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लोकतंत्र के समक्ष कौन-सी चुनौतियां है?

By Balaji

Updated on: February 17th, 2023

लोकतंत्र के समक्ष निरक्षरता, गरीबी, कट्टरता, जातिवाद, साम्प्रदायिकता आदि को खत्म करने की चुनौतियां हैं। गरीबी, स्वास्थ्य देखभाल, कम साक्षरता दर, अधिक जनसंख्या, बेरोजगारी भारत के अधिकांश हिस्सों में व्याप्त है, जो राष्ट्रीय प्रगति में बाधा है। ारतीय समाज में जाति और लैंगिक भेदभाव जारी है, जिससे उन्नति और विकास धीमा हो रहा है।

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  • 1. लोकतंत्र के समक्ष चुनौतियां (more)
  • 2. लोकतंत्र के समक्ष कौन-सी चुनौतियां है? (more)

लोकतंत्र के समक्ष चुनौतियां

भारत का लोकतंत्र निरक्षरता, गरीबी, महिलाओं के खिलाफ भेदभाव, जातिवाद और सांप्रदायिकता, क्षेत्रवाद, भ्रष्टाचार, राजनीति के अपराधीकरण और हिंसा की चुनौतियों का सामना कर रहा है। लोकतंत्र की सफलता काफी हद तक साक्षरता पर निर्भर करती है, लेकिन भारत में निरक्षरता को खत्म करना अभी भी मुश्किल है।

  • निरक्षरता: अशिक्षित जनता कभी भी एक सशक्त लोकतंत्र बनाने में योगदान नहीं दे सकता है। यह समस्या देश के साथ आजादी के समय से है।
  • गरीबी: बढती गरीबी की समस्या, लोकतंत्र की सबसे बड़ी चुनौती है। आर्थिक विकास के लिए यह जरुरी है कि देश की जनता के बीच अमीरी गरीबी के बीच की खाई कम से कम हो।
  • साम्प्रदायिकता: साम्प्रदायिकता एक ऐसी बाधा है जिसके अनुसार समाज के कुछ लोग केवल अपने हितों को साधने के कारण, लोकतंत्र की परवाह नहीं करते। वह धार्मिक समुदाय के रूप में बंट जाता है।
  • जातिवाद: अनादी काल से भारत में जातिगत व्यवस्था रही है। जातिवाद के कारण दो समाज के लोग खुद को दुसरे से अलग मानते हैं और लोकतंत्र सशक्त नहीं हो पाता।

लोकतंत्र के बारे में अधिक जानकारी

समय के साथ, लोकतंत्र की अवधारणा महत्वपूर्ण रूप से विकसित हुई है। लोकतंत्र का पहला रूप प्रत्यक्ष लोकतंत्र था। लोकतंत्र का सबसे आम प्रकार आज एक प्रतिनिधि लोकतंत्र है, जिसमें नागरिक अपनी ओर से शासन करने के लिए सरकारी अधिकारियों का चुनाव करते हैं, जैसे कि संसदीय या राष्ट्रपति लोकतंत्र में।

नागरिकता, शासित की सहमति, मतदान का अधिकार, अन्यायपूर्ण सरकार से मुक्ति, जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार से वंचित करना, और अल्पसंख्यक अधिकार ये सभी लोकतंत्र के स्तंभ हैं।

Summary:

लोकतंत्र के समक्ष कौन-सी चुनौतियां है?

लोकतंत्र को गरीबी, कट्टरता, जातिवाद, सांप्रदायिकता आदि जैसे मुद्दों के उन्मूलन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। भारत का अधिकांश भाग गरीबी, खराब स्वास्थ्य देखभाल, कम साक्षरता दर, अत्यधिक जनसंख्या और बेरोजगारी से ग्रस्त है, जो देश के विकास को बाधित करता है। भारत में अभी भी लैंगिक और जातिगत भेदभाव है, जो वृद्धि और विकास को बाधित करता है।

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