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भारतीय संसद द्वारा जैव विविधता अधिनियम कब पारित किया गया?

By Balaji

Updated on: March 30th, 2023

भारतीय संसद के द्वारा जैव विविधता अधिनियम 11 दिसम्बर 2002 को पारित किया गया। इस अधिनियम का निर्माण संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन 1992 के निहित उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए किया गया था। इसके अंतर्गत केंद्र सरकार, राज्यों को उनके राज्य के भीतर के जैविक संसाधन इस्तेमाल करने का अधिकार होगा। भारतीय संसद द्वारा जैव विविधता अधिनियम का उद्देश्य जैविक संसाधनों का संरक्षण तथा भारत की समृद्ध जैव विविधता को संरक्षित रखकर भावी पीढ़ियों के लाभ के वितरण की प्रक्रिया को सुनिश्चित करना है। जैव विविधता का अर्थ अर्द्धस्थलीय, समुद्रीय या अन्य जलीय संसाधनों तथा सजीवों के मध्य होने वाली परिवर्तनशीलता से है।

Table of content

(more)
  • 1. भारतीय संसद द्वारा जैव विविधता अधिनियम के मुख्य उद्देश्य (more)
  • 2. भारतीय संसद द्वारा जैव विविधता अधिनियम कब पारित किया गया? (more)

भारतीय संसद द्वारा जैव विविधता अधिनियम के मुख्य उद्देश्य

जैविक विविधता अधिनियम, 2002 भारतीय संसद द्वारा वहां की जैविक विविधता की रक्षा करने और पारंपरिक जैविक संसाधनों और ज्ञान के उपयोग से होने वाले लाभों के उचित वितरण के लिए एक प्रणाली स्थापित करने के लिए पारित कानून है। चूंकि भारत जैविक विविधता पर कन्वेंशन का एक हस्ताक्षरकर्ता है, इसलिए समझौते के तहत अपने दायित्वों को पूरा करने के लिए अधिनियम पारित किया गया था।

अधिनियम में जैविक संसाधनों को “पौधों, जानवरों और सूक्ष्मजीवों या उनके भागों, उनकी आनुवंशिक सामग्री और उप-उत्पादों (मूल्य वर्धित उत्पादों को छोड़कर) के रूप में वास्तविक या संभावित उपयोग या मूल्य के रूप में वर्णित किया गया है, लेकिन इसमें मानव आनुवंशिक सामग्री शामिल नहीं है। “

जैव अधिनियम के तहत राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण के पूर्व अनुमोदन के बिना नीचे लिखी सभी गतिविधियों को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित करता है:

  • कोई भी व्यक्ति या संस्था जिसका सम्बन्ध भारत से न हो, वह भारत में पैदा हुए किसी भी जैव संसाधन को इस्तेमाल करना।
  • उन पर किये गए शोध पत्रों का हस्तांतरण
  • तीसरी और सबसे मुख्य बात यह है की भारतीय जैव संसाधनों पर किये रिसर्च और उनसे हुए अविष्कार पर कॉपीराइट करना।

Summary:

भारतीय संसद द्वारा जैव विविधता अधिनियम कब पारित किया गया?

11 दिसम्बर 2002 में भारतीय संसद के द्वारा जैव विविधता अधिनियम पारित किया गया। इसका उद्देश्य अगले पीढ़ी को हमारी जैव संपदा देना है। यह अधिनियम जैविक संसाधनों के संरक्षण और उनके सतत उपयोग के प्रबंधन के लिए अधिनियमित किया गया था।

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