किस राजा ने तम्बाकू पर रोक लगा दी थी?
By Balaji
Updated on: February 17th, 2023
मुगल बादशाह जहाँगीर ने तम्बाकू पर 1617 में रोक लगा दी थी। जांहगीर का मूल नाम नूरुद्दीन मुहम्मद सलीम था और इन्होने 1605 से 1627 तक शासन किया था। 17वीं शताब्दी के पहले दशक में तम्बाकू का प्रयोग एक नवीनता मानी जाती थी। अकबर ने 16वीं शताब्दी में तंबाकू की शुरुआत की थी। लेकिन, 1617 तक इसका उपयोग न केवल कुलीनों के बीच बल्कि आम लोगों के बीच भी व्यापक हो गया था। जहांगीर को लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा और आदत को नियंत्रित करने के लिए तंबाकू पर रोक लगाने का फरमान जारी करना पड़ा।
Table of content
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1. मुगल शासक द्वारा तम्बाकू पर रोक
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2. किस राजा ने तम्बाकू पर रोक लगा दी थी?
मुगल शासक द्वारा तम्बाकू पर रोक
16वीं शताब्दी में पुर्तगाली भारत आए थे जिसके कई परिणाम हुए। चूंकि पुर्तगाली भारतीय उपमहाद्वीप को लूटने वाले पहले यूरोपीय थे, इसलिए उन्होंने कई यूरोपीय देशों को भारतीय उत्पादों से परिचित कराया। भारत में तम्बाकू पहली बार अकबर के शासनकाल के दौरान 1613 के वर्ष में पुर्तगालियों द्वारा पेश किया गया था।
जहाँगीर अकबर का पुत्र और मुगल साम्राज्य का चौथा राजा था| इन्होने 1605 से 1627 तक शासन किया। जहाँगीर ने तम्बाकू का उपयोग करने वालों के लिए एक दंड निर्धारित किया। भारतीयों द्वारा अत्यधिक उपयोग किए जाने वाले उत्पादों में से एक तंबाकू था। अकबर ने सबसे पहले इसकी खेती गुजरात में की थी।
हालाँकि, बाद में इसका विस्तार देश के अन्य हिस्सों में हुआ। यह बेहद लोकप्रिय हो गया और लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा और आदत को नियंत्रित करने के लिए जहांगीर इसे प्रतिबंधित कर दिया था। इसका प्रयोग इतना बढ़ गया था कि जहाँगीर को इसके प्रयोग पर रोक लगानी पड़ी।
Summary:
किस राजा ने तम्बाकू पर रोक लगा दी थी?
1617 में, मुगल बादशाह जहांगीर ने तंबाकू के सेवन पर प्रतिबंध लगा दिया था। जहांगीर चौथे मुगल सम्राट थे, जिन्होंने 1605-1627 तक भारत में शासन किया था। तम्बाकू पहली बार मुगल भूमि में व्यापक रूप से तब उपलब्ध हुई थी जब पुर्तगाली व्यापारियों ने इसे तीसरे मुगल सम्राट अकबर के शासनकाल के दौरान बेचना शुरू किया।
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