भगत सिंह ने कैसी मृत्यु को सुंदर कहा है?
By BYJU'S Exam Prep
Updated on: November 9th, 2023
भगत ने ऐसी मृत्यु को सुन्दर कहा है जो मृत्यु अपने देश की सेवा करते हुए मिले। भगत सिंह का विचार मृत्यु के प्रति बड़ा नाम और अलग था। मातृभूमि के कल्याण किये जाने वाली मृत्यु बेहद खूबसूरत होती है। भगत सिंह उन वीर स्वंत्रता सेनानियों में से एक गिने जाते हैं जो भारत को आजाद करने के लिए अपनी जान की आहुति दी थी। भगत सिंह के साथ सुखदेव और राजगुरु को फांसी की सजा दी गई थी। एक किशोर के रूप में, भगत सिंह ने ‘इंकलाब जिंदाबाद’ के नारे को लोकप्रिय बनाया, जो बाद में चलकर भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का नारा बन गया।
Table of content
भगत सिंह की मृत्यु का कारण
‘इंकलाब जिंदाबाद’ भगत सिंह ने अपनी मां से वादा किया था कि वह देश की खातिर फांसी के फंदे से ‘इंकलाब जिंदाबाद’ का नारा बुलंद करेंगे। भगत सिंह का यह लोकप्रिय नारा 1921 में एक अन्य महत्वपूर्ण स्वतंत्रता सेनानी हसरत मोहानी द्वारा गढ़ा गया था।
भगत सिंह एक भारतीय क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्हें 23 साल की उम्र में ब्रिटिश उपनिवेशवादियों ने फांसी दे दी थी। दरअसल, लाहौर में बर्नी सैंडर्स की हत्या करने के बाद और दिल्ली की केंद्रीय संसद (सेंट्रल असेंबली) में बम विस्फोट के बाद, उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह शुरू कर दिया।
असेंबली में बम फेंकने के बाद उसने भागने से इनकार कर दिया। इस वजह से अंग्रेजों ने उन्हें 23 मार्च 1931 को उनके अन्य साथियों, राजगुरु और सुखदेव के साथ फांसी दे दी। आइए जानते हैं मृत्यु पर भगत सिंह के दर्शन के बारे में:
- भगत सिंह के अनुसार जब देश के भाग्य और भविष्य का निर्माण हो रहा हो तो व्यक्ति को सबसे पहले देश और राष्ट्र की सेवा करनी चाहिए।
- इसी कामना के साथ कि जब यह आंदोलन अपनी अंतिम सीमा तक पहुंचे तो हम जैसे वीरों को फांसी पर चढ़ाया जाए।
- भगत सिंह ने कहा कि भगत सिंह के लिए मौत खूबसूरत होगी जिसमें हमारी मातृभूमि का कल्याण होगा।
Summary:
भगत सिंह ने कैसी मृत्यु को सुंदर कहा है?
अपने देश की सेवा करते हुए जो मृत्यु मिले उस मृत्यु को भगत सिंह ने सुन्दर मृत्यु कहा है। भगत सिंह भारत के स्वतंत्रता सेनानियों में थे। उन्हें अंग्रेज़ो ने 23 मार्च 1931 को फांसी पर चढ़ा दिया गया था। फाँसी के बाद आन्दोलन न छिड़ जाए तो उनके शव के टुकड़े करके फ़िरोज़पुर में जला दिया।
Related Questions: