आनंदमठ के लेखक कौन है?
By Balaji
Updated on: February 17th, 2023
आनंदमठ के लेखक बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय है। ये एक एक बंगाली उपन्यास है जिसे 1882 में लिखा और प्रकाशित किया गया था। इस उपन्यास में 18वीं शताब्दी के उत्तरार्ध के संन्यासी विद्रोह का वर्णन किया गया है। आनंदमठ भारतीय साहित्य के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण उपन्यासों में से एक है। आनंदमठ कृति का भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम और स्वतन्त्रता के क्रान्तिकारियों पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा।
Table of content
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1. आनंदमठ के लेखक
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2. आनंदमठ के लेखक कौन है?
आनंदमठ के लेखक
आनंदमठ नामक बंगाली में कथा का एक काम 1882 में प्रकाशित हुआ था और इसे बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने लिखा था। इसे बंगाली और भारतीय साहित्य इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण उपन्यासों में से एक माना जाता है। यह 18वीं शताब्दी के अंत में सन्यासी विद्रोह पर आधारित है और उस समय की अवधि में स्थापित है।
पुस्तक का मूल अंग्रेजी शीर्षक आनंद का अभय था। वंदे मातरम् बंगाल को मातृभूमि के रूप में संदर्भित करने वाला पहला गीत था, और इस उपन्यास ने इसे ज्ञात किया।
- यह पुस्तक 1770 ई. में बंगाल में अकाल के दौरान के वर्षों पर आधारित है। इस उपन्यास में वंदे मातरम गीत गाया गया है।
- वंदे मातरम का अर्थ है “मैं आपको नमन करता हूँ, माँ”। इसने 20वीं शताब्दी में स्वतंत्रता सेनानियों को प्रेरित किया और इसके पहले दो छंद स्वतंत्रता के बाद भारत का राष्ट्रीय गीत बन गए।
- साजिश का आधार 1770 के भयानक बंगाल अकाल पर आधारित था, जो भारत में कंपनी के नियंत्रण और असफल संन्यासी विद्रोह के समय हुआ था।
- बंकिम चंद्र चटर्जी ने अनुभवहीन लेकिन अच्छे व्यवहार वाले संन्यासी सैनिकों की छवि बनाई और कुशल ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना को हराया।
Summary:
आनंदमठ के लेखक कौन है?
बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय आनंदमठ (Anandamath) उपन्यास के लेखक है। उन्होंने ये किताब 1882 में संन्यासी विद्रोह से प्रेरित होकर लिखी थी। आनंदमठ विदेशी शासन के अधीन में रहने वाले लोगों की राष्ट्रीय पहचान को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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