बायोपायरेसी पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
By Balaji
Updated on: February 17th, 2023
जैव रासायनिक या अन्य संसाधन के व्यावसायिक शोषण की प्रथा बायोपाइरेसी (Bio-Piracy) कहलाती है। जो स्वाभाविक रूप से होती है। बायो-पायरेसी का एक उदाहरण यह है कि भारत में प्रचलित नीम और उससे बनी दवाईयों का पेटेंट यूरोप की एक कंपनी के पास है। इसके अलावा भी कई भारतीय संसाधनों का पेटेंट विदेशी कंपनी के पास हैं। बायोपिरेसी बायो + पाइरेसी है। बायो का अर्थ है जीवन (यहां जैव-संसाधन) और पाइरेसी का अर्थ है किसी और की बौद्धिक संपदा चुराना। तो, किसी भी प्रणालीगत अनुमति के बिना किसी के बायोरसोर्स का उपयोग बायोपायरासी है।
Table of content
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1. बायोपायरेसी के तात्पर्य
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2. बायोपायरेसी पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
बायोपायरेसी के तात्पर्य
दरअसल, बायो-पाइरेसी या बायो पायरेसी का मतलब जैविक संसाधनों का अनाधिकृत उपयोग है। यह जैविक संसाधनों को नोटिस या अधिकार के बिना उपयोग करने की अनुमति देता है। इनका उपयोग व्यावसायिक या व्यावसायिक सेटिंग्स में किया जाता है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि विकसित देश अपने ज्ञान का उपयोग विकासशील देशों के जैविक संसाधनों का दोहन करने के लिए करते हैं। जब कोई देश व्यवसाय करने या अनुसंधान करने के उद्देश्य से अपने स्वयं के जैविक संसाधनों का उपयोग करता है।
बहुराष्ट्रीय कंपनियों और अन्य संगठनों द्वारा जैव संसाधनों का उपयोग बिना किसी राष्ट्र या इसके संबंधित लोगों से बिना किसी प्रतिपूरक भुगतान के किसी भी व्यवस्थित अनुमोदन के बिना बायोपिरेसी कहा जाता है। अन्याय, अपर्याप्त मुआवजे और लाभ साझा करने के बारे में विकासशील और विकसित राष्ट्रों के बीच भावना विकसित हो रही है। इसके कारण कुछ राष्ट्र पूर्व अनुमति के बिना अपने जैव संसाधनों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के लिए नियम बना रहे हैं।
- बायोपिरेसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों और अन्य संगठनों द्वारा जैव-संसाधन का उपयोग है, बिना देशों से उचित प्राधिकरण के बिना और प्रतिपूरक भुगतान के संबंधित लोगों से।
- कुछ राष्ट्र अपने बायोरसोर्स और पारंपरिक ज्ञान के ऐसे अनधिकृत शोषण को रोकने के लिए कानून विकसित कर रहे हैं।
- बायोपायरसी को उचित प्राधिकरण प्राप्त करने और प्रतिपूरक लाभों का भुगतान करके कानूनों को विकसित करके रोका जा सकता है।
Summary:
बायोपायरेसी पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
बायोपायरेसी (Bio-Piracy) का तात्पर्य किसी अन्य देश के जैविक संसाधनों का इस्तेमाल बिना पूर्व सूचना के करना। उदाहरण के लिए भारत में उपचार के लियी प्रचलित हल्दी का पेटेंट अमेरिकी कंपनी ने लिया हुआ है। किसी भी प्रणालीगत अनुमति के बिना किसी के जैव संसाधनों का उपयोग बायोपायरासी है। बायोपिरेसी के कुछ अन्य उदाहरण हैं: हल्दी, मार्गोसा और कई अन्य औषधीय पौधों पर पेटेंट जो इंडो-पाक उपमहाद्वीप के लिए स्वदेशी हैं, को अन्य देशों द्वारा पेटेंट कराया गया है।
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