hamburger

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) वैकल्पिक विषय समाजशास्त्र (Sociology) का पाठ्यक्रम – डाउनलोड करें

By BYJU'S Exam Prep

Updated on: November 14th, 2023

अन्य वैकल्पिक विषयों की तुलना में यूपीएससी के समाजशास्त्र के पाठ्यक्रम को लघु, संक्षिप्त और समझने में सरल माना जाता है। समाजशास्त्र को अपने वैकल्पिक विषय के रूप में लेने वाले अभ्यर्थियों को यूपीएससी के समाजशास्त्र पाठ्यक्रम का संपूर्ण विश्लेषण करने और कवर किए जाने वाले विषयों को समझने की आवश्यकता है। यह सलाह दी जाती है कि यूपीएससी के वैकल्पिक विषय समाजशास्त्र के विस्तृत अध्ययन और परीक्षा की लाभकारी तैयारी के लिए प्रत्येक खंड के अंतर्गत आने वाले विषयों का मूल्यांकन करना आवश्यक है।

यूपीएससी के वैकल्पिक विषय समाजशास्त्र का पाठ्यक्रम यूपीएससी मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन (जीएस) प्रश्नपत्र 1 (भारतीय समाज खंड) के साथ ओवरलैप करता है और यह जीएस 2, जीएस 3 और निबंध प्रश्नपत्र की तैयारी में भी मदद करता है। नीचे हमने यूपीएससी के प्रश्नपत्र -1 और प्रश्नपत्र -2 दोनों के लिए समाजशास्त्र के संपूर्ण वैकल्पिक विषय के पाठ्यक्रम को कवर किया है। इसके अतिरिक्त, आप यूपीएससी वैकल्पिक विषय समाजशास्त्र के पाठ्यक्रम की पीडीएफ डाउनलोड कर सकते हैं, जो आपको वैकल्पिक विषय समाजशास्त्र को रणनीतिक रूप से तैयार करने में सहायता करेगा।

यूपीएससी समाजशास्त्र विषय के पाठ्यक्रम का विहगावलोकन

अन्य वैकल्पिक विषयों की तरह, यूपीएससी के समाजशास्त्र के वैकल्पिक विषय के पाठ्यक्रम को प्रश्नपत्र 1 और प्रश्नपत्र 2 नामक दो प्रश्नपत्रों में बांटा गया है। प्रत्येक प्रश्नपत्र 250 अंक का होता है और वैकल्पिक प्रश्नपत्र के कुल अंक 500 होते हैं। वैकल्पिक प्रश्नपत्र में अच्छा प्रदर्शन करने वाले अभ्यर्थियों को यूपीएससी की मुख्य परीक्षा में अच्छे अंक हासिल करने में सफलता मिलती है।

प्रश्नपत्र 1 समाजशास्त्र के मूल सिद्धांतों के बारे में है और दूसरी ओर प्रश्नपत्र 2 भारतीय समाज : संरचना और परिवर्तन के बारे में है। अभ्यर्थियों के लिए यूपीएससी हेतु समाजशास्त्र वैकल्पिक विषय के पाठ्यक्रम को संक्षेप में नीचे दिया गया है।

यूपीएससी समाजशास्त्र वैकल्पिक विषय का पाठ्यक्रम

विषय

यूपीएससी समाजशास्त्र पाठ्यक्रम प्रश्नपत्र 1

समाजशास्त्र: विद्याशाखा

समाजशास्त्र विज्ञान के रूप में

अनुसंधान पद्धतियाँ एवं विश्लेषण

समाजशास्त्री चिंतक

स्तरीकरण एवं गतिशीलता

कार्य एवं आर्थिक जीवन

राजनीति एवं समाज

धर्म एवं समाज

नातेदारी की व्यवस्थाएँ

आधुनिक समाज में सामाजिक परिवर्तन

यूपीएससी समाजशास्त्र पाठ्यक्रम प्रश्नपत्र 2

भारतीय समाज का परिचय

सामाजिक संरचना

भारत में सामाजिक परिवर्तन

यूपीएससी समाजशास्त्र पाठ्यक्रम की पीडीएफ

अभ्यर्थी नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके यूपीएससी के समाजशास्त्र विषय के पाठ्यक्रम को अंग्रेजी और हिंदी दोनों में डाउनलोड कर सकते हैं।

यह अनुशंसा की जाती है कि इस वैकल्पिक विषय की तैयारी करते समय समाजशास्त्र पाठ्यक्रम की एक प्रति अपने पास रखें ताकि अभ्यर्थी से कोई महत्वपूर्ण विषय न छूटे।

