दर्पण का सूत्र क्या है?
By BYJU'S Exam Prep
Updated on: November 14th, 2023
दर्पण का सूत्र 1⁄f = 1⁄u + 1/v है। जहाँ f = फोकल लम्बाई, v= दर्पण से छवि की दूरी, u = दर्पण से वस्तु की दूरी है। दर्पण एक वस्तु है जो एक वस्तु की काल्पनिक छवि को दर्शाता है। दर्पण तीन प्रकार के होते हैं, प्रथम समतल दर्पण, द्वितीय उत्तल दर्पण, तृतीय अवतल दर्पण। दर्पण समीकरण एक समीकरण है जो वस्तु की दूरी और छवि की दूरी को फोकल लंबाई से संबंधित करता है। इसे दर्पण सूत्र भी कहते हैं।
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दर्पण का सूत्र
दर्पण समीकरण एक समीकरण है जो वस्तु की दूरी और छवि की दूरी को फोकल लंबाई से संबंधित करता है। इसे दर्पण सूत्र भी कहते हैं। वस्तु और दर्पण के ध्रुव के बीच की दूरी को वस्तु दूरी (यू) कहा जाता है। छवि और दर्पण के ध्रुव के बीच की दूरी को छवि दूरी (v) कहा जाता है। दर्पण के मुख्य फोकस तथा ध्रुव के बीच की दूरी को फोकस दूरी (f) कहते हैं। दर्पण की फोकस दूरी, वस्तु की दूरी तथा प्रतिबिम्ब की दूरी के संबंध को दर्पण सूत्र कहते हैं। दर्पण सूत्र नीचे दिया गया है, जहां U = वस्तु दूरी, V = छवि दूरी और F = फोकल लंबाई हैं।
1/f = 1/v+1/u
वस्तु की स्थिति के बावजूद, सूत्र विभिन्न प्रकार के गोलाकार दर्पणों के लिए मान्य है। आम तौर पर हम गोलाकार दर्पण और विशेष रूप से अवतल गोलाकार दर्पण का उपयोग करते हैं जो एक अभिसारी दर्पण है और दूसरा उत्तल दर्पण है जो एक अपसारी दर्पण है जिसका अर्थ है कि जब प्रकाश किरणें दर्पण की परावर्तक सतह पर पड़ती हैं तो किरणें अभिसरित और अपसरित हो जाती हैं। दूरियां हमेशा दर्पण के ध्रुव से मापी जाती हैं। आपतित किरण की दिशा में मापी गई दूरियों को धनात्मक लिया जाता है और आपतित किरण के विपरीत दिशा में मापी गई दूरियों को हमेशा ऋणात्मक के रूप में लिया जाता है, दर्पण सूत्र के पारंपरिक चिह्न हैं।
Summary:
दर्पण का सूत्र क्या है?
1⁄f = 1⁄u + 1/v दर्पण का सूत्र होता है। इस सूत्र से ही दर्पण और उसके सामने रखे वस्तु से जुड़े गणना की जाती है। यहाँ f = फोकल लम्बाई, u = दर्पण से वस्तु की दूरी और v= दर्पण से छवि की दूरी है। दर्पण सूत्र वस्तु की दूरी, छवि की दूरी और गोलाकार दर्पण की फोकल लम्बाई के बीच संबंध का प्रतिनिधित्व करता है।
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