Answer: करुण रस का स्थाई भाव शोक होता है|
काव्य को सुनने या पढ़ने से जिस आनंद की अनुभूति होती है उसे रस कहते हैं| जहां किसी हानि के कारण शोक भाव उपस्थित होता है , वहां करुण रस उपस्थित होता है। करुण रस मैं शोक की अनुभूति होती है जैसे प्रिय जन का वियोग , पराधव , खोया ऐश्वर्य , दुख पूर्ण परिस्थितियां ,आदि|
Summary:
करुण रस का स्थाई भाव क्या है?
करुण रस का स्थाई भाव शोक होता है| जहां किसी हानि के कारण शोक भाव उपस्थित होता है , वहां करुण रस उपस्थित होता है।
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