यूपीएससी समाजशास्त्र वैकल्पिक विषय पाठ्यक्रम प्रश्नपत्र 1

यूपीएससी समाजशास्त्र वैकल्पिक विषय प्रश्नपत्र 1 में आधुनिक समाज में सामाजिक परिवर्तन, धर्म और समाज, राजनीति और समाज, कार्य और आर्थिक जीवन, समाजशास्त्रीय विचारक, आदि सरीखे समाजशास्त्र के मूल तत्व शामिल हैं। अभ्यर्थी के लिए यूपीएससी प्रश्नपत्र 1 का समाजशास्त्र का पूर्ण वैकल्पिक विषय का पाठ्यक्रम नीचे दिया गया है।

समाजशास्त्र – प्रश्न पत्र-1

समाजशास्त्र के मूलभूत सिद्धांत

1.समाजशास्त्र : विद्याशाखा :

  • यूरोप में आधुनिकता एवं सामाजिक परिवर्तन तथा समाजशास्त्र का अविर्भाव ।
  • समाजशास्त्र का विषय-क्षेत्र एवं अन्य सामाजिक विज्ञानों से इसकी तुलना
  • समाजशास्त्र एवं सामान्य बोध |

2.समाजशास्त्र विज्ञान के रूप में :

  • विज्ञान, वैज्ञानिक पद्धति एवं समीक्षा
  • अनुसंधान क्रिया विधि के प्रमुख सैद्धांतिक तत्व
  • प्रत्यक्षवाद एवं इसकी समीक्षा
  • तथ्य, मूल्य एवं उद्देश्यपरकता
  • अप्रत्यक्षवादी क्रियाविधियां

3.अनुसंधान पद्धतियां एवं विश्लेषण:

  • गुणात्मक एवं मात्रात्मक पद्धतियां
  • दत्त संग्रहण की तकनीक
  • परिवर्त, प्रतिचयन, प्राक्कल्पना, विश्वसनीयता एवं वैधता

4.समाजशास्त्री चिंतक :

  • कार्ल मार्क्स – ऐतिहासिक भौतिकवाद, उत्पादन विधि, वि संबंधन, वर्ग संघर्ष
  • इमाईल दुखीम-श्रम विभाजन, सामाजिक तथ्य, आत्महत्या, धर्म एवं समाज |
  • मैक्स-वेबर सामाजिक क्रिया, आदर्श प्रारूप, सत्ता, अधिकारीतंत्र, प्रोटेस्टेंट नीति शास्त्र और पूंजीवाद की भावना
  • तालकॉट पार्सन्स सामाजिक व्यवस्था, प्रतिरूप परिवर्त
  • राबर्ट के मर्टन-अव्यक्त तथा अभिव्यक्त प्रकार्य अनुरूपता एवं विसामान्यता, संदर्भ समूह
  • मीड-आत्म एवं तादात्म्य

5.स्तरीकरण एवं गतिशीलता

  • संकल्पनाएं-समानता, असमानता, अधिक्रम, अपवर्जन, गरीबी एवं वंचन
  • सामाजिक स्तरीकरण के सिद्धांत संरचनात्मक प्रकार्यवादी सिद्धांत, मार्क्सवादी सिद्धांत, वेबर का सिद्धांत
  • आयाम-वर्ग, स्थिति समूहों, लिंग, नृजातीयता एवं प्रजाति का सामाजिक स्तरीकरण
  • सामाजिक गतिशीलता खुली एवं बंद व्यवस्थाएं, गतिशीलता के प्रकार, गतिशीलता के स्रोत एवं कारण

6.कार्य एवं आर्थिक जीवन

  • विभिन्न प्रकार के समाजों में कार्य का सामाजिक संगठन- दास समाज, सामंती समाज, औद्योगिक/पूंजीवादी समाज
  • कार्य का औपचारिक एवं अनौपचारिक संगठन
  • श्रम एवं समाज

7.राजनीति एवं समाज

  • सत्ता के समाजशास्त्रीय सिद्धांत
  • सत्ता प्रव्रजन अधिकारीतंत्र, दबाव समूह, राजनैतिक दल
  • राष्ट्र, राज्य, नागरिकता, लोकतंत्र, सिविल समाज, विचारधारा
  • विरोध, आंदोलन, सामाजिक आंदोलन, सामूहिक क्रिया, क्रांति

