धरती से सूरज कितनी दूर है?
By Balaji
Updated on: February 17th, 2023
धरती से सूर्य की दूरी करीब 151.40 मिलियन किलोमीटर है। सौर मंडल का एक मात्र जीवित ग्रह पृथ्वी है। सूर्य हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा पिंड है। सूरज का व्यास करीब 13 लाख 90 हज़ार किमी है। आसान भाषा में कहें तो सूर्य में करीब 109 पृथ्वी जैसे ग्रह समा सकते हैं। सूर्यकिरणों को सूरज और धरती के बीच 151.40 मिलियन किलोमीटर की दूरी तय करने में करीब 8 मिनट से अधिक का समय लगता है।
Table of content
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1. धरती से सूरज की दूर
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2. सौरमंडल के तथ्य
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3. धरती से सूरज कितनी दूर है?
धरती से सूरज की दूर
सौर मंडल के अधिकांश अन्य पिंडों के साथ-साथ 4.5 अरब साल पहले प्रारंभिक सौर मंडल में गैस से पृथ्वी का निर्माण हुआ था। पृथ्वी के इतिहास के पहले अरब वर्षों के दौरान समुद्र का निर्माण हुआ और फिर वहां जीवन फलने-फूलने लगा। महान ऑक्सीकरण घटना दो अरब साल पहले जीवन के वैश्विक प्रसार और ग्रह की सतह और वातावरण पर इसके प्रभावों के परिणामस्वरूप हुई थी।
मनुष्य पहली बार 300,000 साल पहले प्रकट हुए थे, और आज तक उनकी संख्या 8 अरब है। मनुष्य जीवित रहने के लिए जीवमंडल और ग्रह के प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर हैं, लेकिन पर्यावरण पर उनका नकारात्मक प्रभाव बढ़ रहा है। पृथ्वी की जलवायु और जीवमंडल पर मानवता के वर्तमान प्रभाव अस्थिर हैं, मानव जीवन और कई अन्य प्रजातियों को खतरे में डाल रहे हैं और बड़े पैमाने पर विलुप्त होने का कारण बन रहे हैं।
सौरमंडल के तथ्य
हमारी धरती सौरमंडल का तीसरा ग्रह है और इसे जीवित ग्रह के नाम से भी जानते हैं। अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार एकमात्र ग्रह पृथ्वी ही है जिस पर जीवन है। सौरमंडल में कुल 8 ग्रह है, बाकि 7 ग्रहों के तरह ही पृथ्वी भी लगातार सूर्य के चारो तरफ चक्कर लगाती रहती है। नीचे हमने सौर मंडल से जुड़े कुछ जानकारियां लिखी हैं।
- धरती से सूर्य की दूरी करीब 151.40 मिलियन किलोमीटर है
- सूरज का आकार पृथ्वी से लगभग 109 गुना बड़ा है।
- सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी पर पहुँचने में 8 मिनट और 30 सेकंड का समय लगता है।
- अनुमान के अनुसार सूर्य की उम्र लगभग 10 बिलियन वर्ष है।
Summary:
धरती से सूरज कितनी दूर है?
सूर्य की धरती से दूरी 151.40 मिलियन किलोमीटर (93,000,000 मील ) है। सौरमंडल में मौजूद 8 ग्रह में से एक हमारी धरती, सूरज के चक्कर लगाता है। सूर्य के चारों ओर अपने कक्षीय तल के लंबवत के संबंध में घूर्णन के पृथ्वी के अक्ष के झुकाव से ऋतुओं का निर्माण होता है।
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