आनंद कादम्बिनी के संपादक कौन थे?
By BYJU'S Exam Prep
Updated on: November 9th, 2023
आनंद कादम्बिनी के संपादक बद्रीनारायण चौधरी प्रेमधन थे। वर्ष 1881 में बद्रीनारायण चौधरी ने इसका प्रकाशन मिर्ज़ापुर (उत्तर प्रदेश) से शुरू करवाया था। आनंद कादम्बिनी के लेखक बद्रीनारायण का जन्म साल 1912 में मिर्जापुर में ही हुआ था।इनका उपनाम प्रेमघन है | 18वी और 19वीं सदी मुख्य रूप से हिंदी पत्रकारिता का काल मानी जाती हैं। उस समय कई अख़बारों का संपादन शुरू किया गया। जिन्हें पढने वालों की संख्या काफी बड़ी थी। पुरे देश में अलग भाषा में पाठक इन अख़बारों को पढ़ते थे।
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आनंद कादम्बिनी के संपादक की रचनाएँ
बद्रीनारायण चौधरी 18वीं शताब्दी के महान लेखक थे। बद्रीनारायण का जन्म 1 सितंबर, 1855 को दत्तपुर, आजमगढ़ में हुआ था। आनंद कादम्बिनी उनके द्वारा लिखी गई थी। उनका उपनाम प्रेमधन था। प्रेमघन की रचनाओं को तीन खंडों में विभाजित किया गया है: प्रबंध काव्य, संगीत काव्य और स्फुता निबंध। वे कवि होने के साथ-साथ एक अच्छे गद्य लेखक और नाटककार भी थे। उन्होंने निबन्ध, नाटक, प्रहसन तथा गद्य आलोचना लिखकर अपनी साहित्यिक प्रतिभा का चतुराई से उपयोग किया है।
गद्य में खड़ी बोली के शब्दों का प्रयोग आलंकारिक योजना के साथ प्रयुक्त हुआ। प्रेमघन की गद्यशैली की समीक्षा से यह स्पष्ट हो जाता है कि खड़ी बोली गद्य के वे प्रथम आचार्य थे। आनंद कादम्बिनी 1881 में प्रकाशित एक मासिक पत्रिका थी। “भारत सौभाग्य” 1888 लिखी गयी थी जो की कांग्रेस के आम अधिवेशन के अवसर पर बजानी थी| उनकी मृत्यु 1978 में हुई थी| इन्होने हिंदी और संस्कृत के प्रचार-प्रसार में काफी योगदान किया। बद्रीनारायण चौधरी की कुछ प्रसिद्ध रचनाएँ हैं:
- कृतियां भारत स्वरभक्ति,
- प्रयाग रामगमन,
- संगीत सुधासरोवर
- भारत भाग्यबुद्धि काव्य
Summary:
आनंद कादम्बिनी के संपादक कौन थे?
बद्रीनारायण चौधरी ‘प्रेमधन’ आनंद कादम्बिनी के संपादक थे। उन्होंने इस मासिक पत्रिका का प्रकाशन 19वीं शताब्दी के प्रारंभ में शुरू किया था। इस पत्रिका के प्रकाशन की शुरुआत उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से हुई थी। गौरतलब है कि वह भी मिर्जापुर के रहने वाले थे। उनका उपनाम प्रेमधन था। वर्क्स भारत स्वरभक्ति उनकी प्रसिद्ध कृतियों में से एक है।
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