प्रकाशन भी देख सकते हैं|
करंट स्कूप : ISRO की नयी उपलब्धि
ISRO (भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संस्थान) ने इसका सबसे भारी राकेट GSLV Mk III प्रक्षेपित किया| Geosynchronous Satellite Launch Vehicle-Mark III (GSLV-Mk III) का प्रक्षेपण संचार उपग्रह GSAT – 19 द्वारा किया गया|
इस प्रक्षेपण के मुख्य बिंदु निम्न हैं-
- राकेट का भार 640 टन एवं लम्बाई 43 मीटर है|
- इसे श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अन्तरिक्ष केन्द्र, आंध्र-प्रदेश से प्रक्षेपित किया गया था|
- GSLV Mk III में GSAT - 19 संचार उपग्रह थे जिनका भार 3136 किग्रा. था|
- उपग्रह को प्रक्षेपण के लगभग 16 मिनट बाद पृथ्वी की सतह से ऊपर लगभग 179 किमी. की ऊँचाई पर एक अक्षिकूप में रखा गया|
- GSLV Mk – III की प्रथम उड़ान का प्रक्षेपण, ISRO के मानव मिशन के लिए रास्ता तैयार करने की उम्मीद है|
- उपग्रह GSAT - 19 का जीवनकाल कुल 10 वर्ष है| इससे दूरसंचार एवं इन्टरनेट सेवाओं में वृद्धि की उम्मीद है|
- GSLV Mk - III इसका उपनाम ‘FatBoy’ है|
- कम तापमान वाले निर्मित स्वदेशी इंजन CE-20 ने इसे इसकी कक्ष में से निकालने से पहले उपग्रह को चालित किया|
- S. किरण कुमार, ISRO के अध्यक्ष, ने इस उपलब्धि को, भारी उपग्रहों के प्रक्षेपण हेतु, भारत के लिए आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम के रूप में बतलाया|
त्वरित बिंदु -
- यह प्रक्षेपण आवश्यक था चूँकि भूतकाल में रोकेट के प्रक्षेपण के सम्बन्ध में ISRO कभी अधिक सफल नहीं रहा| यहाँ इसकी सूची है-
- 1979 - Satellite Launch Vehicle - 3 (SLV - 3) प्रक्षेपण असफल|
- 1993 – सोफ्टवेयर त्रुटी के कारण IRS-1E ले जाने वाला ध्रुवीय उपग्रह वाहन प्रक्षेपण असफल रहा|
- GSLV के प्रारम्भिक प्रक्षेपणों का कई बार असलता के रूप में अंत हुआ| GSLV द्वारा किये गए कुल 11 प्रक्षेपणों में से 5 सफल रहे|
- PSLV (Polar Satellite Launch Vehicle) के कुल 39 प्रक्षेपण सफल रहे|
- GSLV का पेलोड(हवाई जहाज़ के भार का वह अंश जिस पर चुंगी लगती है) लगभग 4000 किग्रा. है एवं उपग्रह को भौगोलिक अंतरण कक्ष में रखा गया|
- साथ ही राकेट की अधिकतम क्षमता 10000 किग्रा. थी एवं इसे निम्न धरा कक्ष में रखा गया|
इसरो के बारे में -
- भारत की अंतरिक्ष एजेंसी, इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) की स्थापना 15 अगस्त 1969 को अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए भारतीय राष्ट्रीय समिति (INCOSPAR) के स्थान पर की गई थी।
- INCOSPAR की स्थापना 1962 में वैज्ञानिक विक्रम साराभाई और भारत के पहले प्रधान मंत्री, जवाहर लाल नेहरू के संयुक्त प्रयासों के साथ हुई।
- अंतरिक्ष विभाग, इसरो का प्रबंधन करता है, और इसका मुख्यालय कर्नाटक बेंगलुरु में है।
- इसरो की द्रष्टिकोड़, अंतरिक्ष विज्ञान अनुसंधान और ग्रहों की अन्वेषण का पीछा करते हुए, राष्ट्रीय विकास के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग करना है|
- आर्यभट्ट, जो 1975 में सोवियत संघ द्वारा लॉन्च किया गया था, इसरो द्वारा बनाया गया पहला भारतीय उपग्रह था।
- ए एस किरण कुमार इसरो के वर्तमान अध्यक्ष हैं।
आप सामान्य ज्ञान भाग में और भी बेहतर तैयारी हेतु हमारी श्रृंखला, बिग बैंक थ्योरी, वित्तीय जागरूकता पर एक नजर एवं वर्ल्ड अराउंड एस को देख सकते हैं|
परीक्षाओं हेतु शुभकामनाएं..
टीम ग्रेडअप ..!!
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