लोकोक्तियां पर स्टडी नोट्स

By Abhishek Jain |Updated : August 24th, 2022

राज्य परीक्षाओं में  व्याकरण भाग से विभिन्न प्रश्न पूछे जाते है ये प्रश्न आप  बहुत आसानी से हल कर सकते है यदि आप हिंदी भाषा से सम्बंधित नियमों का अध्ययन ध्यानपूर्वक करें । यहां बहुत ही साधारण भाषा में विषय को समझाया गया है तथा विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से भी अवधारणा को स्पष्ट किया गया है प्रस्तुत नोट्स को पढ़ने के बाद आप लोकोक्तियां से सम्बंधित विभिन्न प्रश्नों को आसानी से हल कर पाएंगे।

लोकोक्तियां :

अनुभव से बनने वाली उक्तियां जो किसी समाज ने लंबे अनुभव से सीखा है उसे एक वाक्य में बाँध दिया है लोकोक्तियां कहलाती है पिछले कुछ वर्षों से विभिन्न प्रसिद्द लोकोक्तियों पर परीक्षाओं में प्रश्न पूछे गए हैं जिनमे से प्रमुख लोकोक्तियाँ उदाहरण स्वरूप प्रस्तुत हैं -

1. अपनी करनी पार उतरनी = जैसा करना वैसा भरना

2. आधा तीतर आधा बटेर = बेतुका मेल

3. अधजल गगरी छलकत जाए = थोड़ी विद्या या थोड़े धन को पाकर वाचाल हो जाना

4. अंधों में काना राजा = अज्ञानियों में अल्पज्ञ की मान्यता होना

5. अपनी अपनी ढफली अपना अपना राग = अलग अलग विचार होना

6. अक्ल बड़ी या भैंस = शारीरिक शक्ति की तुलना में बौद्धिक शक्ति की श्रेष्ठता होना

7. आम के आम गुठलियों के दाम = दोहरा लाभ होना

8. अपने मुहं मियाँ मिट्ठू बनना = स्वयं की प्रशंसा करना

9. आँख का अँधा गाँठ का पूरा = धनी मूर्ख

10. अंधेर नगरी चौपट राजा = मूर्ख के राजा के राज्य में अन्याय होना

वाक्य में लोकाक्तियो का उपयोग:

1. अधजल गगरी छलकत जाए- (कम गुण वाला व्यक्ति दिखावा बहुत करता है) - श्याम बातें तो ऐसी करता है जैसे हर विषय में मास्टर हो, वास्तव में उसे किसी विषय का भी पूरा ज्ञान नहीं-अधजल गगरी छलकत जाए।

2. अब पछताए होत क्या, जब चिड़ियाँ चुग गई खेत- (समय निकल जाने पर पछताने से क्या लाभ) - सारा साल तुमने पुस्तकें खोलकर नहीं देखीं। अब पछताए होत क्या, जब चिड़ियाँ चुग गई खेत।

3. आम के आम गुठलियों के दाम - (दुगुना लाभ) - हिन्दी पढ़ने से एक तो आप नई भाषा सीखकर नौकरी पर पदोन्नति कर सकते हैं, दूसरे हिन्दी के उच्च साहित्य का रसास्वादन कर सकते हैं, इसे कहते हैं-आम के आम गुठलियों के दाम।

4. ऊँची दुकान फीका पकवान - (केवल ऊपरी दिखावा करना) - कनॉटप्लेस के अनेक स्टोर बड़े प्रसिद्ध है, पर सब घटिया दर्जे का माल बेचते हैं। सच है, ऊँची दुकान फीका पकवान।

5. घर का भेदी लंका ढाए - (आपसी फूट के कारण भेद खोलना) - कई व्यक्ति पहले कांग्रेस में थे, अब जनता (एस) पार्टी में मिलकर काग्रेंस की बुराई करते हैं। सच है, घर का भेदी लंका ढाए।

6. ईश्वर की माया कहीं धूप कहीं छाया = ईश्वर की बातें विचित्र हैं।
प्रयोग- कई बेचारे बुखेपेट ही रातें गुजारते हैं और कई भव्य होटलों में स्वादिष्ट भोजन का आनन्द करते हैं। सच है ईश्वर की माया कहीं धूप कहीं छाया।
 
7. उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे = अपराधी निरपराध को डाँटे
प्रयोग- एक तो पूरे वर्ष पढ़ाई नहीं की और अब परीक्षा में असफल होने पर मित्रो को दोष दे रहे हैं। यह तो वही बात हो गई- उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे।
 
8. उसी का जूता उसी का सिर = किसी को उसी की युक्ति से बेवकूफ बनाना
प्रयोग- जब छात्र शिक्षक की छड़ी से शिक्षक को ही मारने लगा तो सबने यही कहा कि ये तो उसी का जूता उसी का सिर वाली बात हो गई।
 
9. ऊँची दुकान फीके पकवान= जिसका नाम अधिक हो, पर गुण कम हो
प्रयोग - राधेश्याम की दुकानके कपड़ो का नाम ही नाम हैगुण तो कुछ भी नहीं है। बस 'ऊँची दुकान फीके पकवानहै यह तो वही बात हुई ऊँची दुकान फीके पकवान
 
10. एक मछली सारे तालाब को गंदा कर देती है = एक खराब चीज सारी चीजों को खराब कर देती है।
प्रयोग-  मेरी स्कूल में कुछ छात्र ऐसे थे जो दूसरे स्कूल के छात्रों से लड़ाई करते थे। इससे पूरे स्कूल का नाम बदनाम हो गई। कहते भी हैं- 'एक मछली सारे तालाब को गंदा कर देती है।'

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