न्यूलैंड का अष्टक नियम क्या है?
By Balaji
Updated on: February 17th, 2023
न्यूलैंड के अष्टक नियम के अनुसार हर आठवां तत्व पहले तत्व के गुणधर्म के बराबर है। साल 1864 में वैज्ञानिक जॉन एलेक्जैंडर न्यूलैंडस ने जब रासयनिक तत्वों को बढ़ते क्रम में उनके परमाणु भार के अनुसार व्यवस्थित किया, तब उन्हें समझ आया की हर 8वां तत्व पहले तत्व के अनुसार ही गुण रखता है। पहला तत्व लीथियम (Li) से आठवें तत्व सोडियम (Na) के गुण लीथियम के समान हैं। जिस प्रकार से संगीत में (सा, रे, गा, मा, पा, ध, नि) के बाद पुन: पहला सुर आता है, ठीक इसी प्रकार अष्टक सिद्धांत कहते हैं।
Table of content
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1. न्यूलैंड का अष्टक नियम
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2. न्यूलैंड का अष्टक नियम क्या है?
न्यूलैंड का अष्टक नियम
जब तत्वों को परमाणु द्रव्यमान के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित किया जाता है, किसी भी तत्व से शुरू करते हुए, न्यूलैंड के ऑक्टेट के नियम के अनुसार, प्रत्येक आठवें तत्व के गुण शुरुआती तत्व के गुणों की पुनरावृत्ति होते हैं। कैल्शियम तक के तत्व ही अष्टक के नियम के अधीन थे।
न्यूलैंड्स तत्वों के गुणों में एक आवधिक पैटर्न का पता लगाने वाले पहले लोगों में से एक थे और आवधिक कानून के बाद के विकास का अनुमान लगाया था। न्यूलैंड का कहना है कि अधिक परमाणु द्रव्यमान वाले तत्व सप्तक में समायोजित नहीं हो सकते हैं और सप्तक पैटर्न में फिट नहीं हो सकते हैं।
- उन्होंने इस नियम को संगीत के सप्तक सुरों की तरह अष्टक नियम नाम दिया, क्योंकि यह संगीत के तरह ही हर आठवां सुर, पहले सुर की पुनरावृति जैसा प्रतीत होता है।
- तब से यह न्यूलैंड का अष्टक नियम ( Newlands’ Law of Octaves) कहा जाता है।
- उदाहरण के लिए पहला तत्व लिथियम (Li) के गुण आठवें तत्व सोडियम (Na) के सामान है।
- न्यूलैंड के अष्टक नियम का दोष है की यह केवल कैल्सियम (Ca) तक ही काम करता है।
- कैल्सियम का परमाणु द्रव्यमान करीब 40 है। इसके बाद के तत्व इस नियम से वर्गीकृत नहीं किये जा सकते हैं।
Summary:
न्यूलैंड का अष्टक नियम क्या है?
रसायनशास्त्र में परमाणु भार के अनुसार बढ़ते क्रम में सजाने पर हर पहले तत्व और आठवें तत्व का गुण सामान होता है, यही न्यूलैंड का अष्टक नियम है। हालाँकि इस नियम के कुछ दोष भी हैं। जैसे की कैल्सियम के बाद के तत्व इस नियम से वर्गीकृत नहीं कर सकते हैं | न्यूलैंड के अनुसार, अधिक परमाणु द्रव्यमान वाले तत्व सप्तक में समायोजित नहीं हो सकते हैं और अष्टक पैटर्न में फिट नहीं हो सकते हैं।
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