पीआईबी सारांश एवं विश्लेषण - 02 जुलाई 2022

By Kriti Gupta (BYJU'S IAS)|Updated : July 2nd, 2022

पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) भारत सरकार से मीडिया तक समाचार प्रसारित करने वाली नोडल एजेंसी है। पीआईबी की विज्ञप्ति सिविल सेवा परीक्षा के नजरिए से महत्वपूर्ण हैं। पीआईबी सारांश और विश्लेषण उम्मीदवारों को समसामयिक मामलों के संबंध में समाचार और उसके संदर्भ में विशेष मुद्दों के महत्व को समझने में मदद करेगा।

Table of Content

1. भारत-ईयू व्यापार एवं निवेश समझौतों के लिए वार्ताओं का पहला चरण समाप्त: 

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।  

प्रारंभिक परीक्षा:  भारत-ईयू व्यापार एवं निवेश समझौता

प्रसंग: 

  • भारत और यूरोपीय संघ ने नई दिल्ली में भौगोलिक संकेतों (GI) सहित भारत-ईयू व्यापार एवं निवेश समझौतों के लिए वार्ता का पहला चरण पूरा कर लिया है। 

विवरण: 

  • सप्ताह भर चली वार्ताएं हाइब्रिड फैशन के तहत हुईं, जिनमें कुछ टीम दिल्ली में बैठक कर रही थीं और अधिकांश अधिकारी वर्चुअल हाइब्रिड फैशन के जरिये जुड़े हुए थे। इस चरण में 52 तकनीकी सत्र हुए, जिनमें FTA के 18 नीतिगत क्षेत्रों को शामिल किया गया था और 7 सत्र निवेश सुरक्षा और GI पर हुए थे।
  • वार्ताओं का दूसरा चरण ब्रसेल्स में सितंबर, 2022 में होना है।
  • वार्ताओं का शुभारम्भ वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री तथा यूरोपीय संघ के एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट ने पिछले महीने ब्रसेल्स में किया था।
  • 2021-22 में ईयू के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार 116.36 अरब डॉलर का रहा। वैश्विक उथल-पुथल के बावजूद, 2021-22 में द्विपक्षीय व्यापार में 43.5 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। वर्तमान में अमेरिका के बाद ईयू भारत का दूसरा बड़ा व्यापारिक भागीदार है और भारतीय निर्यात के लिए दूसरा बड़ा गंतव्य है। 
  • ईयू के साथ व्यापार समझौता, भारत को अपनी मूल्य श्रृंखला को सुरक्षित करने के साथ ही वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात को बढ़ाने एवं विविधता लाने में सहायक होगा। दोनों पक्षों का उद्देश्य व्यापार निष्पक्षता और परस्पर लेनदेन के सिद्धांतों के आधार पर वार्ताओं को समग्र रूप में, संतुलित और व्यापक बनाना है।

 

2. स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर अभियान

सामान्य अध्ययन: 3

पर्यावरण:

विषय:  संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन। 

प्रारंभिक परीक्षा: स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर अभियान

प्रसंग: 

  • इस वर्ष भारत सरकार अन्य स्वयंसेवी संगठनों और स्थानीय समाज के साथ मिलकर भारत के पूरे समुद्र तट पर "स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर" पर स्वच्छता अभियान चलाएगी।

विवरण:  

  • इस अभियान में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (MOES),पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MOEFCC), भारतीय तटरक्षक बल, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के साथ-साथ अन्य सामाजिक संगठन और शैक्षणिक संस्थान शामिल होंगे।
  • इस अभियान में मुख्य रूप से समुद्री अपशिष्ट को कम करने, प्लास्टिक का न्यूनतम उपयोग, स्रोत पर ही पृथक्करण और अपशिष्ट प्रबंधन के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए भौतिक और आभासी (वर्चुअल) दोनों तरह से बड़े पैमाने पर सार्वजनिक भागीदारी देखी जाएगी।
  • यह दुनिया में अपनी तरह का पहला और सबसे लंबे समय तक चलने वाला समुद्र तटीय स्वच्छता अभियान होगा, जिसमें अधिक से अधिक लोग भाग लेंगे।  इसमें आम आदमी की भागीदारी न केवल तटीय क्षेत्रों बल्कि देश के अन्य हिस्सों की समृद्धि के लिए "स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर" का संदेश देगी।
  • अभियान के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एवं 17 सितंबर, 2022 को समुद्र तट की सफाई गतिविधियों हेतु स्वैच्छिक पंजीकरण के उद्देश्य से आम लोगों के लिए एक मोबाइल ऐप "इको मित्र" भी शुरू किया गया है।
  • इस अभियान के माध्यम से जनसाधारण के बीच बड़े पैमाने पर व्यवहार परिवर्तन करने  का उद्देश्य इस बारे में जागरूकता बढ़ाना है कि किस प्रकार प्लास्टिक का उपयोग हमारे समुद्री जीवन को नष्ट कर रहा है।

