मानव निर्मित इन्सुलिन का नाम लिखिए।
By Balaji
Updated on: February 17th, 2023
मानव निर्मित इन्सुलिन का नाम धूम्यूलिन है। हमारे शरीर में इंसुलिन एक प्रकार का हॉर्मोन होता है, जो हमारे शरीर के अंदर प्राकृतिक रूप से बनता है। इन्सुलिन हमारे खून में मिलकर ग्लूकोज के लेवल को नियंत्रण में रखता है। इसमें कोई दो राय नहीं कि हमारे समाज में इन्सुलिन को डायबिटीज नाम की खतरनाक बीमारी से जोड़कर जानते हैं। इन्सुलिन एक प्रकार का प्रोटीन है जिसे 2 डिग्री से लेकर -8 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान पर लगाया जाता है।
Table of content
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1. मानव निर्मित इन्सुलिन के लाभ
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2. मानव निर्मित इन्सुलिन का नाम लिखिए।
मानव निर्मित इन्सुलिन के लाभ
पुनः संयोजक मानव इंसुलिन अब मुख्य रूप से Saccharomyces cerevisiae या E. coli में बनाया जाता है। ई. कोलाई एक्सप्रेशन सिस्टम का उपयोग करके समावेशन निकायों, या इंसुलिन अग्रदूतों (आईपी) का उत्पादन घुलनशीलता और रीफोल्डिंग प्रक्रियाओं के माध्यम से पूरी तरह कार्यात्मक पॉलीपेप्टाइड्स के अंतिम उत्पादन की ओर जाता है।
हालांकि यह त्वचा के नीचे इंजेक्शन लगाने पर प्राकृतिक इंसुलिन की तरह काम नहीं करता है। यह इस तथ्य के परिणामस्वरूप है कि मानव इंसुलिन को इंजेक्शन के माध्यम से प्रशासित किया जाता है और धीरे-धीरे अवशोषित होता है। इस कृत्रिम मानव इंसुलिन की गतिविधि आपके शरीर की आवश्यकता के अनुसार सही समय पर नहीं होती है।
इंसुलिन भोजन के दौरान सूक्ष्म पोषक तत्वों के स्तर को संतुलित करता है, जो शरीर की ऊर्जा आपूर्ति को नियंत्रित करने में सहायता करता है। यह उन ऊतकों और कोशिकाओं को इंट्रासेल्युलर ग्लूकोज की डिलीवरी के लिए महत्वपूर्ण है जो वसा, यकृत और मांसपेशियों सहित इंसुलिन पर निर्भर करते हैं। सिंथेटिक इंसुलिन के लाभों की रूपरेखा:
- मानव इंसुलिन रक्त से शर्करा को शरीर के अन्य ऊतकों में स्थानांतरित करने में मदद करता है जहां इसका उपयोग ऊर्जा के लिए किया जाता है।
- यह लिवर को अधिक शुगर पैदा करने से रोकता है।
- इन्सुलिन में जिंक पाया जाता है।
- इसकी कमी से मनुष्य की सांस तेज चलना, त्वचा या मुंह सूखना, और सांस से बदबू आने लगती है।
Summary:
मानव निर्मित इन्सुलिन का नाम लिखिए।
धूम्यूलिन मानव निर्मित इंसुलिन है। मुख्यत: मानव निर्मित इंसुलिन 2 तरह के होते हैं: पहला शॉर्ट एक्टिंग फॉर्म और दूसरा इंटरमीडिएट-एक्टिंग फॉर्म। यदि शरीर में इंसुलिन की मात्रा जरूरत से ज्यादा हो जाती है तो अपने आप में यह डायबिटीज नहीं है लेकिन यह टाइप 2 डायबिटीज के साथ संबंद्ध रहता है।
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