भारत के उत्तरी मैदान का वर्णन कीजिए|
By BYJU'S Exam Prep
Updated on: September 13th, 2023
देश की प्रमुख नदियां गंगा, सिन्धु, और ब्रह्मपुत्र नदी द्वारा लाये गए गाद, और अन्य पदार्थों द्वारा भारत के उतरी मैदान का निर्माण हुआ। इनके अलावा इन नदियों की सहायक नदियों के द्वारा भी इसका निर्माण हुआ है। बहाकर लाई गयी मिट्टी मिलकर इस मैदान में जलोढ़ मिट्टी है। यहाँ कि मिट्टी अति उपजाऊ का है, जहाँ के किसानों को इसका फायदा मिलता है। यहां बड़ी संख्या में लोग रहते हैं जो आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर हैं।
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भारत के उतरी मैदान की संरचना
उत्तरी मैदानों में अधिकांश जलोढ़ निक्षेप पाए जाते हैं। यह हरा-भरा मैदान लाखों साल पहले हिमालय की तलहटी में एक बड़े बेसिन में जलोढ़ के संचय द्वारा बनाया गया था। पंजाब का मैदान उत्तरी मैदान का पश्चिमी क्षेत्र है। इस मैदान का अधिकांश भाग, जिसे सिंधु और उसकी सहायक नदियाँ बनाती हैं, पाकिस्तान में है।
उत्तरी मैदानों को समतल भूमि कहा जाता है क्योंकि उनके बीच कोई स्थलाकृतिक अंतर नहीं है। हालांकि, यह पूरी तरह सटीक नहीं है। इन विशाल मैदानों में विभिन्न प्रकार की उच्चावच विशेषताएं भी हैं। लगभग 7 लाख वर्ग किलोमीटर के विशाल क्षेत्र में यह मैदान स्थित है। यह पश्चिम से पूर्व की ओर 2400 किलोमीटर और चौड़ाई में औसतन 300 किलोमीटर मापता है। उत्तरी भारतीय मैदान आमतौर पर समुद्र तल से 160 मीटर या उससे अधिक ऊपर हैं।
- इस क्षेत्र के यहां के प्रमुख राज्यों में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, आदि आते हैं। यहां रहने वाले लोग अनेक तरह की भाषाएँ बोलते हैं।
- उत्तरी मैदान चार क्षेत्रों में विभाजित है – भाबर, तराई, भांगर और खादर।
- इस क्षेत्र में जल स्तर बहुत अधिक है। इसके उपयुक्त कृषि गुणों के कारण, यह अत्यधिक आबादी वाला है।
Summary:
भारत के उत्तरी मैदान का वर्णन कीजिए।
भारत का उतरी मैदान करीब 7,00,000 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। गंगा, सिन्धु और ब्रह्मपुत्र द्वारा लाई गयी मिट्टी से इसका निर्माण हुआ है जो काफी उपजाऊ है। उत्तरी मैदान हिमालय पर्वत के दक्षिण में और दक्कन के पठार के उत्तर में स्थित है। एक समृद्ध मिट्टी के आवरण, पर्याप्त जल आपूर्ति और अनुकूल जलवायु के साथ, यह कृषि की दृष्टि से भारत का एक बहुत ही उत्पादक हिस्सा है।
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