8.धर्म एवं समाज

  • धर्म के समाजशास्त्रीय सिद्धांत
  • धार्मिक क्रम के प्रकार : जीववाद, एकतत्ववाद, बहुतत्ववाद, पंथ, उपासना, पद्धतियां
  • आधुनिक समाज में धर्म धर्म एवं विज्ञान, धर्म निरपेक्षीकरण, धार्मिक पुनः प्रवर्तनवाद, मूलतत्ववाद

9.नातेदारी की व्यवस्थाएं:

  • परिवार, गृहस्थी, विवाह
  • परिवार के प्रकार एवं रूप
  • वंश एवं वंशानुक्रम
  • पितृतंत्र एवं श्रम का लिंगाधारिक विभाजन
  • समसामयिक प्रवृत्तियां

10.आधुनिक समाज में सामाजिक परिवर्तन :

  • सामाजिक परिवर्तन के समाजशास्त्रीय सिद्धांत
  • विकास एवं पराश्रितता
  • सामाजिक परिवर्तन के कारक
  • शिक्षा एवं सामाजिक परिवर्तन
  • विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं सामाजिक परिवर्तन

यूपीएससी (UPSC) समाजशास्त्र वैकल्पिक विषय पाठ्यक्रम प्रश्नपत्र 2

यूपीएससी के समाजशास्त्र (Sociology) पाठ्यक्रम के प्रश्नपत्र 2 में भारतीय समाज, सामाजिक संरचना और सामाजिक परिवर्तनों के बारे में बताया गया है। इन विषयों पर अंतर्दृष्टि प्राप्त करने से यूपीएससी की मुख्य परीक्षा के पाठ्यक्रम के जीएस प्रश्नपत्र की तैयारी में भी मदद मिलेगी। अभ्यर्थियों के लिए यूपीएससी मुख्य परीक्षा के प्रश्नपत्र -2 के लिए समाजशास्त्र का संपूर्ण पाठ्यक्रम नीचे दिया गया है।

प्रश्न पत्र 2

भारतीय समाज : संरचना एवं परिवर्तन

  • भारतीय समाज का परिचय

(i) भारतीय समाज के अध्ययन के परिप्रेक्ष्य

  • भारतीय विद्या (जी एस धुर्ये)
  • संरचनात्मक प्रकार्यवाद (एम. एन. श्रीनिवास)
  • मार्क्सवादी समाजशास्त्र (ए.आर. देसाई)

(ii) भारतीय समाज पर औपनिवेशिक शासन का प्रभाव

  • भारतीय राष्ट्रवाद की सामाजिक पृष्ठभूमि
  • भारतीय परंपरा का आधुनिकीकरण
  • औपनिवेशिककाल के दौरान विरोध एवं आंदोलन
  • सामाजिक सुधार

(ख). सामाजिक संरचना:

(i) ग्रामीण एवं कृषिक सामाजिक संरचना

  • भारतीय ग्राम का विचार एवं ग्राम अध्ययन
  • कृषिक सामाजिक संरचना पट्टेदारी प्रणाली का विकास भूमिसुधार

(ii)जाति व्यवस्था

  • जाति व्यवस्था के अध्ययन के परिप्रेक्ष्य (जीएस धुर्ये एमएन श्रीनिवास,लुईद्यूमां, आंद्रे बेतेय)
  • जाति व्यवस्था के अभिलक्षण
  • अस्पृश्यता-रूप एवं परिप्रेक्ष्य

(iii) भारत में जनजातीय समुदाय

  • परिभाषीय समस्याएं
  • भौगोलिक विस्तार
  • औपनिवेशिक नीतियां एवं जनजातियां
  • एकीकरण एवं स्वायत्ता के मुद्दे

(iv) भारत में सामाजिक वर्ग

  • कृषिक वर्ग संरचना
  • औद्योगिक वर्ग संरचना
  • भारत में मध्यम वर्ग

(v) भारत में नातेदारी की व्यवस्थाएं

  • भारत में वंश एवं वंशानुक्रम
  • नातेदारी व्यवस्थाओं के प्रकार
  • भारत में परिवार एवं विवाह
  • परिवार घरेलू आयाम
  • पितृतंत्र, हकदारी एवं श्रम का लिंगाधारित विभाजन

(vi) धर्म एवं समाज

  • भारत में धार्मिक समुदाय
  • धार्मिक अल्पसंख्यकों की समस्याएं
  • भारत में सामाजिक परिवर्तन

