वायरस की खोज किसने की थी?
By Balaji
Updated on: February 17th, 2023
इवानोवस्की ने तम्बाकू के अध्ययन के दौरान वायरस की खोज की थी। सर्वप्रथम विषाणु यानि वायरस का पता 1892 में लगा था जब रूस की वैज्ञानिक इवानोवस्की ने तम्बाकू के पत्तियों में होने वाले मोजेक रोग पर रिसर्च कर रही थी। निश्चित रूप से आप वायरस (विषाणु) से होने वाले बीमारियों और खतरों से अनभिग्य नहीं होंगे। ार्टिनस बेजरिंक को अक्सर वायरोलॉजी का जनक कहा जाता है। बेजरिंक की प्रयोगशाला सूक्ष्म जीव विज्ञान के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में विकसित हुई।
Table of content
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1. वायरस की खोज
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2. वायरस की खोज किसने की थी?
वायरस की खोज
वायरस के अस्तित्व का पहला प्रमाण उन फिल्टर के प्रयोगों से आया, जिनमें बैक्टीरिया को बनाए रखने के लिए काफी छोटे छिद्र थे। 1892 में, दमित्री इवानोव्स्की ने इनमें से एक फिल्टर का इस्तेमाल यह दिखाने के लिए किया कि रोगग्रस्त तम्बाकू के पौधे का रस छानने के बावजूद स्वस्थ तम्बाकू पौधों के लिए संक्रामक बना रहा।
- बहुत सी जानलेवा बीमारियों का कारण वायरस होता है। चाहे जीका वायरस हो, निपाह वायरस हो या फिर वर्तमान समय में पुरे विश्व को परेशान करने वाला कोरोना वायरस।
- शरीर को बीमारी देने में वायरस का बहुत महत्वपूर्ण रोल अदा करता है। इसके बारे में कई जानकारियां इवानोवस्की को वायरस की खोज के दौरान पता चली।
- वायरस (Virus) शब्द का लैटिन भाषा में अर्थ होता है- विष अर्थात जहर। वायरस, बैक्टीरिया से लगभग 1000 गुणा आकार में छोटे होते हैं।
- साथ ही इनकी उपस्थिति किसी भी वातावरण में कभी हो सकती है। यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि वायरस में कोशिकाएं नहीं होती हैं।
वायरस के बार में अधिक जानकारी
जीवन के विकास में वायरस की उत्पत्ति अज्ञात है: कुछ प्लास्मिड से विकसित हो सकते हैं, जो डीएनए के टुकड़े हैं जो कोशिकाओं के बीच स्थानांतरित हो सकते हैं, जबकि अन्य बैक्टीरिया से विकसित हो सकते हैं। विकास में क्षैतिज जीन स्थानांतरण का एक महत्वपूर्ण साधन वायरस हैं, जो यौन प्रजनन के समान तरीके से आनुवंशिक विविधता को बढ़ाता है।
कुछ जीवविज्ञानियों द्वारा विषाणुओं को जीवन रूप माना जाता है क्योंकि वे आनुवंशिक सामग्री ले जाते हैं, प्रजनन करते हैं, और प्राकृतिक चयन के माध्यम से विकसित होते हैं, इस तथ्य के बावजूद कि उनमें जीवन से जुड़ी प्रमुख विशेषताओं, जैसे कि कोशिका संरचना की कमी होती है। विषाणुओं को “जीवन के कगार पर जीव” और प्रतिकृति के रूप में वर्णित किया गया है, क्योंकि उनमें कुछ विशेषताएं हैं, लेकिन ये सभी नहीं हैं।
Summary:
वायरस की खोज किसने की थी?
रूस की रसायनशास्त्री इवानोवस्की ने वायरस की खोज की थी। वह तम्बाकू के पत्तो में हो रहे मोजक बीमारी का अध्ययन कर रहीं थी। जीवाणुओं को रखने के लिए काफी छोटे छिद्रों वाले फिल्टर का उपयोग करने वाले प्रयोगों ने पहला प्रमाण प्रदान किया कि वायरस मौजूद हैं।
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