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Important Editorial Analysis डेलाइट हार्वेस्टिंग (Daylight Harvesting)
By BYJU'S Exam Prep
Updated on: September 11th, 2023

विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने डेलाइट हार्वेस्टिंग टेक्नोलॉजी में एक अद्वितीय स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है जिसके लिए भारत में एकमात्र स्टार्ट-अप कंपनी “स्काईशेड डेलाइट्स प्राइवेट लिमिटेड” ने डेलाइट हार्वेस्टिंग टेक्नोलॉजीज, हैदराबाद के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के एक वैधानिक निकाय, प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, कंपनी का लक्ष्य हरित और शुद्ध कार्बन शून्य भवन बनाना और जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपीसीसी) के तहत राष्ट्रीय मिशनों में भाग लेना और योगदान करना है।
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डे-लाइट हार्वेस्टिंग:
- डे-लाइट हार्वेस्टिंग उपलब्ध सूर्य ऊर्जा का उपयोग करके प्रकाश से जुड़ी ऊर्जा लागत को बचाने का एक तरीका है।
- सौर ऊर्जा स्पेक्ट्रम में दृश्य प्रकाश के रूप में 45% ऊर्जा होती है और इसका उपयोग दिन में लगभग 9-11 घंटे प्रकाश निर्माण के लिए किया जा सकता है डेलाइटिंग मूल रूप से कमरों के अंदर प्राकृतिक धूप के माध्यम से प्रकाश उत्पन्न करने की एक प्रक्रिया है।
- डे-लाइट हार्वेस्टिंग पूरी तरह से स्वदेशी, आर्थिक रूप से व्यवहार्य और प्रयोग करने में आसान है और दीर्घायु के साथ न्यूनतम रखरखाव की आवश्यकता होती है।
- इसके अलावा, डे-लाइट हार्वेस्टिंग एक इमारत के लिए बड़ी मात्रा में सूर्य के प्रकाश की मदद से बिजली का उत्पादन करती हैं और साथ ही कूलिंग लोड की खपत को कम करने के अलावा, बिजली रोशनी ऊर्जा खपत को 70-80 प्रतिशत तक कम करती हैं।
- डेलाइट हार्वेस्टिंग इस सरल आधार पर कार्य करती है कि सुविधाएं उपलब्ध होने पर प्राकृतिक प्रकाश का बेहतर उपयोग किया जा सके और दिन के उजाले के दौरान कृत्रिम प्रकाश के उपयोग में कटौती की जा सके।
‘डे-लाइट हार्वेस्टिंग’ का महत्त्व:
- अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी विस्तार योजना के साथ, भारत का लक्ष्य स्थायी ऊर्जा समाधानों तक सार्वभौमिक पहुंच और महत्वपूर्ण आर्थिक, पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभाव के साथ कम कार्बन भविष्य को सक्षम करना है ऐसे में डे-लाइट हार्वेस्टिंग एक मह्त्वपूर्ण कदम है।
- भारत ने 2022 के अंत तक अक्षय ऊर्जा स्रोतों से अपनी ऊर्जा आवश्यकता के 175 गीगावाट की क्षमता हासिल करने के लिए एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है, और साथ ही 2030 तक 500 गीगावॉट हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है ऐसे में डे-लाइट हार्वेस्टिंग इस लक्ष्य को प्राप्त करने में एक मील का पत्थर साबित होगी।
- डे-लाइट हार्वेस्टिंग की सहायता से कार्बन फुटप्रिंट को कम किया जा सकता है।
- डे-लाइट हार्वेस्टिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जो लगातार एवं स्वचालित रूप से रोशनी को समायोजित करके उचित प्रकाश तीव्रता बनाए रखने में मदद करता है।
- डे-लाइट हार्वेस्टिंग विद्युत प्रकाश ऊर्जा की खपत को कम करता है।
डेलाइट हार्वेस्टिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम:
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) स्काईशेड डेलाइट प्राइवेट लिमिटेड नामक स्टार्टअप को डेलाइट हार्वेस्टिंग टेक्नोलॉजी विकसित करने के लिए 5 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान करेगा।
- स्टार्टअप ने पहले से ही कई तकनीकों का विकास किया है जो एक इमारत के लिए भारी मात्रा में सूर्य के प्रकाश का उत्पादन करती हैं। यह एयर कंडीशनिंग (कूलिंग लोड) की जरूरतों को कम करने के अलावा, विद्युत प्रकाश ऊर्जा की खपत को 70-80 प्रतिशत तक कम करने में मदद करता है।
ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने के लिये सरकार की अन्य पहल:
- प्रदर्शन उपलब्धि और व्यापार योजना (पीएटी)
- मानक और लेबलिंग
- ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता (ईसीबीसी)
- मांग पक्ष प्रबंधन
- ईको निवास संहिता
- ऊर्जा दक्षता ब्यूरो
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