(ग) भारत में सामाजिक परिवर्तन

(i) भारत में सामाजिक परिवर्तन की दृष्टियां

  • विकास आयोजना एवं मिश्रित अर्थव्यवस्था
  • संविधान, विधि एवं सामाजिक परिवर्तन
  • शिक्षा एवं सामाजिक परिवर्तन

(ii) भारत में ग्रामीण एवं कृषिक रूपांतरण

  • ग्रामीण विकास कार्यक्रम, समुदाय विकास कार्यक्रम, सहकारी संस्थाएं, गरीबी उन्मूलन योजनाएं
  • हरित क्रांति एवं सामाजिक परिवर्तन
  • भारतीय कृषि में उत्पादन की बदलती विधियां
  • ग्रामीण मजदूर, बंधुआ एवं प्रवासन की समस्याएं

(iii) भारत में औद्योगिकीकरण एवं नगरीकरण

  • भारत में आधुनिक उद्योग का विकास
  • भारत में नगरीय बस्तियों की वृद्धि
  • श्रमिक वर्ग संरचना, वृद्धि, वर्ग संघटन
  • अनौपचारिक क्षेत्रक, बालश्रमिक
  • नगरी क्षेत्र में गंदी बस्ती एवं वंचन

(iv) राजनीति एवं समाज

  • राष्ट्र, लोकतंत्र एवं नागरिकता
  • राजनैतिक दल, दबाव समूह, सामाजिक एवं राजनैतिक प्रव्रजन
  • क्षेत्रीयतावाद एवं सत्ता का विकेन्द्रीकरण
  • धर्म निरपेक्षीकरण

(v) आधुनिक भारत में सामाजिक आंदोलन

  • कृषक एवं किसान आंदोलन
  • महिला आंदोलन
  • पिछड़ा वर्ग एवं दलित वर्ग आंदोलन
  • पर्यावरणीय आंदोलन
  • नृजातीयता एवं अभिजान आंदोलन

(vi) जनसंख्या गतिकी

  • जनसंख्या आकार, वृधि संघटन एवं वितरण
  • जनसंख्या वृद्धि के घटक : जन्म, मृत्यु प्रवासन
  • जनसंख्या नीति एवं परिवार नियोजन
  • उभरते हुए मुद्दे काल प्रभावन, लिंग अनुपात, बाल एवं शिशु मृत्यु दर, जनन स्वास्थ्य

(vii) सामाजिक रूपांतरण की चुनौतियां

  • विकास का संकट विस्थापन, पर्यावरणीय समस्याएं एवं संपोषणीयता
  • गरीबी, वंचन एवं असमानताएं
  • स्त्रियों के प्रति हिंसा
  • जाति द्वंद्व
  • नृजातीय द्वंद्व, सांप्रदायिकता, धार्मिक पुनः प्रवर्तनवाद
  • असाक्षरता तथा शिक्षा में समानताएं

यूपीएससी (UPSC) हेतु समाजशास्त्र (Sociology) के वैकल्पिक विषय के पाठ्यक्रम को समझना

यूपीएससी के समाजशास्त्र पाठ्यक्रम की मुख्य विशेषताएं नीचे दी गई हैं, इनसे अभ्यर्थियों को पाठ्यक्रम को उचित रूप से समझने में मदद मिलेगी।

कठिनाई स्तर- पाठ्यक्रम में शामिल किए गए अधिकांश विषयों को समझना आसान है। यहां तक कि एक नया अभ्यर्थी भी जिसे समाजशास्त्र का कोई पृष्ठभूमिक ज्ञान नहीं है, वह भी अधिकांश विषयों में आसानी से महारत हासिल कर सकता है। लेकिन भारतीय परंपरा का आधुनिकीकरण और जातीय आंदोलनों आदि सरीखे कुछ विषयों को समझना मुश्किल होगा।

यूपीएससी के समाजशास्त्र पाठ्यक्रम की संरचना प्रश्नपत्र -1

प्रश्नपत्र 1 में कुल 10 इकाइयाँ शामिल हैं जो मुख्य रूप से 4 खंडों में विभाजित हैं जैसे-

