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1527 में राणा सांगा को किसने हराया?

By Balaji

Updated on: February 17th, 2023

1527 में खानवा के युद्ध में राणा साँगा को बाबर ने हराया था। खानवा की लड़ाई 17 मार्च 1527 को बाबर और राजपूत शासक राणा सांगा के बीच लड़ी गई थी। खानवा की लड़ाई बाबर के तहत मुगल सेना और मेवाड़ के राणा सांगा के तहत राजपूत गठबंधन के बीच एक निर्णायक लड़ाई थी। बाबर साहिर अल-दीन मुहम्मद या बाबर का जन्म 14 फरवरी ए. डी.1483 को हुआ था। वह मुगल राजवंश के संस्थापक थे।

Table of content

(more)
  • 1. राणा सांगा की हार (more)
  • 2. 1527 में राणा सांगा को किसने हराया? (more)

राणा सांगा की हार

खानवा का युद्ध 16 मार्च, 1527 को खानवा में हुआ था। यह उत्तरी भारत में बाबर की हमलावर तैमूर सेना और राणा साँगा के नेतृत्व वाले राजपूत संघ के बीच वर्चस्व के लिए लड़ा गया था। हालाँकि तैमूरिड्स ने पानीपत की लड़ाई जीत ली, लेकिन दिल्ली की सल्तनत एक खर्चीली ताकत थी जो उस समय लंबे समय से ढह रही थी।

वही महाराणा संग्राम सिंह जिसे आमतौर पर राणा सांगा के नाम से जाना जाता है, मेवाड़ के राजपूत शासक थे। उन्होंने 1509 और 1527 तक राजस्थान में शासन किया था। इसके विपरीत मेवाड़ राज्य, राणा साँगा के सक्षम शासन के अधीन, उत्तर भारत की सबसे शक्तिशाली शक्तियों में से एक बन गया था। इसलिए यह लड़ाई उत्तरी भारत की मुगल विजय में सबसे निर्णायक लड़ाइयों में से एक थी।

  • खानवा का युद्ध बाबर ने राणा साँगा इस प्रकार जीता था।
  • सेना की संख्या अधिक थी।
  • बाबर के पास राजपूत बलों पर तकनीकी लाभ प्राप्त था।
  • युद्ध के वक़्त उपमहाद्वीप में माजूद अज्ञात तोपों और बंदूकों ने राजपूतों को शारीरिक और मनोवैज्ञानिक क्षति पहुंचाई थी।

Summary:

1527 में राणा सांगा को किसने हराया?

राणा सांगा साल 1527 में खानवा की लड़ाई बाबर से हार गए थे। इस युद्ध का मुख्या कारण राणा सांगा का बाबर से किये हुए समझौते का उल्लंघन करना था। खानवा की लड़ाई ने राजपूतों के खतरे को खत्म करके उत्तर भारत में मुगल सत्ता को मजबूती से स्थापित किया था।

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