पीएम-केयर्स स्कीम फॉर चिल्ड्रन
जिन बच्चों ने कोविड-19 महामारी के दौरान अपने माता-पिता या कानूनी अभिभावक/दत्तक माता-पिता को खो दिया था उन बच्चों की सहायता करने के उद्देश्य से इस योजना को शुरू किया गया था। जिसका उद्देश्य 23 वर्ष की आयु तक वित्तीय सहायता प्रदान कर पात्र बच्चो को आत्मनिर्भर बनाना है। महिला और बाल कल्याण मंत्रालय को इस योजना का नोडल मंत्रालय बनाया गया है, मंत्रालय को हितधारक मंत्रालयों, राज्यों और जिला प्रशासन के सहयोग से पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
योजना के लिए कौन पात्र होगा:
इस योजना के तहत वो ही बच्चे आवेदन कर सकते है जो-
- आवेदक भारत का स्थाई निवासी होने चाहिए।
- आवेदक की आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
- उम्मीदवार के माता पिता की मृत्यु कोविड-19 के कारण हुई हो।
- उम्मीदवार के माता-पिता में से किसी एक की मृत्यु कोविड-19 के कारण हुई हो।
योजना की विशेषताएँ:
- इस योजना के तहत पीएम केयर्स फंड कोष का उपयोग 18 वर्ष की आयु के बाद अगले पाँच वर्षों तक उच्च शिक्षा की अवधि के दौरान बच्चों की व्यक्तिगत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये मासिक वित्तीय सहायता हेतु किया जाएगा।
- 23 वर्ष की आयु पूरी करने पर व्यक्तिगत एवं व्यावसायिक उपयोग के लिये प्रत्येक बच्चे को एकमुश्त के रूप पीएम केयर्स फंड से 10 लाख रुपए की राशि आवंटित की जाएगी।
- योजना के पात्र बच्चो को इस योजना के तहत एजुकेशन लोन की सुविधा भी मुहैया कराई जाएगी साथ ही एजुकेशन लोन पर लगने वाले ब्याज का भुगतान पीएम केयर्स फंड द्वारा किया जाएगा।
- इस योजना के तहत वे सभी बच्चे जिनकी उम्र 11 से 18 वर्ष के बीच है उन्हें रेजिडेंशियल स्कूल जैसे सैनिक स्कूल नवोदय विद्यालय में एडमिशन दिया जाएगा।
- एडमिशन से संबंधित सभी खर्च पीएम केयर्स फंड द्वारा वाहन किए जाएंगे।
- इस योजना के तहत पात्र बच्चों को आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत मुफ्त स्वास्थ्य बीमा भी मुहैया कराया जाएगा जिसके तहत पात्र बच्चे की आयु 18 वर्ष के होने तक प्रीमियम का भुगतान पीएम केयर्स फंड द्वारा वहन किया जाएगा।
पीएम केयर्स फंड क्या है ?
पीएम केयर्स फंड एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट है जिसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री और अन्य सदस्यों के रूप में रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री शामिल हैं हालाँकि कोष में राशि की सीमा निर्धारित नही की गई है जिसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में लोग योगदान करने में सक्षम होंगे। भारत सरकार द्वारा कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न किसी भी प्रकार की आपातकालीन या संकटपूर्ण स्थिति से निपटने के उद्देश्य हेतु ‘आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष’ (पीएम केयर्स फंड) की स्थापना की गयी है।
कोविड महामारी के दौरान सरकार द्वारा बच्चों के लिये शुरू की गईं अन्य पहलें:
- बाल स्वराज कोविड-केयर:
- देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों के लिए ऑन लाइन ट्रैकिंग तथा डिजिटल रियल टाइम व्यवस्था के उद्देश्य से राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने किशोर न्याय अधिनियम, 2015 की धारा 109 के अंतर्गत एक निगरानी प्राधिकरण के रूप में अपने कार्य को आगे बढ़ाते हुए एक ऑनलाइन ट्रैकिंग पोर्टल बाल स्वराज (कोविड-केयर) को शुरू किया गया है।
- इस पोर्टल का उद्देश्य कोविड-19 से प्रभावित ऐसे बच्चों की पहचान करना है जिनको देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता है।
- पीएम ई-विद्या:
- 17 मई, 2020 को ‘पीएम ई-विद्या’ नामक पहल को आत्मनिर्भर भारत अभियान के हिस्से के रूप में केंद्र सरकार के नेतृत्व में वित्त मंत्री द्वारा शुरू किया गया था, पीएम ई-विद्या योजना का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को घर बैठे ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करना है ताकि विद्यार्थी कोरोनावायरस के संक्रमण से बचे रहें और उनकी पढ़ाई भी सुचारू रूप से चल सके।
- मनोदर्पण:
- छात्रों और अभिभावकों को कोरोना महामारी के चलते होने वाले विभिन्न प्रकार के तनाव को दूर करने में मदद करने के उद्देश्य से इस पोर्टल को केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया जिसमे अभिभावक या शिक्षक अपनी मानसिक समस्या बताने के साथ सुझाव भी दे सकते हैं।
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