Day 2: Study Notes राजभाषा हिंदी

By Mohit Choudhary|Updated : August 23rd, 2022

यह यूजीसी नेट परीक्षा के पेपर -2 हिंदी  में महत्वपूर्ण विषय है। इस विषय की प्रभावी तैयारी के लिए, यहां यूजीसी नेट पेपर- 2 के लिए राजभाषा हिंदी  के आवश्यक नोट्स दिए गए हैं। जो छात्र UGC NET 2022 की परीक्षा देने की योजना बना रहे हैं, उन्हें अपनी परीक्षा तैयारी को बढ़ाने के लिए इन नोट्स को अच्छी तरह से पढ़ना चाहिए।               

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UGC NET Paper 2, Hindi Literature  Study Notes , राजभाषा हिंदी 

  • १४ सितम्बर, १९४९ ई. को भारत के संविधान में हिंदी को राजभाषा  (Official Language) की मान्यता प्रदान की गयी। 
  • भारतीय संविधान ने १४ सितम्बर , १९४९ को हिंदी की मान्यता डी इसी कारण प्रत्येक वर्ष १४ सितम्बर हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • भारतीय संविधान के भाग-१७ में अनुच्छेद ३४३-३५१ तक राजभाषा का संविधान में प्रावधान किया गया है तथा संविधान की आठवीं अनुसूची में २२ भाषाओं को मान्यता प्रदान की गयी है। 
  • आठवीं अनुसूची में सम्मिलित भाषाएँ निम्न हैं - 
  1. असमिया 
  2. बंगला 
  3. बोडो 
  4. डोगरी 
  5. गुजराती 
  6. हिंदी 
  7. कन्नड़ 
  8. कश्मीरी 
  9. कोंकणी
  10.  मैथिली
  11. मलयालम 
  12. मणिपुरी 
  13. मराठी 
  14. नेपाली 
  15. उड़िया 
  16. पंजाबी 
  17. संस्कृत 
  18. संथाली 
  19. सिंधी 
  20. तमिल 
  21. तेलुगु 
  22. उर्दू 
  • मूल संविधान में 14 भाषाएं थीं।  संविधान (21वां संशोधन) अधिनियम, 1967 द्वारा सिंधी को जोड़ने पर इसकी संख्या 15 हो गयी।  71वें  संशोधन अधिनियम, १९९२ से कोंकणी , नेपाली और मणिपुरी को सम्मिलित कर  दिए जाने पर यह संख्या 18 हो गयी।  92वें संशोधन अधिनियम , 2003 में इसमें बोडो, संथाली, डोगरी और मैथिलि को सम्मिलित कर  दिया गया जिससे अब यह संख्या बढ़कर 22 हो गयी है।  

संविधान में हिंदी भाषा संबंधी उपबंध :

राजभाषा का प्रावधान संविधान की धारा 343 से 351  के अनुच्छेदों में वर्णित है।  अनुच्छेद 343 में संघ की राजभाषा के रूप में हिंदी व् देवनागरी को लिपि के रूप में मान्यता मिली।  भारतीय संविधान ने १४ सितम्बर , १९४९ को हिंदी को मान्यता दी।

 

  • अनुच्छेद ३४३ :  संघ की राजभाषा हिंदी और देवनागरी होगी तथा भारतीय अंकों का स्वरूप अंकों का अंतर्राष्ट्रीय रूप होगा। किन्तु संविधान में अनुमति  प्रदान की गई कि १५ वर्ष की अवधि अर्थात १९६५ तक अंग्रेजी का प्रयोग किया जाता रहेगा तथा इस अवधि की समाप्ति के बाद भी संसद विधि द्वारा अंग्रेजी भाषा या अंकों के देवनागरी रूप का ऐसे प्रयोजनों के लिए प्रयोग कर सकेगी जो विधि में विनिर्दिष्ट किया गया।  
  • अनुच्छेद ३४४ : प्रारम्भ के ५वर्ष की समाप्ति पर राष्ट्रपति एक आयोग गठित करेगा, जो निश्चित की जाने वाली एक प्रक्रिया के अनुसार राष्ट्रपति की सिफारिश करेगा कि किन शासकीय प्रयोजनों के लिए हिंदी का प्रयोग अधिकाधिक किया जा सकता है। साथ ही अंग्रेजी , न्यायालयों में प्रयुक्त होने वाली भाषा के स्वरूप , विभिन्न प्रयोजनों के लिए अंकों का रूप तथा संघ की राजभाषा सम्बन्धी सुझाव देगा।  
  • अनुच्छेद ३४५ : किसी राज्य का विधानमंडल , विधि द्वारा उस राज्य में प्रयुक्त होने वाली या किन्हीं अन्य भाषाएँ को या  हिंदी को शासकीय प्रयोजनों के लिए स्वीकार करेगा। 
  • अनुच्छेद ३४६ : संघ द्वारा प्राधिकृत भाषा एक राज्य और दूसरे राज्य के बीच में तथा किसी राज्य और संघ की सरकार के बीच पत्र आदि की भाषा राजभाषा होगी।  
  • अनुच्छेद ३४७ : यदि किसी राज्य की जनसंख्या का एक भाग चाहता हो तो उसके द्वारा बोली जाने वाली भाषा को उस राज्य में मान्यता दी जाए।  (राष्ट्रपति द्वारा)
  • अनुच्छेद ३४८ : जब तक संसद विधि द्वारा उपबंध न करे , तब तक उच्चतम न्यायालय तथा प्रत्येक उच्च न्यायालय में सब तरह की कार्यवाही अंग्रेजी भाषा में होगी।
  • अनुच्छेद ३४९ : राज्य भाषा से संबंधित संसद यदि कोई विधेयक या संशोधन पुनः स्थापित या प्रस्तावित करना चाहे तो राष्ट्रपति की पूर्व मंज़ूरी लेनी पड़ेगी।  
  • अनुच्छेद ३५० : प्रत्येक  व्यक्ति किसी शिकायत को दूर करने के लिए संघ या राज्य के किसी अधिकारी या प्राधिकारी को यथास्थापित संघ में या राज्य में प्रयोग होने वाली भाषा में अभ्यावेदन कर सकता है।  
  • अनुच्छेद ३५१ : इस अनुच्छेद में सरकार के उन कर्तव्यों एवं दायित्वों का उल्लेख किया गया है जिनका पालन हिंदी के प्रचार-प्रसार और विकास के लिए उन्हें करना है।  

हमें उम्मीद है कि आप सभी UGC NET परीक्षा 2022 के लिए पेपर -2 हिंदी, इकाई  1 राजभाषा हिंदी से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदु समझ गए होंगे।

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