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करुण रस का स्थाई भाव क्या है?

By BYJU'S Exam Prep

Updated on: September 25th, 2023

करुण रस का स्थाई भाव शोक होता है| करुण रस के अनुभाव जमीन पर गिरना , प्रलाप करना, रोना, छाती पीटना, आदि अनुभाव है| करुण रस किसी अनिष्ट के निधन अथवा प्रेमपात्र के चिर वियोग के कारण संभव होता है।आधुनिक कवियों ने करुण रस के अंतर्गत दरिद्रता एवं सामाजिक दुख-शोक का वर्णन सर्वाधिक किया है।

Answer: करुण रस का स्थाई भाव शोक होता है|

काव्य को सुनने या पढ़ने से जिस आनंद की अनुभूति होती है उसे रस कहते हैं| जहां किसी हानि के कारण शोक भाव उपस्थित होता है , वहां करुण रस उपस्थित होता है। करुण रस मैं शोक की अनुभूति होती है जैसे प्रिय जन का वियोग , पराधव , खोया ऐश्वर्य , दुख पूर्ण परिस्थितियां ,आदि|

Summary:

करुण रस का स्थाई भाव क्या है?

करुण रस का स्थाई भाव शोक होता है| जहां किसी हानि के कारण शोक भाव उपस्थित होता है , वहां करुण रस उपस्थित होता है।

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