साइलेंट जींस को स्पष्ट कीजिए।
By BYJU'S Exam Prep
Updated on: September 13th, 2023
साइलेंट जींस, उन जिन्स को कहते हैं जो अपनी अभिव्यक्ति का इस्तेमाल जरूरत के समय करते हैं। जींस अनुवांशिकता की मूलभूत और प्रथम शारीरिक यूनिट हैं। हमारे बालों का रंग कैसा होगा, चेहरे की बनावट कैसी होगी यह सब अनुवांशिकता पर ही निर्भर करता है। इसी तरह हमारे शरीर में साइलेंट जिन्स होता है। जीन साइलेंसिंग से जीन अभिव्यक्ति में कमी आती है। हेटरोक्रोमैटिन में, क्रोमैटिन का कॉम्पैक्ट क्षेत्र, मूक जीन पाया जा सकता है।
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साइलेंट जींस
साइलेंट जीन डीएनए अनुक्रम होते हैं जो या तो बिल्कुल व्यक्त नहीं होते हैं या केवल बहुत कम स्तर पर होते हैं। उत्परिवर्तन, पुनर्संयोजन या सम्मिलन के कारण ये जीन सक्रिय हो जाते हैं। प्रयोगशाला में, साइलेंट जीन को प्लियोट्रोपिक, लक्षित जीनोम-वाइड या बायोसिंथेटिक जीन क्लस्टर दृष्टिकोण का उपयोग करके सक्रिय किया जा सकता है। साइलेंट म्यूटेशन तब होता है जब जीन के प्रोटीन-कोडिंग क्षेत्र के भीतर एक एकल डीएनए न्यूक्लियोटाइड अमीनो एसिड के अनुक्रम को बदले बिना बदल जाता है जो जीन द्वारा एन्कोडेड प्रोटीन को बनाते हैं।
जोहान्सेन ने वर्ष 1909 में सर्वप्रथम जीन (Gene) शब्द का प्रयोग किया। जीन, आनुवंशिक क्रिया की मूल इकाई है। सभी जीन प्रायः DNA (डीएनए) की बनी होती है। नीचे हमने जिन्स से जुड़े कुछ तथ्य लिखे हैं। इन जानकारियों से जुड़े सवाल सामान्यत: प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं।
- डीएनए (DNA) को डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड कहते हैं।
- DNA किसी एक क्षार का अणु जुड़ा होता है, ये हैं एडीनीन, थायमीन, सायटो-सीन, और गुआनीन।
- आरएनए (RNA) में राइबोस नियुक्लिक एसिड कहते हैं।
- DNA का परीक्षण खून सैंपल से किया जाता है।
- हमारे शरीर के जीनोम में करीबन 20 हजार से 25 हजार जीन होते है।
- डीएनए अपनी प्रति बनाता है ताकि कोशिका विभाजन के दौरान अलग-अलग DNA मिल सके।
Summary:
साइलेंट जींस को स्पष्ट कीजिए।
जींस जो केवल जरूरत पड़ने पर खुद को अभिव्यक्त करते हैं उन्हें साइलेंट जींस के रूप में जाना जाता है। आनुवंशिकता की प्राथमिक और मौलिक भौतिक इकाई जीन है। आनुवंशिकता सब कुछ निर्धारित करती है, जिसमें हमारे बालों का रंग और हमारे चेहरे की बनावट भी शामिल है। इसी तरह, हमारे शरीर में साइलेंट जीन होते हैं।
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