 

3. कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने प्रशिक्षुओं को सीधे तौर पर आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए डीबीटी योजना की शुरुआत की 

सामान्य अध्ययन: 3

अर्थव्यवस्था:

विषय:  समावेशी विकास तथा इससे उत्पन्न विषय।

प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रोत्साहन योजना (NAPS)  

प्रसंग

  • कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) ने घोषणा की है कि राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रोत्साहन योजना (NAPS) प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) कार्यक्रम का एक हिस्सा होगी, जो सभी प्रशिक्षुओं को प्रत्यक्ष तौर पर सरकारी आर्थिक सहायता प्रदान करेगी।

विवरण

  • इससे पहले कंपनियां प्रशिक्षुओं को पूरी राशि का भुगतान करती थी और फिर सरकार से उस प्रतिपूर्ति की मांग करती थी। सरकार डीबीटी योजना के शुभारंभ के साथ ही राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) के माध्यम से प्रशिक्षुओं के बैंक खातों में अपना योगदान सीधे स्थानांतरित कर देगी, जो छात्रवृत्ति का 25% यानी कि प्रति माह 1500 रुपए तक देय होगा।
  • भारत के युवाओं को कौशल युक्त, पुन: कौशल से पूर्ण और अधिकतम कौशल युक्त बनाने, प्रति व्यक्ति आर्थिक उत्पादन बढ़ाने तथा राष्ट्रीय अभियानों में उनका सहयोग प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों को एक सहभागी आंदोलन में बदलना अनिवार्य है। यह न केवल उम्मीदवारों को वर्तमान समय के औद्योगिक वातावरण को प्रदर्शित करता है बल्कि उन्हें प्रशिक्षण के दौरान अर्थव्यवस्था में योगदान  का अवसर देता है। इससे सरकार, व्यवसायों और शैक्षिक प्रणालियों के सहयोग से स्थायी कौशल विकास रणनीति बनाकर स्किल इंडिया मिशन को भी बढ़ावा मिलता है। कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय का उद्देश्य कौशल विकास के इस तरह के स्थायी मॉडल के माध्यम से युवाओं की रोजगार क्षमता को और बढ़ावा देना है।
  • देश में प्रशिक्षुता व प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ावा देने और प्रशिक्षण देने वाले प्रतिष्ठानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए 19 अगस्त, 2016 को राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रोत्साहन योजना (NAPS) शुरू की गई थी। इस कार्यक्रम का उद्देश्य नियोक्ताओं को प्रशिक्षुओं को नियुक्त करने के लिए प्रेरित करना और गहन कौशल विकास के माध्यम से उनकी क्षमताओं को अधिकतम करते हुए उचित नौकरी को खोजने में सहायता करना है। अभी तक, 12 लाख से अधिक प्रशिक्षु विभिन्न उद्योगों से जुड़ चुके हैं।
  • भारत के एक कुशल कार्यबल के निर्माण के उद्देश्य से विभिन्न प्रशिक्षुता सुधारों की शुरुआत के साथ 'विश्व की कौशल राजधानी' बनने का सपना पूरा होने की राह पर है। यह कल्पना की गई है कि आने वाले वर्षों में इन योजनाओं को और बढ़ाया जाएगा तथा सभी अनुबंध डीबीटी अनुबंध होंगे।

 

4. नीति आयोग ने “कोविड-19 का प्रबंधन और शमन: भारतीय राज्यों और संघ शासित प्रदेशों द्वारा आयुष-आधारित प्रैक्टिस सार संग्रह ” जारी किया