  • समाजशास्त्र के मूल तत्व – पहली 3 इकाइयों में अभ्यर्थियों को समाजशास्त्र के उद्भव, यह विषय वैज्ञानिक है या नहीं, शोध के तरीके आदि के बारे में जानकारी हासिल होगी।
  • विचारक – यूपीएससी के समाजशास्त्र पाठ्यक्रम के प्रश्नपत्र -1 में 6 विचारक हैं। 3 प्रकार्यवादी हैं (नामत: दुर्खीम, मर्टन और पार्सन्स), एक प्रतीकात्मक अंतःक्रियावादी है, एक संघर्ष सिद्धांतवादी (मार्क्स) है, और एक व्याख्यात्मक समाजशास्त्री (वेबर) है।
  • सामाजिक परिवर्तन – इस इकाई में शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, शिक्षा और जनसंचार माध्यमों के प्रभाव के कारण समाज में हुए परिवर्तनों पर विशेष बल दिया गया है।

यूपीएससी के समाजशास्त्र पाठ्यक्रम की संरचना प्रश्नपत्र -2

यूपीएससी हेतु समाजशास्त्र के वैकल्पिक विषय के पाठ्यक्रम के प्रश्नपत्र-2 में 15 इकाइयाँ शामिल हैं:-

  • परिचय – यह खंड छात्रों को भारतीय समाजशास्त्र से परिचित कराता है और हमारे समाज पर ब्रिटिश शासन के प्रभाव का विश्लेषण भी करता है।
  • भारतीय समाज में परिवर्तन – इस खंड में कानूनों और संविधान के प्रभाव के बारे में बताया गया है। इसमें बताया गया है कि शिक्षा के प्रसार के साथ हमारा समाज कैसे बदलता है और सरकार की नीतियां समाज और विकास प्रक्रिया को कैसे प्रभावित करती हैं।
  • भारतीय समाज की संरचना – यह यूपीएससी समाजशास्त्र वैकल्पिक विषय के पाठ्यक्रम प्रश्नपत्र-2 के महत्वपूर्ण और सबसे बड़े खंडों में से एक है। इसकी 6 इकाइयों में आदिवासी समूह, विभिन्न वर्ग, जाति व्यवस्था, कृषि सामाजिक संरचना, रिश्तेदारी और परिवार प्रणाली और धर्म सरीखे महत्वपूर्ण सामाजिक संस्थानों को शामिल किया गया है।

यूपीएससी समाजशास्त्र पाठ्यक्रम में महत्वपूर्ण विषय

यूपीएससी समाजशास्त्र वैकल्पिक विषय के पाठ्यक्रम के सभी विषयों का समान भार नहीं है। कुछ विषय दूसरों की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण हैं। हालांकि, अभ्यर्थियों को प्रत्येक विषय पर समान ध्यान देना चाहिए। नीचे हमने यूपीएससी हेतु समाजशास्त्र वैकल्पिक विषय के पाठ्यक्रम में सबसे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रकाश डाला है।

यूपीएससी समाजशास्त्र वैकल्पिक विषय के पाठ्यक्रम के प्रश्नपत्र-1 में महत्वपूर्ण विषय

समाजशास्त्रीय विचारक (इकाई-IV) यहाँ के सबसे महत्वपूर्ण विषयों में से एक है। सभी विचारकों में मार्क्स, दुर्खीम और वेबर का सर्वाधिक महत्व है। सामाजिक संस्थाओं में अधिकतर प्रश्न परिवार और धर्म की इकाइयों से पूछे जाते हैं।

यूपीएससी समाजशास्त्र पाठ्यक्रम के प्रश्नपत्र-2 में महत्वपूर्ण विषय

ग्राम अध्ययन, छुआछूत, पितृसत्ता, कबीलों का एकीकरण, मजदूर वर्ग, सामाजिक आंदोलन और धर्मनिरपेक्षता महत्वपूर्ण खंड हैं।

यूपीएससी समाजशास्त्र पाठ्यक्रम के लिए तैयारी की रणनीति

यूपीएससी के लिए समाजशास्त्र वैकल्पिक पाठ्यक्रम को 2 प्रश्नपत्रों में विभाजित किया गया है, और दोनों पेपरों में अच्छा स्कोर करने के लिए अभ्यर्थी को तैयारी की उचित रणनीति का पालन करना चाहिए। यहां हमने सर्वोत्तम संभव तरीके से यूपीएससी के समाजशास्त्र वैकल्पिक विषय के पाठ्यक्रम को कवर करने के लिए उचित योजना बताई है।

