मताधिकार की आयु 21 से घटाकर 18 कब की गई?
By Balaji
Updated on: February 17th, 2023
मताधिकार की आयु 21 से घटाकर 18 साल 9 दिसंबर, 1988 को की गई थी। भारतीय संविधान लोक सभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों के लिए सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार(Universal adult franchise) को अपनाता है। सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के अनुसार जो व्यक्ति 18 वर्ष या अधिक आयु का है और किसी भी जाति, धर्म, लिंग, साक्षरता आदि से आते है उन्हें बिना किसी भेदभाव के मतदान करने का अधिकार है। पहले मताधिकार की वोट करने की उम्र 21 साल थी जिसे 6 दिसंबर 1989 को 61वें संवैधानिक संशोधन द्वारा 18 वर्ष कर दिया गया था।
Table of content
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1. मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 करने के तथ्य
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2. मताधिकार की आयु 21 से घटाकर 18 कब की गई?
मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 करने के तथ्य
मतदान की आयु 21 साल से घटाकर 18 साल इसलिए की गई क्योंकि देश के गैर-प्रतिनिधित्व वाले युवाओं को अपनी भावनाओं को व्यक्त करने और उन्हें राजनीतिक प्रक्रिया का हिस्सा बनने में मदद करने का अवसर मिलेगा। साथ ही आज का युवा राजनीतिक रूप से काफी जागरूक भी है जिससे वो सही और गलत में चुनाव करने के लिए सक्षम है।
यह पता चला है कि कई देशों ने शराब पीने की कानूनी उम्र 18 वर्ष निर्धारित की है। हमारे देश में, कुछ राज्य सरकारों ने स्थानीय सरकार के चुनावों के लिए मतदान की उम्र 18 निर्धारित की है। आज के बच्चे शिक्षित और पढ़े लिखे हैं, और उम्र कम होने से देश के कम प्रतिनिधित्व वाले युवा अपनी भावनाओं को व्यक्त कर सकेंगे और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे।
- मतदान एक समूह द्वारा उपयोग की जाने वाली एक प्रक्रिया है, जैसे कि एक मतदाता या एक बैठक, एक आम सहमति तक पहुंचने या एक राय व्यक्त करने के लिए, आमतौर पर चर्चा, बहस या चुनाव अभियान के बाद।
- नागरिक मतदान करके लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं। लोग अपने प्रतिनिधियों के रूप में कार्य करने और उनके कारण का समर्थन करने के लिए नेताओं का चुनाव करते हैं।
- संयुक्त राज्य के नागरिकों के पास दो विशेष अधिकार हैं: संघीय चुनावों में मतदान करने की क्षमता और संघीय कार्यालय के लिए चुनाव लड़ने की क्षमता।
Summary:
मताधिकार की आयु 21 से घटाकर 18 कब की गई?
14 और 15 दिसंबर 1988 को लोकसभा में इस 61वां संविधान संशोधन अधिनियम पर बहस हुई और 15 दिसंबर को पारित किया गया था। राज्यसभा ने 16, 19 और 20 दिसंबर 1988 को विधेयक पर बहस की और इसे 20 दिसंबर 1988 को पारित किया। इसी तरह दोनों सदनों द्वारा मताधिकार की आयु 21 से कम कर के 18 साल 9 दिसंबर, 1988 को की गई थी।
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