सामान्य अध्ययन: 2 

स्वास्थ्य:

विषय:  स्वास्थ्य से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।

प्रारंभिक परीक्षा: कोविड-19 का प्रबंधन और शमन: भारतीय राज्यों और संघ शासित प्रदेशों द्वारा आयुष-आधारित प्रैक्टिस सार संग्रह

प्रसंग:

  • नीति आयोग ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आयुष आधारित चिकित्सा उपायों का एक सार-संग्रह जारी किया है। इस संग्रह में कोविड-19 महामारी के प्रसार को देखते हुए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा की गई आयुष-आधारित विभिन्न पहलों तथा उपायों की विस्तृत सूचना दी गई है।

विवरण:

  • वर्ष 2020 से पूरा विश्व कोविड-19 के रूप में अभूतपूर्व जन स्वास्थ्य संकट का सामना कर रहा है। भारत में कोविड-19 महामारी के प्रबंधन में राज्य और केंद्र शासित प्रदेश, केंद्र सरकार के बराबर के साझीदार रहे हैं। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के आयुष विभागों ने कोविड-19 का मुकाबला करने में राज्य स्वास्थ्य विभागों के साथ मिलकर भारत की क्षमता बढ़ाई। आयुष की मौजूदगी वृहद स्तर पर देखी गई और इस समय जरूरत इस बात की है कि आयुष की विश्वसनीयता बनाये रखने के लिये इस गति को बनाए रखा जाए।
  • कोविड-19 महामारी के दौरान प्राप्त अनुभव का प्रसार अत्यंत आवश्यक है जिससे यह जानकारी मिलेगी  कि लोगों के लाभ हेतु किस प्रकार आयुष उपायों को देश और राज्य स्तर पर लागू किया गया। इस संग्रह में कोविड-19 के विरुद्ध लड़ाई को मजबूती देने में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने किस तरह आयुष उपायों व संसाधनों को अपनाया, इसके बारे में सूचना दी गई है। यह दस्तावेज उन सभी देशों के हितधारकों के लिए भी ज्ञान का भंडार साबित होगा, जिन देशों के यहां पारंपरिक औषधि प्रणाली का अच्छा तंत्र मौजूद है। इससे कोविड-19 महामारी के विरुद्ध तथा भविष्य की सीमित महामारियों और विशाल महामारियों से लड़ने में मदद मिलेगी।”
  • भारत में, समकालीन औषधि प्रणाली के साथ-साथ आयुष प्रणाली ने कोविड-19 महामारी से उत्पन्न  होने वाले स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिये विभिन्न मोर्चों पर सक्रिय भूमिका निभाई है। परंपरागत और व्यवहारगत स्वास्थ्य प्रणालियों के सामूहिक प्रयासों के जरिए एक बेहतरीन स्वास्थ्य प्रणाली प्रदान करके विश्व के लिए आगे का रास्ता खुल जाएगा।”
  • आयुष-आधारित उपायों के इस संग्रह को तैयार करने में नीति आयोग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से संपर्क किया और आग्रह किया कि कोविड-19 महामारी को कम करने तथा उसके प्रबंधन में जो आयुष उपाय किए, उन्हें साझा करें।
  • संग्रह में उल्लिखित उपायों को पांच वर्गों में बांटा गया (1) राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अपनाये गये उपायों के लक्ष्यों की जानकारी, (2) आयुष मानव संसाधन और अवसंरचना, (3) त्वरित कार्रवाई और पहलें, (4) डिजिटल प्लेटफॉर्म और टेली-मेडिसिन, (5) उत्पन्न होने वाले मुद्दे या समाधान किये जाने वाले मुद्दे। संग्रह में आयुष मंत्रालय का सार-संक्षेप, भारत सरकार के दिशा-निर्देश और पहलों को भी सम्मिलित किया गया है।
  • रिपोर्ट में संकेत दिया गया है कि देश में परम्परागत स्वास्थ्य प्रणालियों को और मजबूत करने की जरूरत है। आधुनिक प्रणाली के साथ प्रमाणित आयुष सेवाओं के एकीकरण में देश की स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने की अपार क्षमता मौजूद है।

 

      प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

  • आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

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