  • पाठ्यक्रम का विश्लेषण करें- प्रत्येक विषय और उप-विषय को समझने के लिए अभ्यर्थी को यूपीएससी हेतु समाजशास्त्र वैकल्पिक विषय के पाठ्यक्रम को पूरी तरह से समझना होगा। यूपीएससी समाजशास्त्र पाठ्यक्रम पीडीएफ डाउनलोड करें और इस विषय की तैयारी करते समय इसकी एक प्रति अपने पास रखें।
  • यूपीएएससी समाजशास्त्र वैकल्पिक विषय के पाठ्यक्रम को समझने के बाद यूपीएएससी के पिछले वर्ष के प्रश्न पत्रों को देखें ताकि प्रश्न की प्रकृति और प्रश्नों के पैटर्न को समझा जा सके।
  • सर्वोत्तम पुस्तकों से पढ़ें – एनसीईआरटी की पुस्तकें, हरलाम्बोस और होलबोर्न, बी के नागला कृत भारतीय समाजशास्त्रीय चिंतन आदि जैसी कई मानक पुस्तकें हैं। अपनी इच्छित पुस्तक से सभी महत्वपूर्ण विषयों को कवर करने का प्रयास करें।
  • करेंट अफेयर्स पर ध्यान दें – चूंकि समाजशास्त्र वैकल्पिक विषय का प्रश्नपत्र 2 गतिशील या समसामयिक प्रकृति का है, इसके लिए केवल कुछ मानक स्रोत उपलब्ध हैं। इसलिए आपको अपना उत्तर लिखते समय इस प्रश्नपत्र का जुड़ाव चर्चित समसामयिक घटनाओं (करंट अफेयर्स ) से करें।

यूपीएससी समाजशास्त्र वैकल्पिक विषय के पाठ्यक्रम के लिए सर्वश्रेष्ठ पुस्तकें

आप अपने पास यूपीएससी के लिए सही पुस्तकें प्राप्त किए बिना यूपीएससी परीक्षा की तैयारी नहीं कर सकते। नीचे हमने यूपीएससी वैकल्पिक विषय समाजशास्त्र की कुछ बेहतरीन पुस्तकों को शामिल किया है जो आपको यूपीएससी समाजशास्त्र वैकल्पिक विषय के पाठ्यक्रम को एक कुशल तरीके से कवर करने में मदद करेंगी। आप यूपीएससी समाजशास्त्र की इन पुस्तकों का संदर्भ ले सकते हैं और अपनी तैयारी को प्रारंभ कर सकते हैं।

  1. सोशियोलॉजी थीम्स एंड परस्पेक्टिव – माइकल हरालम्बोस, मार्टिन होलबोर्न
  2. सोसाइटी इन इंडिया : कॉन्सेप्ट्स, थ्योरीज एंड रीसेंट ट्रेंड्स – राम आहूजा
  3. सोशल प्रॉब्लम्स इन इंडिया – राम आहूजा
  4. सोशियोलॉजी – एंथोनी गिडेंस
  5. सोशियोलॉजिकल थ्योरी – जॉर्ज रिट्जर
  6. ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी ऑफ सोशियोलॉजी
  7. मॉडर्नाइजेशन ऑफ इंडियन ट्रेडिशन – योगेंद्र सिंह
  8. सोशियोलॉजिकल थॉट – फ्रांसिस अब्राहम, जॉन हेनरी मॉर्गन
  9. सोशल चेंज इन मॉडर्न इंडिया – एम. एन. श्रीनिवास
  10. कास्ट इट्स ट्वेंटीथ सेंचुरी अवतार – एम. एन. श्रीनिवास
  11. परसिस्टेंस एंड चेंज्स इन ट्राइबल इंडिया – एम. वी. राव
  12. सोशल बैकग्राउंड ऑफ इंडियन नेशनलिज्म – ए. ए. देसाई

आप इन पुस्तकों की सहायता से अपने यूपीएससी समाजशास्त्र विषय के पाठ्यक्रम को कवर कर सकते हैं। हालाँकि, यह अधिक फायदेमंद होगा यदि आप इन पुस्तकों से तैयारी करने के साथ-साथ समसामयिक घटनाओं (करेंट अफेयर्स) पर भी ध्यान दें। यूपीएससी मॉक टेस्ट देने और पिछले साल के प्रश्नपत्रों का अभ्यास करने से अभ्यर्थियों को यूपीएससी के समाजशास्त्र विषय के पाठ्यक्रम को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलेगी।

Our Apps Playstore
POPULAR EXAMS
SSC and Bank
Other Exams
GradeStack Learning Pvt. Ltd.Windsor IT Park, Tower - A, 2nd Floor, Sector 125, Noida, Uttar Pradesh 201303 help@byjusexamprep.com
Home Practice Test Series Premium